उत्तर प्रदेश के बरेली में 'आई लव मुहम्मद' अभियान से जुड़े विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसक झड़पों को लेकर मौलाना तौक़ीर रज़ा के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है. बरेली नगर निगम ने मौलाना तौक़ीर रज़ा की संस्था इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के दफ़्तर को सील कर दिया है. यह कार्रवाई बरेली में की गई है. IMC का दफ़्तर एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के अंदर स्थित था. नगर निगम ने इस शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को नाले पर अवैध रूप से बना होने की वजह से चिह्नित किया था. नाले पर अतिक्रमण कर बनाए गए इस अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने के लिए नगर निगम ने यह कदम उठाया है.
'आई लव मोहम्मद' कैंपेन शुरू होने के बाद बरेली में हुई हिंसा के बाद दर्ज की गई एफआईआर में गिरफ़्तार मौलवी और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान को आरोपी नंबर 1 बनाया है. एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि रज़ा ने अपने फॉलोअर्स से शहर का माहौल बिगाड़ने का आह्वान किया था.
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि तौक़ीर रज़ा ने अपने समर्थकों से कहा, "आज शहर का माहौल बिगाड़ना है, चाहे पुलिस वालों की हत्या करनी पड़े, और मुसलमानों की ताक़त दिखानी है."
बरेली में कैसे भड़की हिंसा?
पिछले हफ़्ते, बरेली में 'आई लव मुहम्मद' अभियान के समर्थन में एक प्रोटेस्ट अचानक रद्द होने के बाद अफ़रा-तफ़री मच गई. बीएनएसएस की धारा 163 लगने के बावजूद नमाज़ के बाद तौकीर रज़ा के आवास और कोतवाली मस्जिद के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई.
पथराव और तोड़फोड़ तेज़ी से दरगाह-ए-आला हज़रत और इस्लामिया मैदान की ओर फैल गई. वाहनों और दुकानों को नुकसान पहुंचाया गया, कई पुलिसकर्मियों को चोटें आईं और बाज़ारों में दुकानें बंद करनी पड़ीं.
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2000 लोगों पर एफआईआर...
पुलिस ने मामले में कुल 11 एफआईआर दर्ज की है, जिसमें दो हजार से ज़्यादा लोगों के नाम शामिल हैं. करीब 40 लोगों को हिरासत में लिया गया है. तौकीर रजा को पहले नज़रबंद किया गया था और बाद में हिरासत में ले लिया गया. पुलिस अधिकारी साज़िश का पता लगाने के लिए तौकीर रजा और उनके साथियों के मोबाइल फ़ोन की भी जांच कर रहे हैं.
संतोष शर्मा