कौन-कौन अफसर बने छांगुर बाबा की काली कमाई के हिस्सेदार? अवैध धर्मांतरण केस में एजेंसियां सख्त

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग के मामले की जांच जारी है. जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने करोड़ों रुपये की अवैध कमाई का बड़ा हिस्सा कई लोगों में बांट दिया था. अब जांच एजेंसियां इस बात की पड़ताल कर रही हैं कि इस काली कमाई में कौन-कौन शामिल था. जांच का दायरा सरकारी कर्मचारियों, न्यायालय के बाबू, उनकी पत्नी से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और बिचौलियों तक पहुंच चुका है.

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कौन अफसर बने छांगुर बाबा की काली कमाई के हिस्सेदार. (File Photo: ITG) कौन अफसर बने छांगुर बाबा की काली कमाई के हिस्सेदार. (File Photo: ITG)

आशीष श्रीवास्तव

  • बलरामपुर,
  • 24 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST

यूपी के बलरामपुर में विदेशी फंड और अवैध धर्मांतरण के मामले की पड़ताल जारी है. इस मामले का आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा अवैध कमाई का बड़ा हिस्सा कई लोगों में बांट चुका है. कोर्ट के बाबू की पत्नी तक को इस काली कमाई में हिस्सेदार बनाया गया. जब ये मामला सामने आया तो केंद्रीय जांच एजेंसियां अलर्ट हो गईं. अब जांच उन लोगों पर भी हो रही है, जिन्होंने छांगुर की काली कमाई में भागीदारी की.

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जांच एजेंसियों की टीम ने बुधवार को उतरौला क्षेत्र का गुप्त निरीक्षण किया. छांगुर बाबा से 50 से अधिक लोगों की सांठगांठ होने का संदेह है, जिनमें 23 लोग स्थानीय बताए जा रहे हैं. कई प्रधान और पूर्व प्रधानों के नाम चर्चा में हैं. एसटीएफ को भी बड़े पैमाने पर अवैध धर्मांतरण मिशन से लोगों को जोड़ने के साक्ष्य मिले हैं. छांगुर बाबा की खाड़ी देशों में भी गहरी पैठ की बात सामने आई है.

यह भी पढ़ें: 'छांगुर बाबा बाहर आएंगे, सबको सबक सिखाएंगे'... धर्मांतरण सिंडिकेट के गुर्गों की खुलेआम धमकी, डर के साए में पीड़ित महिलाएं

छांगुर बाबा तरह-तरह से लोगों को लाभ पहुंचाकर अपनी पकड़ मजबूत करता गया. विदेशी फंड के बंटवारे में स्थानीय लोगों के साथ-साथ सरकारी अफसर और कर्मचारियों के भी शामिल होने की बात सामने आई है. आयकर विभाग ने फरवरी में ही संदिग्ध कमाई पर रिपोर्ट दी थी, अब इस मामले की दोबारा जांच-पड़ताल की जा रही है. छांगुर बाबा जमीन खरीदने-बेचने की रणनीति के तहत बिचौलियों को अपने साथ मिला चुका था.

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छांगुर ने नवीन और महबूब नाम के करीबियों को 50 करोड़ रुपये तक की जमीन डीलिंग में पूरी छूट दी थी. उसने कई जिलों में बिचौलियों को बयाना (अग्रिम भुगतान) भी दिया. कुछ सौदे सिर्फ जुबानी किए. कोर्ट के बाबू राजेश उपाध्याय की गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि छांगुर ने अपराधियों को जोड़ा. समुदाय विशेष के अपराधियों को जोड़कर उसने उनकी जमानत तक के खर्च उठाए. एटीएस के एक गवाह को धमकी देने के मामले में पहले ही तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है.

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