जम्मू-कश्मीर में आए बर्फीले तूफान की चपेट में आकर सेना के तीन जवान शहीद हो गए जिनमें से एक गुरदासपुर के गांव सिद्धपुर नवां पिंड के थे. इस जवान की शादी करीब एक साल पहले ही हुई थी. दो महीने पहले ही उनके घर नन्हीं परी आई थी लेकिन उसका चेहरा देखे बिना ही यह जवान देश के लिए शहीद हो गया. यह जवान जम्मू-कश्मीर में कुपवाड़ा जिले के माछिल-उड़ी सेक्टर में शहीद हुआ.
26 साल के रंजीत सिंह सलारिया 45 वीं राष्ट्रीय राइफल्स में सिपाही थे. वह इस समय जम्मू कश्मीर में तैनात थे.
रंजीत की शादी पिछले साल 26 जनवरी 2019 को हुई थी. घर में हर तरफ खुशियों का माहौल था.
शादी के बाद शहीद रंजीत सिंह दुश्मनों से लोहा लेने मोर्चे पर चले गए.
दिसंबर में उनके घर एक बेटी का जन्म हुआ जिसका नाम परी रखा गया.
शहीद रंजीत सिंह अपनी बेटी का हंसता-मुस्कराता चेहरा देख भी नहीं पाए थे, उससे पहले ही वह बर्फीले तूफान की चपेट में आ गए और हमेशा के लिए सो गए.
शहीद के पिता हरबंस सिंह ने बताया कि हमें मंगलवार की शाम को फोन आया था कि आप के बेटे की बर्फ में गिरने से मौत हो गई है. पिता ने आंखों में आंसू भरते हुए कहा कि उनका यह एकमात्र सहारा थे. दूसरा बेटा मंदबुद्धि है.
पिता ने बेटे को याद करते हुए कहा कि मेरे बेटे की अभी पिछले साल ही शादी हुई थी. कुछ महीने की बेटी परी है. सारे परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है. पूरे गांव में शोक की लहर है क्योंकि परिवार बड़ी गरीब हालत में अपना गुजारा कर रहा है. घर मे यही कमाने वाला था, जो देश के लिए शहीद हो गया.