दिवाली और दशहरे पर घर नहीं विदेश जा रहे हैं भारतीय, ये देश हैं पसंद

2025 के फेस्टिव सीजन में भारतीय युवाओं ने पारंपरिक घर की छुट्टियों को छोड़कर विदेश यात्रा को प्राथमिकता दी है. मिलेनियल्स और जेन ज़ेड की बढ़ती रुचि ने इन गंतव्यों को टॉप चॉइस बना दिया है.

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मिलेनियल्स और जेन ज़ेड की नई पसंद (Photo: Ai generated ) मिलेनियल्स और जेन ज़ेड की नई पसंद (Photo: Ai generated )

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 08 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 2:43 PM IST

सालों से, भारत में त्योहारों का मौसम यानी पूरे परिवार का एक साथ जुटना, खचाखच भरी ट्रेनों में सफर करना और अपने गांव लौटना माना जाता रहा है. लेकिन साल 2025 एक बिल्कुल अलग तस्वीर पेश कर रहा है. अब भारत की एक बड़ी आबादी अपने बैग पैक कर रही है, लेकिन इस बार, घर के लिए नहीं, बल्कि विदेश में लंबी छुट्टी मनाने के लिए.

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वीज़ा प्रोसेसिंग प्लेटफ़ॉर्म एटलिस (Atlys) के आंकड़े बताते हैं कि सितंबर और अक्टूबर 2025 के बीच जारी वीज़ा आवेदनों में 71% से ज़्यादा अकेले यात्रा करने वालों के थे. यह आंकड़ा पारंपरिक रूप से परिवार-केंद्रित त्योहारों के पर्यटन में नाटकीय बदलाव का संकेत है. दरअसल अब भारतीय युवा केवल छुट्टियों के लिए नहीं, बल्कि नए अनुभवों और ग्लोबल कल्चर का आनंद लेने के लिए विदेश जा रहे हैं.

यह डेटा भारतीय समाज में आए एक बड़े बदलाव को उजागर करता है. जहां पहले त्योहारों के दौरान परिवार के साथ होना अनिवार्य माना जाता था, वहीं अब युवा भारतीय इस छुट्टी का उपयोग खुद की यात्रा की इच्छाएं पूरी करने के लिए कर रहे हैं.

युवा पीढ़ी और उनका दबदबा

इस बदलाव के केंद्र में युवा पीढ़ी है. आंकड़ों के अनुसार, सभी आवेदकों में मिलेनियल्स (Millennials) की हिस्सेदारी सबसे ज़्यादा 53.5% थी, इसके बाद जेन ज़ेड (Gen Z) की हिस्सेदारी 29.7% थी. यानी 83% से ज़्यादा यात्री युवा और नई पीढ़ी के हैं. दिलचस्प बात यह भी है कि अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के इन आवेदनों में पुरुषों का दबदबा 75.9% था, जबकि महिलाओं का आंकड़ा 21.6% रहा. यह साफ संकेत है कि भारतीय युवा, खासकर पुरुष मिलेनियल्स और जेन-ज़ेड, अब पारंपरिक पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के बजाय विदेश में नए अनुभवों की तलाश कर रहे हैं.

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ये 6 एशियाई देश बने टॉप चॉइस

इस त्यौहारी सीजन में भारतीय युवाओं की पसंदीदा जगहें हैं संयुक्त अरब अमीरात, थाईलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया और श्रीलंका. ये सभी देश अपनी सुविधाजनक उड़ान कनेक्टिविटी, आसान वीज़ा प्रक्रिया (जैसे वीज़ा ऑन अराइवल या ई-वीज़ा) और सुखद गर्म मौसम के कारण भारतीय यात्रियों की शीर्ष पसंद बने हुए हैं. यही कारण है कि यात्री अब लंबे सप्ताहांतों का लाभ उठाकर, कम समय और कम खर्च में विदेश में यादगार अनुभव बटोर रहे हैं.

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एशिया से बाहर की पसंद

एशियाई देशों के अलावा, यूरोपीय गंतव्यों में भी एक खास ट्रेंड देखने को मिला है. जर्मनी इस सीज़न में सबसे ज़्यादा पसंद किया जाने वाला शेंगेन गंतव्य बन गया है. इसकी मुख्य वजह है विश्व प्रसिद्ध ओकटोबरफेस्ट (Oktoberfest). यह सांस्कृतिक उत्सव हर साल जर्मनी में आयोजित होता है. यही वजह है कि भारतीय पर्यटक अब ऐसे बड़े वैश्विक आयोजनों में शामिल होने को अपनी यात्रा योजनाओं का हिस्सा बना रहे हैं.

यही वजह है कि इस सीज़न में जारी किए गए लगभग दो-तिहाई शेंगेन वीज़ा (Two-thirds of Schengen Visas) अकेले जर्मनी के लिए थे. इन यात्रियों में भी ज़्यादातर सोलो, नई पीढ़ी के और पुरुष शामिल थे, जो इस बात की पुष्टि करता है कि भारतीय अब पारंपरिक पर्यटन स्थलों के बजाय प्रामाणिक और गहन अनुभवों की तलाश में हैं.
 

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