दुनिया के ज्यादातर देशों में पर्यटन तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन अमेरिका इसके उलट मंदी के दौर से गुजर रहा है. दरअसल अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या लगातार घट रही है. 2025 में पर्यटकों के खर्च में 12.5 बिलियन डॉलर तक की गिरावट आने का अनुमान है.
हैरानी की बात यह है कि 184 देशों में से अमेरिका अकेला ऐसा देश है जहां यह गिरावट दर्ज की जा रही है. इसके पीछे वीज़ा शुल्क में बढ़ोतरी, टैरिफ और नेताओं की राजनीतिक बयानबाज़ी को बड़ा कारण माना जा रहा है. यही वजह है कि इसका सीधा असर अमेरिकी टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ रहा है.
ट्रंप-युग की नीतियों और हालिया वीज़ा नियमों ने अमेरिका का पर्यटन उद्योग हिला दिया है. नया $250 (करीब 21,500 रुपये) वीज़ा इंटीग्रिटी शुल्क लगाने के बाद अमेरिका आने का खर्च और बढ़ गया है. अब एक पर्यटक वीज़ा की कीमत लगभग $442 (करीब 40,000 रुपये) हो गई है, जो दुनिया में सबसे महंगी वीज़ा लागतों में गिनी जा रही है. इसका सीधा असर अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या पर पड़ा है.
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टूरिज्म इकोनॉमिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के अंत में अनुमान था कि 2025 में अमेरिका में विदेशी पर्यटक 9 प्रतिशत बढ़ेंगे, लेकिन हकीकत उलट है. अब अनुमान है कि 2025 में पर्यटकों के आगमन में 8.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. यही नहीं, 2024 में जहां पर्यटन से 184 अरब रुपये की कमाई हुई थी, वहीं 2025 में यह घटकर सिर्फ 169 अरब रुपये रह सकती है.
कनाडा, अमेरिका के लिए पर्यटकों का सबसे बड़ा स्रोत है. अमेरिका आने वाले 28 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय पर्यटक सिर्फ कनाडा से आते हैं. लेकिन हाल के महीनों में कनाडाई यात्राओं में 35-43 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है. इतना ही नहीं सिएटल जैसे शहरों में तो अपने कुल विदेशी पर्यटकों का चौथाई हिस्सा खोने का अनुमान है. इसके पीछे राजनीतिक तनाव, बढ़ते टैरिफ और सख़्त वीज़ा व आव्रजन (स्थायी या लंबी अवधि के लिए बसने के उद्देश्य से आना) नियमों को प्रमुख कारण माना जा रहा है.
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रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका में बिज़नेस ट्रैवल यानी व्यावसायिक यात्राएं लगभग स्थिर हैं. कंपनियां अब भी मीटिंग और निवेश के लिए अमेरिका आ रही हैं. लेकिन अवकाश यात्राएं (Leisure Travel) बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. यही कारण है कि पर्यटन से होने वाली आमदनी पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. क्योंकि अवकाश यात्राओं से ही होटल, एयरलाइन, रेस्टोरेंट और शॉपिंग जैसी इंडस्ट्रीज़ को सबसे ज्यादा फायदा होता है.
जहां अमेरिका में गिरावट दर्ज की जा रही है, वहीं चीन, कोलंबिया और कई अन्य देशों ने पर्यटन से रिकॉर्ड कमाई की है. चीन ने महामारी से पहले की तुलना में पर्यटन राजस्व में 10.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है. इसके उलट अमेरिका में न सिर्फ पर्यटक घटे हैं, बल्कि राजनीतिक बयानबाज़ी और कड़े नियमों ने देश की छवि को भी नुकसान पहुंचाया है.
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