बिहार में वोटिंग के बीच जानें उन 5 जिलों को जो मंदिरों और किलों के लिए हैं मशहूर

बिहार में पहले चरण की वोटिंग जारी है. आज 121 सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं. चुनावी सरगर्मी के बीच जानिए बिहार के उन जिलों के बारे में जिनका अपना ऐतिहासिक महत्व है.

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बिहार के इन जिलों में छिपा है असली रोमांच (Photo: incredibleindia.gov.in) बिहार के इन जिलों में छिपा है असली रोमांच (Photo: incredibleindia.gov.in)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:02 AM IST

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग चल रही है. लोकतंत्र के इस उत्सव के बीच, यह जानना वाकई दिलचस्प है कि बिहार के कई जिले सिर्फ राजनीति के लिए नहीं, बल्कि अपने समृद्ध इतिहास, धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी दुनिया भर में जाने जाते हैं. बिहार का हर जिला अपनी मिट्टी में एक गहरा इतिहास, अद्भुत आस्था और प्राकृतिक रोमांच समेटे हुए है.

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जानते हैं बिहार के 5 ऐसे ही जिलों के बारे में, जहां आपको राजनीति से हटकर घूमने का असली मजा मिलेगा.

1. खगड़िया 

जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर स्थित कात्यायनी मंदिर खगड़िया की पहचान है. यह सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि इतिहास और आस्था का संगम है. पुरानी मान्यताओं के अनुसार, यहां ऋषि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर मां दुर्गा ने उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया था, इसीलिए यह स्थान 'कात्यायनी' कहलाया. सोमवार और शुक्रवार को यहां श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ती है.

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2. बेगूसराय

बेगूसराय में वास्तुकला और प्रकृति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है. यहां का नौलखा मंदिर अपनी भव्यता और सुंदरता के लिए मशहूर है, जहां सफेद संगमरमर से बनी श्रीराम, सीता और लक्ष्मण की प्रतिमाएं देखने लायक हैं. मंदिर की छत पर की गई शीशे की कलाकारी और दीवारों की बारीक नक्काशी पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है. वहीं, जयमंगला गढ़ सिद्धपीठ अखंड भारत के 52 पवित्र शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. इसके पास स्थित पक्षी अभयारण्य सर्दियों में देश-विदेश से आने वाले रंग-बिरंगे पक्षियों से भर जाता है, जिससे यह जगह आस्था और प्रकृति प्रेमियों दोनों के लिए खास आकर्षण बन जाती है.

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3. दरभंगा

दरभंगा जिला इतिहास प्रेमियों के लिए एक खास गंतव्य है. यहां का दरभंगा फोर्ट, जिसे रामबाग किला भी कहा जाता है, 85 एकड़ में फैला एक विशाल और भव्य ऐतिहासिक स्थल है. यह किला 1934 से 1947 के बीच बनाया गया था. इसकी ऊंची दीवारें आज भी मिथिला के समृद्ध और शाही अतीत की कहानी सुनाती हैं. इसके अलावा, यहां स्थित चंद्रधारी म्यूजियम भी जरूर देखना चाहिए. इतिहास के शौकीनों के लिए यह जगह किसी 'टाइम ट्रेवल' से कम नहीं है, क्योंकि यहां मिथिला की कला, प्राचीन मूर्तियां और कई दुर्लभ ऐतिहासिक दस्तावेज बड़े ही सलीके से सुरक्षित रखे गए हैं.

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4. मुंगेर

मुंगेर जिला प्रकृति और पौराणिक कथाओं का एक अनोखा संगम है. मुंगेर से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित भीम बांध एक प्राकृतिक अजूबा है, जिसका इतिहास सीधे महाभारत काल से जुड़ा हुआ है. लोककथाओं के अनुसार, पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान यहीं समय बिताया था, और माना जाता है कि भीम ने रातों-रात यहां एक बांध बनाया थ. इस जगह की सबसे बड़ी खासियत यहां के गर्म पानी के कुंड हैं. इसके अलावा यहां पहाड़ों के नीचे से साल भर गर्म पानी निकलता रहता है, जिसे औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. यहां का शांत वातावरण और गर्म जलकुंडों में स्नान करने का अनुभव हर पर्यटक को अपनी ओर खींचता है, जिससे यह एक बेहतरीन डेस्टिनेशन बन जाता है.

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5. गोपालगंज

गोपालगंज जिला गहरी आस्था और पुरानी कहानियों का एक सुंदर मेल है. यहां हथुआ स्थित गोपाल मंदिर राधे-कृष्ण के भक्तों के लिए एक विशेष आस्था का केंद्र है. स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मंदिर के दर्शन करने से घर के क्लेश दूर हो जाते हैं. मंदिर में बने 108 गुंबज और एक विशाल तालाब इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं. इसके अलावा, कुचायकोट प्रखंड का बेलबनवां हनुमान मंदिर भी लाखों श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी करने के लिए प्रसिद्ध है. इस मंदिर का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि राम मंदिर आंदोलन से जुड़े कई प्रमुख नेता भी यहां दर्शन के लिए आ चुके हैं, जो इसे एक ऐतिहासिक पहचान देता है.

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