हैकर्स और साइबर फ्रॉड्स लोगों को फंसाने के लिए कई तरीकों के जाल बिछाते हैं. हालांकि, पिछले कुछ वक्त में लोग अनजान लिंक्स को लेकर सचेत हो गए हैं. खासकर मैसेज और ईमेल्स में आने वाले लिंक्स को लेकर. अब हैकर्स ने इन लिंक तक यूजर्स को खींचने के लिए नया पैंतरा अपनाया है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स अक्सर न्यूज आर्टिकल और दूसरे लिंक्स शेयर करते रहते हैं. साइबर क्रिमिनल्स अब इस तरीके का इस्तेमाल लोगों को फंसाने के लिए कर रहे हैं. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
Amnesty International सिक्योरिटी लैब ने अपनी रिपोर्ट में हैकर्स की नई चाल के बारे में बताया है. रिपोर्ट की मानें, तो X और Meta के दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर हैकर्स कमेंट में इन संदिग्ध लिंक्स को एम्बेड कर रहे हैं. ये लिंक्स इतने खतरनाक हैं कि एक क्लिक से किसी यूजर के डिवाइस का फुल एक्सेस हैकर्स को मिल सकता है.
कई बार यूजर्स सोशल मीडिया पर कमेंट्स सेक्शन को भी स्क्रॉल करते हैं. ऐसे में अगर आप गलती से भी इन लिंक्स पर क्लिक करते हैं, तो आपके लिए वो स्थिति किसी बुरे सपने से कम नहीं होगी. इस तरह की लिंक्स पर क्लिक करने की वजह से सिर्फ आपका डिवाइस कॉम्प्रोमाइज नहीं होगा, बल्कि आपका पर्सनल डेटा और सीक्रेट्स भी हैकर्स के पास होंगे.
ऐसे एक X अकाउंट को संदिग्ध लिंक को प्रमोट करते हुए देखा गया है. @Joseph_Gordon16 नाम का एक अकाउंट लगातार संदिग्ध लिंक्स को दूसरे यूजर्स के पोस्ट के रिप्लाई में शेयर कर रहा है. हैकर्स की ये चाल यही खत्म नहीं होती है. इन साइबर क्रिमिनल्स के शेयर किए गए URLs जेनविन वेबसाइट्स के URL की नकल होती हैं. इसलिए यूजर्स इन्हें सही समझ बैठते हैं.
ये URLs Intellexa के प्रीडेटर स्पाईवेयर सिस्टम से जुड़े हुए हैं. इसकी जानकारी गूगल थ्रेट्स एनालिसिस ग्रुप्स ने दी है. ये स्पाईवेयर सिस्टम इतना पावरफुल है कि टार्गेट के डिवाइस को पूरी तरह के एक्सेस कर सकता है और अपने पीछे कोई सबूत भी नहीं छोड़ता है.
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