Virat Kohli Test Captaincy: साउथ अफ्रीका में भारतीय क्रिकेट टीम की टेस्ट सीरीज़ में 1-2 से शर्मनाक हार हुई, इसका अंदाजा किसी को नहीं था. क्योंकि टीम इंडिया काफी मजबूत थी और साउथ अफ्रीका की टीम नई, कमजोर है. इसके बावजूद भारत की हार हुई लेकिन सीरीज खत्म होने के बाद टीम इंडिया को एक और झटका लगा. विराट कोहली ने टेस्ट टीम की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया. अपने ट्विटर पर एक पोस्ट डालकर विराट कोहली ने इसका ऐलान किया था.
भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तान विराट कोहली का इस तरह अचानक कप्तानी से इस्तीफा देना किसी को रास नहीं आया. लेकिन पिछले पांच महीने में विराट कोहली के साथ काफी कुछ ऐसा हुआ है, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं रही है. बतौर कप्तान अपनी आखिरी टेस्ट सीरीज़ में विराट कोहली को हार का सामना करना पड़ा है.
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उनकी कप्तानी की लगातार आलोचना भी हुई है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने टेस्ट टीम को बेस्ट बनाया है. विराट कोहली अब जब टीम के कप्तान नहीं रहे तब एक नज़र बतौर कप्तान उनकी विरासत पर भी डाल लीजिए, जिसको आगे बढ़ाना नए कप्तान के लिए बड़ी चुनौती होगी.
सबसे ज्यादा जीत का रिकॉर्ड: पिछले करीब सात साल से विराट कोहली टेस्ट टीम की कप्तानी कर रहे थे, विराट का ये कार्यकाल स्वर्ण काल कहा जाए तो गलत नहीं होगा. क्योंकि इससे ज्यादा जीत भारतीय क्रिकेट टीम को कभी नहीं मिली. बतौर कप्तान विराट ने 68 मैच खेले, इनमें भारतीय टीम ने 40 में जीत दर्ज की. सिर्फ 17 मुकाबलों में हार मिली. 11 मैच ड्रॉ रहे. जीत के मामले में विराट कोहली भारत के सबसे सफल कप्तान रहे, उनके बाद एमएस धोनी का नंबर आता है जिन्होंने 27 मैच जीते थे.
टेस्ट+वनडे+टी20 इंटरनेशनल मैचों में भारत की कप्तानी
213 मैच
135 जीत
60 हार
11 ड्रॉ
3 टाई
4 बेनतीजा
टेस्ट में विराट कोहली
कप्तान के रूप में: 5864 रन, औसत 54.80, शतक- 68 टेस्ट में 20
कप्तान के रूप में नहीं: 2098 रन, औसत 41.13, शतक- 31 टेस्ट में 7
कप्तान के तौर पर भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन
1. विराट कोहली, 68 टेस्ट- 5864 रन
2. एमएस धोनी, 60 टेस्ट- 3454 रन
3. सुनील गावस्कर, 47 टेस्ट- 3449 रन
4. मो. अजहरुद्दीन, 47 टेस्ट- 2856 रन
5. सौरव गांगुली- 49 टेस्ट -2561 रन
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बेस्ट बॉलिंग यूनिट तैयार करना: एक वक्त था जब ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका की बॉलिंग को टेस्ट में बेस्ट माना जाता था और भारत का उदाहरण सिर्फ बल्लेबाजी के लिहाज से दिया जाता था. लेकिन विराट कोहली की अगुवाई में ये बदला है, आज दुनिया का सबसे खतरनाक पेस अटैक टीम इंडिया के पास है. जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर, ईशांत शर्मा, उमेश यादव जैसे ये फास्ट बॉलर इस वक्त टेस्ट में बेस्ट हैं. विराट अक्सर चार फास्ट बॉलर के साथ उतरे हैं, जिससे उन्हें सफलता मिली है.
टेस्ट में बेस्ट है टीम इंडिया: विराट कोहली ने 2014 में जब भारतीय टीम की कमान संभाली, तब टीम इंडिया रैंकिंग में 7वें नंबर पर थी. लेकिन अब नंबर एक पर है, विराट कोहली की अगुवाई में करीब चार साल से भी ज्यादा वक्त तक टीम इंडिया टेस्ट में नंबर एक रही है. विराट कोहली के कार्यकाल में कुल पांच बार आईसीसी की मेंस टीम इंडिया को मिली, यानी नए साल के मौक पर अक्सर टीम इंडिया नंबर एक होती रही.
कमजोर हुई है बल्लेबाजी: एक तरफ बॉलिंग को विराट कोहली ने मजबूत बनाया है, लेकिन बल्लेबाजी एक मायने में कमज़ोर साबित हुई है. पिछले दो साल से विराट कोहली के अलावा चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे का बल्ला शांत है. रोहित शर्मा बतौर ओपनर सफल हुए हैं, लेकिन उनका जोड़ीदार मयंक होंगे या केएल राहुल पूरी तस्वीर साफ नहीं रहती है. इनके अलावा पृथ्वी शॉ, शुभमन गिल को भी बतौर ओपनर उतारा गया है.
मिडिल ऑर्डर में हनुमा विहारी की जगह पर संकट रहता है, उन्हें अजिंक्य रहाणे का विकल्प माना जा रहा है लेकिन उन्हें भरपूर मौके नहीं मिल पाए. ऐसे में अगर रहाणे-पुजारा की टीम से विदाई होती है, तो उनके गैप को तुरंत भरना नए कप्तान के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी.
आईसीसी ट्रॉफी की कमी: विराट कोहली की अगुवाई में भारत ने पहली आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई, लेकिन न्यूजीलैंड के सामने आखिरी मौके पर कई बड़े ब्लंडर किए गए. जो कप्तानी पर सवाल खड़े करते थे, अब दूसरी चैम्पियनशिप चल रही है लेकिन इस बार टीम इंडिया का फाइनल में पहुंचना मुश्किल लग रहा है. इस बीच विराट कोहली बीच में कप्तानी छोड़कर चल दिए हैं, जिसपर टीम इंडिया की मुश्किलें बढ़ने का चिंता है.
सिर्फ टेस्ट ही नहीं बल्कि वनडे और टी-20 में भी विराट कोहली के नाम बतौर कप्तान कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं है. जब विराट कोहली की वनडे कप्तानी वापस ली गई थी, तब उन्होंने खुद इस बात का ज़िक्र किया था कि कोई आईसीसी ट्रॉफी ना जीत पाना सबसे बड़ी वजह बनी है.
मोहित ग्रोवर