इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले गए टेस्ट मैच में ऐतिहासिक जीत के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के फैंस को उम्मीद थी कि इस सीरीज़ में इतिहास रचा जाएगा. लेकिन लीड्स टेस्ट की पहली ही पारी में भारतीय टीम की बल्लेबाजी एक बुरे सपने के जैसे दिखाई दी. टीम इंडिया के बुरे प्रदर्शन के साथ ही एक बार फिर दिग्गजों पर सवाल खड़े होने लगे हैं, जो लंबे वक्त से रनों की बरसात के लिए तरस रहे हैं.
चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे की बल्लेबाजी को लेकर लंबे वक्त से बात हो रही है, लेकिन इस बीच टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली की बल्लेबाजी को लेकर भी अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं. लीड्स टेस्ट की पहली इनिंग के साथ ही विराट कोहली को कुल 50 इनिंग्स हो गई हैं, जब उनका आखिरी शतक आया था.
फिर दोहरा रहे हैं साल 2014 वाली गलती...
शतक से इतर भी विराट कोहली लगातार बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रहे हैं और अगर इस टूर की अबतक बात करें तो एक बार फिर विराट कोहली की पुरानी कमी निकलकर सामने आ रही है. बाहर जाती हुई गेंद को छेड़ना और विकेट देकर चले जाना, यही कमी इंग्लैंड के 2014 के दौरे पर देखी गई थी. विराट कोहली ने 2018 में इसपर काफी बेहतर काम किया और रन भी बनाए थे, लेकिन अब 2021 में फिर वही कहानी दोहराई जा रही है.
लॉर्ड्स टेस्ट में जीत के बाद जब विराट कोहली से इंग्लैंड में रन बनाने के मंत्र के बारे में सवाल हुआ तो उन्होंने कहा था कि यहां आपको अपना घमंड जेब में डालकर रन बनाने पड़ते हैं. लीड्स टेस्ट के टॉस के दौरान जब उनसे सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि वह टीम परफॉर्मेंस में विश्वास करते हैं, अपने प्रोसेस पर ध्यान देते हैं और टीम की जीत में किसी भी तरह से सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं.
शतकों के लिए तरसते ‘किंग कोहली’!
लेकिन इन सब बातों से इतर अगर आप अपनी टीम ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हो, तो आपसे लगातार अच्छे स्कोर की उम्मीद की जाती है. लेकिन विराट कोहली उस उम्मीद पर शायद लंबे वक्त से सफल खरे नहीं उतर पा रहे हैं. 13 साल के अपने करियर में शतकों का अंबार लगाने वाले विराट कोहली पिछले करीब दो साल से एक शतक के लिए तरस रहे हैं.
टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली का आखिरी शतक 22 नवंबर 2019 को आया था, जब उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता में 136 रनों की पारी खेली थी. टेस्ट में इस शतक के बाद विराट कोहली सिर्फ 3 अर्धशतक लगा पाए हैं और उन्हें बड़ी पारी में बदलने में नाकाम रहे हैं. इंग्लैंड के खिलाफ इस सीरीज़ में विराट कोहली का स्कोर 0, 42, 20, 7 रहा है, जबकि एक इनिंग में उनकी बल्लेबाजी नहीं आई थी.
अगर वनडे क्रिकेट की बात करें तो विराट कोहली का आखिरी शतक 14 अगस्त, 2019 को आया था. तब उन्होंने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ 114 रनों की नाबाद पारी खेली थी. हालांकि, टेस्ट क्रिकेट से इतर उन्हें यहां पर अर्धशतकों की कमी से नहीं जूझना पड़ा, उस शतक से लेकर अभी तक विराट कोहली वनडे में 8 अर्धशतक लगा चुके हैं, जिनमें से 4 तो उन्होंने लगातार ही मारे हैं.
क्लिक करें: Leeds Test: पहला दिन इंग्लैंड के नाम, बर्न्स-हमीद ने टीम को दिलाई शानदार शुरुआत
बल्लेबाजी के साथ-साथ कप्तानी भी घेरे में
किसी भी बल्लेबाज के करियर में इस तरह का फेज़ कई बार आता है, जब सबकुछ चाहते हुए भी ऐसे हालात से निकलना मुश्किल हो सकता है. विराट कोहली के लिए 2014 का इंग्लैंड दौरा वैसा ही था, लेकिन अब एक बार फिर अगर उनके लेवल का बल्लेबाज उन्हीं गलतियों को दोहरा रहा है, तो क्रिकेट फैंस को ये बात चुभती ज़रूर है.
विराट कोहली की कप्तानी पर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं, फिर चाहे टीम सिलेक्शन की बात हो, कई बार फील्ड पर लिए जाने वाले फैसलों की चिंता हो लेकिन टीम का प्रदर्शन और रिजल्ट हर बार इन फैसलों को छिपा देते हैं. लेकिन लंबे वक्त से कप्तानी कर रहे विराट कोहली अभी तक टीम इंडिया को कोई बड़ा खिताब नहीं जिता पाए हैं, ये भी एक सच्चाई है.
विराट कोहली की बल्लेबाजी को लेकर चर्चा इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि पिछले कुछ वक्त से टीम इंडिया के सीनियर बल्लेबाज अंजिक्य रहाणे और ‘दीवार’ चेतश्वर पुजारा भी खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं और दोनों के टीम में सिलेक्शन पर सवाल खड़े हो रहे हैं. रहाणे ने तो ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर कप्तानी की, जीत दिलवाई और एक शतक भी बनाया था.
वहीं, चेतश्वर पुजारा लंबे वक्त से किसी बड़ी पारी के लिए तरस रहे हैं लेकिन इस बीच उन्होंने भी कई मैच सेविंग दीवार वाली पारी खेली हैं. ऐसे में टीम इंडिया जब एक बार फिर संकट में आई है, तब टीम की इस त्रिमूर्ति पर हर किसी की निगाहें हैं.
मोहित ग्रोवर