Sachin Tendulkar: जब सचिन तेंदुलकर के सामने नतमस्तक हुआ था पाकिस्तान, वकार यूनुस भी रह गए थे हैरान

दुनिया के महानतम बल्लेबाजों में से एक सचिन तेंदुलकर ने आज ही के दिन (24 नवंबर) पाकिस्तान के खिलाफ यादगार पारी खेली थी. इसके साथ ही सचिन सबसे कम उम्र में टेस्ट अर्धशतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए थे. सचिन ने उस अर्धशतकीय पारी के बाद रिकॉर्ड्स की झड़ी लगाकर रख दी.

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सचिन तेंदुलकर सचिन तेंदुलकर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:25 AM IST

महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के लिए  24 नवंबर बेहद खास है. 33 साल पहले 1989 में आज ही के दिन सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर का पहला अर्धशतक लगाया था. सचिन ने यह अर्धशतकीय पारी फैसलाबाद टेस्ट मैच में पाकिस्तानी टीम के खिलाफ खेली थी. सचिन ने 59 रनों की इस पारी में कुल 172 गेंदों का सामना किया था और कुल चार चौके लगाए थे. 

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सचिन ने यह अर्धशतक 16 साल और 214 दिन की उम्र में जड़ा था. इसके साथ ही सचिन सबसे कम उम्र में टेस्ट अर्धशतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए थे. सचिन का यह रिकॉर्ड आज भी कायम है. देखा जाए तो सचिन की ये पारी उस समय आई थी जब भारत संघर्ष कर रहा था क्योंकि उस टेस्ट की पहली पारी में एक समय भारतीय टीम के 4 विकेट 38 रन पर गिर गए थे.

मांजरेकर के साथ हुई थी शानदार पार्टनरशिप

लेकिन इसके बाद सचिन तेंदुलकर और संजय मांजरेकर बीच पांचवें विकेट के लिए 143 रनों की साझेदारी हुई थी, जिसके चलते भारत पहली पारी में 288 रनों के स्कोर तक पहुंच पाया था. मुकाबले की बात करें तो वह टेस्ट मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ था. सचिन ने फैसलाबाद टेस्ट मैच से ठीक पहले कराची के मैदान पर हुए सीरीज के पहले टेस्ट मैच के जरिए डेब्यू किया था. फैसलाबाद के बाद लाहौर टेस्ट मैच में भी में तेंदुलकर एक और अर्धशतक के करीब पहंचे, लेकिन 41 रन बनाकर अब्दुल कादिर की गेंद पर बोल्ड हो गए थे.

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वकार यूनुस को हुई थी हैरानी

सचिन तेंदुलकर ने डेब्यू टेस्ट सीरीज में जैसी बैटिंग की थी उससे वकार यूनुस भी हैरान रह गए थे. वकार ने विजडन के एक पॉडकास्ट ‘The Greatest Rivalry’ में कहा था, 'पहला टेस्ट कराची में था और मैंने उसे (सचिन) जल्दी आउट कर दिया था. मुझे लगता है कि उसने 15 रन बनाए होंगे. उसने अपनी छोटी पारी के दौरान दो अच्छे ऑन और स्ट्रेट ड्राइव खेले. उस सीरीज में सियालकोट (सीरीज का आखिरी टेस्ट) के ग्रीन टॉप विकेट पर वह अर्धशतक (57) जड़ने में कामयाब रहा. इस पारी के दौरान शुरू में ही उसे नाक पर गेंद लगी. 16 साल का बच्चा... चोट के बाद बिल्कुल पीला-सा पड़ गया था, लेकिन बहुत दृढ़ था.'

वकार ने आगे कहा था, 'मुझे याद है कि सिद्धू उनके साथ बल्लेबाजी कर रहे थे. दोनों ने दोबारा तैयार होने में पांच-सात मिनट लिए और फिर से तैयार हो गए. सचिन ने फिफ्टी पूरी की. पहली नजर में उसने मुझे ऐसा नहीं लगने दिया कि वह महान सचिन तेंदुलकर बनने जा रहा है. उसके बाद के वर्षों में उसने जो किया वह अद्भुत है. मैदान पर मैदान से बाहर भी. उस समय मुझे नहीं पता था कि वह क्रिकेट में इतना बड़ा नाम होगा. लेकिन उन्हें उनकी मेहनत की कीमत मिल गई थी.'

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