Cricket law 21.5 explained No Ball: कटक के बाराबती स्टेडियम में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच मंगलवार (9 दिसंबर) को पहला T20I मुकबला हुआ. जिसे भारत ने 101 रनों से अपने नाम किया. इस मुकाबले में जसप्रीत बुमराह ने डेवाल्ड ब्रेविस को जिस तरह आउट किए उस पर सवाल उठ रहे हैं.
10वें ओवर की दूसरी गेंद पर जसप्रीत बुमराह ने ब्रेविस को आउट करके अपना 100वां T20I विकेट लिया. बुमराह की बैक-ऑफ-लेंथ गेंद पर ब्रेविस शॉट खेलने में चूक गए और गेंद हवा में चली गई, जिसे सूर्यकुमार यादव ने एक्स्ट्रा कवर पर पकड़ लिया.
रीप्ले में लगा कि बुमराह का फ्रंट फुट थोड़ा आगे हो सकता है, लेकिन थर्ड अंपायर ने गेंद को वैध मानते हुए फैसला भारत के पक्ष में दिया. इस उपलब्धि के साथ बुमराह तीनों इंटरनेशनल फॉर्मेट में 100-100 विकेट लेने वाले दुनिया के पांचवें गेंदबाज बन गए.
हालांकि इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने सवाल उठाए, कुछ ने कहा कि बुमराह की गेंद नो बॉल थी, इसके बावजूद अंपायर ने इसे देखा तक नहीं.
क्या है पैर के लिए नो बॉल का नियम
क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था MCC (मेरिलबोर्न क्रिकेट क्लब) ने नियम 21.5 में पैर की नो बॉल के लिए संबंधित नियम को समझाया गया है. रूल 21.5 के अनुसार किसी गेंद को वैध (फेयर डिलीवरी) माना जाने के लिए गेंदबाज की स्टेपिंग बेहद महत्वपूर्ण है. डिलीवरी स्ट्राइड में गेंदबाज का बैक-फुट रिटर्न क्रीज के अंदर होना चाहिए और उसे छूना नहीं चाहिए.
वहीं फ्रंट-फुट का कोई न कोई हिस्सा, चाहे जमीन पर हो या हवा में, पॉपिंग क्रीज के पीछे होना जरूरी है, और वह रिटर्न क्रीज की दिशा में बनी मिडिल-स्टंप लाइन के उसी तरफ होना चाहिए. अगर ये तीनों शर्तें पूरी नहीं होतीं, तो अंपायर को नो-बॉल देना अनिवार्य है.
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