IND vs ENG: 'उम्मीद के सहारे नहीं खेलता...', आकाश दीप ने सुनाई ओवल टेस्ट की कहानी, कैंसर पीड़ित बहन को समर्पित की जीत

आकाश दीप ने इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट मैच में टीम इंडिया की जीत की कहानी सुनाई. साथ ही उन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर भी बात की. आकाश ने पूर्व भारतीय कप्तानों विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी की प्रशंसा की.

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आकाश दीप ने ओवल टेस्ट में ऐतिहासिक जीत की कहानी सुनाई (Photo: Getty Images) आकाश दीप ने ओवल टेस्ट में ऐतिहासिक जीत की कहानी सुनाई (Photo: Getty Images)

समर्थ श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 09 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 7:45 PM IST

भारतीय टीम ने इंग्लैंड दौरे का समापन ओवल टेस्ट मैच में 6 रनों की जीत दर्ज करके किया. इस जीत के चलते भारतीय टीम पांच मैचों की टेस्ट सीरीज को 2-2 से ड्रॉ कराने में सफल रही. इंग्लैड दौरे पर जिन खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सुर्खियां बटोरीं, उनमें तेज गेंदबाज आकाश दीप का भी नाम शामिल था.

आकाश दीप ने इस दौरे पर तीन टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 36.46 की औसत से 13 विकेट चटकाए. आकाश ने एजबेस्टन टेस्ट मैच में कुल 10 विकेट लेकर भारतीय टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. आकाश ने बल्ले से भी अपना योगदान दिया और ओवल टेस्ट मैच में भारत की ओर से दूसरी पारी में 66 रन बनाए. तब आकाश बतौर नाइटवॉचमैन तीसरे नंबर पर बैटिंग करने उतरे थे.

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अब आकाश दीप ने इंग्लैंड से स्वदेश लौटने के बाद आजतक से खास बातचीत की. आकाश ने ओवल टेस्ट मैच में टीम इंडिया की जीत की पूरी कहानी सुनाई. साथ ही उन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर भी बात की. आकाश ने पूर्व भारतीय कप्तानों विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी की प्रशंसा की.

'बॉल स्विंग होनी शुरू हुई तो...'
आकाश दीप ने कहा, 'वह मैच (ओवल टेस्ट) काफी महत्वपूर्ण था क्योंकि हम सीरीज में पीछे थे. हमने अच्छा खेल दिखाया था, लेकिन नतीजे हमारे पक्ष में नहीं आ रहे थे. अंत में नतीजा ही मायने रखता है. कई बार ऐसा भी लगा कि विकेट बहुत फ्लैट है, हम मैच हार सकते हैं. जब बॉल स्विंग करनी शुरू हो गई तो भारतीय फैन्स का हौसला बढ़ा. तब हमें लगा कि हम जीत सकते हैं. हम आपस में बात कर रहे थे कि ये लोग गुच्छे में विकेट गंवाएंगे. सिराज और केएल राहुल दर्शकों से चीयर करने को कह रहे थे, इससे बहुत फर्क पड़ा और हमारे अंदर पॉजिटिव एनर्जी आई.'

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ओवल टेस्ट मैच के दौरान आखिरी दिन के खेल में नई गेंद नहीं लेने के सवाल पर आकाश दीप कहते हैं, 'ड्रेसिंग रूम में अनुभवी लोग बैठे हुए थे. जब गेंद स्विंग होती है तो नई गेंद की अपेक्षा पुरानी बॉल से रन बनाना थोड़ा मुश्किल होता है. हमारा प्लान यही था कि इसी गेंद से हमें उन्हें आउट करना है. अगर वे पुरानी गेंद से विकेट नहीं गंवाते, तो शायद हम बॉल चेंज करते.'

विराट कोहली के टेस्ट रिटायरमेंट और शुभमन गिल की कप्तानी को लेकर आकाश दीप ने कहा, 'आज हम टीम में हैं, फिर कोई नया आएगा. लेकिन टीम का माहौल एक ही रहेगा. टीम का माहौल किसी एक खिलाड़ी से नहीं बनता है, बल्कि 11 प्लेयर्स से बनता है. विराट कोहली टीम को ऊपर लेकर गए थे और उन्होंने काफी बदलाव लाया. अब गिल की बतौर कप्तान यह पहली सीरीज रही और उन्होंने बड़ी उपलब्धि हासिल की.'

आकाश दीप, मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा, फोटो: Getty Images

आकाश दीप ने टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को लेकर कहा, 'उनका (गंभीर) बहुत ज्यादा सपोर्ट रहा. हमारे जैसे जो प्लेयर नए होते हैं उन्हें आत्मविश्वास की जरूर होती है. गौतम गंभीर बहुत कॉन्फिडेंस देते हैं. वह हमेशा बोलते हैं कि तुम्हारे अंदर वह चीज है जो तुम्हें खुद नहीं पता है. धोनी भैया ने भी कहा था कि क्रिकेट कॉन्फिडेंस का खेल है और प्रैक्टिस करने पर ही आत्मविश्वास आएगा.'

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आकाश दीप ने अपनी अर्धशतकीय पारी को लेकर कहा, 'मैं उम्मीद के सहारे क्रिकेट नहीं खेलता हूं. लेकिन रात में मैंने खुद से कमिटमेंट किया था कि मुझे आउट नहीं होना है. गेंद मुझे आउट कर दे वो चलेगा, लेकिन मैं अपनी गलती से आउट नहीं होना चाहता हूं. मेरा सोचना था कि मैं ज्यादा से ज्यादा देर कीज पर डटा रहूं, भले रन कम बनें.'

आकाश दीप कहते हैं, 'जब हम इतने वक्त तक बाहर रहते तो शारीरिक और मानसिक रूप से काफी मजबूत रहना होता है. घर पहुंचकर हमेशा खुशी होती है. मेरी बड़ी बहन इस वक्त कैंसर से पीड़ित है. मेरे लिए वो बेस्ट मोमेंट था. मुझे अच्छा यह लगा कि सीरीज ड्रा हुआ.' एजबेस्टन टेस्ट मैच में भारतीय टीम की जीत के बाद आकाश दीप ने चेतेश्वर पुजारा से बात की थी. उस दौरान आकाश दीप भावुक हो गए थे. 

मैं देश को मैसेज देना चाहता था: आकाश दीप
आकाश दीप कहते हैं, 'आप अपने दिमाग को किस तरह ट्रेन करते हैं, सब इस पर डिपेंड करता है. मेरे पास मौका था कि मैं कुछ अच्छा करूं और अपनी बहन को खुशी दे सकूं. मेरा देश को एक मैसेज देना था कि जब इंसान किसी बड़ी बीमारी से जूझता है तो इमोशनल सपोर्ट की बहुत जरूरत होती है. भारत में काफी लोग कैंसर से जूझ रहे हैं. यह मैसेज इसलिए था कि लोग बात को समझें और अपने करीबी दोस्तों या घरवालों को अकेला ना छोड़ें.'

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