चक्रवाती तूफान बिपरजॉय जब गुजरात पहुंचेगा, तब हवा की गति करीब 150 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी. सवाल ये है कि क्या इतनी तेज हवा से नुकसान होगा. आप ऐसे समझिए कि जब 150 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलने वाली कार कहीं टकराती है, तो उसके अंदर बैठा व्यक्ति बचता नहीं है. तो सोचिए हवा अगर इस गति से चले तो क्या-क्या होगा.
हवा की गति बताती है तूफानों की ताकत
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार अगर चक्रवाती तूफान की वजह से चलने वाली हवाएं 31 किलोमीटर प्रतिघंटा या उससे कम गति में चलती हैं, तो उसे लो प्रेशर साइक्लोन कहते हैं. हवा जब बढ़कर 31 से 49 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है, तब उसे डिप्रेशन कहते हैं. 49 से 61 होने पर डीप डिप्रेशन, 61 से 88 की गति पर साइक्लोनिक स्टॉर्म, 88 से 117 होने पर सीवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म और 121 किलोमीटर प्रतिघंटा होने पर सुपर साइक्लोन का दर्जा दिया जाता है. यानी बिपरजॉय इस समय सुपर साइक्लोन बनने की कगार पर है.
गति के हिसाब से तय होती है कैटेगरी
एनडीएम के अनुसार अगर चक्रवाती तूफान के समय हवा की गति 120 से 150 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चल रही है, तो उसे 01 कैटेगरी का साइक्लोन कहते हैं. इस गति में कम नुकसान होता है. 150 से 180 की गति पर 02 कैटेगरी यानी मध्यम दर्जे का नुकसान, 180 से 210 की गति पर 03 कैटेगरी यानी ज्यादा नुकसान, 210 से 250 की गति पर 04 यानी बहुत ज्यादा नुकसान और 250 किलोमीटर प्रतिघंटा या उससे ऊपर की गति पर पांचवी कैटेगरी का तूफान बनता है. ये भयानक नुकसान देकर जाता है.
अब ये जानिए कि हवा कि किस गति पर क्या होता है...
ऋचीक मिश्रा