सिक्किम में पिछले कुछ समय से लगातार हो रही भारी बारिश ने कई इलाकों में तबाही मचाई है. बारिश की वजह से जगह-जगह भूस्खलन हो रहे हैं, जिससे सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो रहे हैं. हाल ही में उत्तरी सिक्किम के अपर ढोंगू में रामोम तीस्ता पुल के पास एक बड़ा भूस्खलन हुआ, जिसने स्थानीय लोगों में दहशत पैदा कर दी है.
अच्छी खबर यह है कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ और सभी लोग सुरक्षित हैं. लेकिन, इस भूस्खलन ने रामोम तीस्ता पुल को नुकसान पहुंचाया है, जो अपर ढोंगू के लोगों का बाहरी दुनिया से एकमात्र संपर्क है. इससे गांववासियों में चिंता बढ़ गई है.
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क्या हुआ है?
सिक्किम में भारी बारिश ने कई जगहों पर भूस्खलन को ट्रिगर किया है. उत्तरी सिक्किम के अपर ढोंगू में रामोम तीस्ता पुल के पास हाल ही में एक बड़ा भूस्खलन हुआ. यह पुल अपर ढोंगू के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनकी बाहरी दुनिया से जुड़ने की एकमात्र कड़ी है.
भूस्खलन की वजह से पुल को नुकसान पहुंचा है, जिससे स्थानीय लोगों में डर का माहौल है. हालांकि, राहत की बात यह है कि इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ और सभी लोग सुरक्षित हैं.
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इसके अलावा, भारी बारिश की वजह से तीस्ता नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है. तीस्ता बाजार में नदी का पानी नेशनल हाईवे 10 (NH-10) पर बह रहा है, जिससे यह महत्वपूर्ण सड़क मार्ग बंद हो गया है. NH-10 सिक्किम को पश्चिम बंगाल और बाकी देश से जोड़ने वाली मुख्य सड़क है. इसका बंद होना एक बड़ी समस्या है.
रामोम तीस्ता पुल क्यों इतना महत्वपूर्ण है?
रामोम तीस्ता पुल अपर ढोंगू के लिए एक लाइफलाइन की तरह है. यह पुल स्थानीय लोगों को मंगन, गंगटोक और अन्य शहरों से जोड़ता है. इस पुल के बिना, अपर ढोंगू के गांववासी पूरी तरह से कट जाते हैं. इस क्षेत्र में सड़कें पहले से ही कम हैं. भूस्खलन की वजह से वैकल्पिक रास्ते भी बंद हो गए हैं. उदाहरण के लिए, पिछले साल सांकालंग पुल के क्षतिग्रस्त होने की वजह से ढोंगू का वैकल्पिक रास्ता पहले ही बंद है.
स्थानीय लोग इस पुल पर बहुत निर्भर हैं. अगर यह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो न केवल लोगों का आना-जाना रुक जाएगा, बल्कि जरूरी सामान, जैसे खाना, दवाइयां और अन्य आपूर्ति भी गांव तक नहीं पहुंच पाएगी. इस वजह से गांववासियों में चिंता बढ़ रही है.
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तीस्ता नदी का बढ़ता जलस्तर
सिक्किम में भारी बारिश की वजह से तीस्ता नदी उफान पर है. तीस्ता बाजार में नदी का पानी NH-10 पर बह रहा है, जिससे यह सड़क पूरी तरह से जलमग्न हो गई है. NH-10 सिक्किम को सिलीगुड़ी और पश्चिम बंगाल से जोड़ता है. यह सड़क सिक्किम के लिए एक महत्वपूर्ण रास्ता है. बारिश और भूस्खलन की वजह से सड़क के कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप है.
तीस्ता नदी का बढ़ता जलस्तर पहले भी सिक्किम और उत्तरी बंगाल में तबाही मचा चुका है. अक्टूबर 2023 में साउथ ल्होनक झील के फटने से हुए ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) ने तीस्ता नदी के किनारे बसे कई इलाकों को तबाह कर दिया था. उस बाढ़ में तीस्ता III डैम पूरी तरह से नष्ट हो गया था. 92 से ज्यादा लोग मारे गए थे. इस बार भी तीस्ता नदी का उफान स्थानीय लोगों के लिए खतरे की घंटी है.
सिक्किम में बारिश और भूस्खलन का इतिहास
सिक्किम में भारी बारिश और भूस्खलन कोई नई बात नहीं है. इस पहाड़ी राज्य का भूगोल ऐसा है कि भारी बारिश अक्सर भूस्खलन और बाढ़ का कारण बनती है. पिछले कुछ सालों में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं...
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ये घटनाएं बताती हैं कि सिक्किम का भूगोल और मौसम इसे प्राकृतिक आपदाओं के लिए संवेदनशील बनाता है. भारी बारिश, कमजोर चट्टानें और तीस्ता नदी का तेज बहाव इस खतरे को और बढ़ा देते हैं.
स्थानीय लोगों की चिंता
रामोम तीस्ता पुल के पास भूस्खलन ने अपर ढोंगू के लोगों को मुश्किल में डाल दिया है. यह पुल उनका एकमात्र रास्ता है. इसके क्षतिग्रस्त होने से गांववासियों का बाहरी दुनिया से संपर्क टूटने का डर है. स्थानीय लोग चिंतित हैं कि अगर बारिश और भूस्खलन जारी रहा, तो स्थिति और खराब हो सकती है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिनों के लिए सिक्किम में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिसने लोगों की चिंता को और बढ़ा दिया है. गांववासियों का कहना है कि अगर पुल पूरी तरह से टूट गया, तो उन्हें जरूरी सामान और मेडिकल सुविधाएं मिलना मुश्किल हो जाएगा. तीस्ता नदी के किनारे बसे लोग बाढ़ के खतरे से भी डरे हुए हैं.
सरकार और प्रशासन का जवाब
सिक्किम सरकार और जिला प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. रामोम तीस्ता पुल के पास भूस्खलन के बाद, प्रशासन ने नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है. कनेक्टिविटी बहाल करने की कोशिश कर रहा है. इसके अलावा, NHPC ने तीस्ता नदी में पानी के स्तर को नियंत्रित करने के लिए तीस्ता लो डैम III और IV के गेट खोल दिए हैं, ताकि बाढ़ का खतरा कम हो.
पिछली आपदाओं में भी सिक्किम सरकार और केंद्र सरकार ने राहत कार्यों में तेजी दिखाई है. उदाहरण के लिए, 2023 की बाढ़ के बाद केंद्र सरकार ने 48 करोड़ रुपये की राहत राशि दी थी. सिक्किम सरकार ने मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया था. इस बार भी प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और नदी के किनारे बसे इलाकों को खाली करने की अपील की है.
अनुपम मिश्रा