जापान में मेगाक्वेक (बहुत बड़े भूकंप) की चेतावनी ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है. जापान पैसिफिक रिंग ऑफ फायर पर है, जहां बड़ा भूकंप आने की आशंका हमेशा रहती है. अब ये खबर भारत में भी चर्चा का विषय बन गई है. लोग पूछ रहे हैं – क्या हिमालय में 'महान भूकंप' (Great Himalayan Earthquake) आने वाला है? वैज्ञानिक कहते हैं कि घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन तैयारी जरूरी है. आइए, इसकी पूरी कहानी समझते हैं.
हिमालय के नीचे एक बड़ी फॉल्ट लाइन है, जिसे 'मेन हिमालयन थ्रस्ट' कहते हैं. यहां भारतीय टेक्टॉनिक प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे धीरे-धीरे धंस रही है. इससे सदियों से दबाव जमा हो रहा है. जब ये दबाव एक झटके में निकलेगा, तो मैग्नीट्यूड 8 या उससे ज्यादा का भूकंप आ सकता है.
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ऐसा भूकंप उत्तर भारत, नेपाल और पड़ोसी इलाकों में भयंकर तबाही मचा सकता है. लाखों लोग प्रभावित होंगे. पहाड़ खिसकेंगे. भूस्खलन होंगे. इमारतें गिरेंगी. हिमालय में आबादी ज्यादा है. घर-इमारतें कमजोर हैं इसलिए नुकसान बहुत होगा.
जापान ने हाल ही में मेगाक्वेक की बड़ी चेतावनी जारी की. वहां नांकाई ट्रफ पर बड़ा भूकंप आने की आशंका है. ये खबर सुनकर भारत में लोग हिमालय को याद कर रहे हैं. दोनों जगह टेक्टॉनिक प्लेट्स की टक्कर से भूकंप आते हैं. लेकिन भारत और जापान के हालात अलग हैं.
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. ओम प्रकाश मिश्रा कहते हैं कि अभी हिमालय हमें बचा रहा है. यहां छोटे-छोटे भूकंप (मैग्नीट्यूड 2.5-3.5) आते रहते हैं, जो जमा दबाव को धीरे-धीरे निकालते हैं. ये ज्यादा नुकसान नहीं करते, लेकिन बड़ा भूकंप आने से रोकते हैं. इसलिए अभी 'महान हिमालयी भूकंप' की चिंता करने की जरूरत नहीं.
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ये प्रक्रिया 'एसीस्मिक क्रीप' कहलाती है – यानी दबाव बिना बड़े झटके के निकलता रहता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि हिमालय अभी 'सेफ्टी वॉल्व' की तरह काम कर रहा है. लेकिन लंबे समय में खतरा बना हुआ है. टेक्टॉनिक प्लेट्स की गति नहीं रुकी है. कभी भी बड़ा दबाव जमा हो सकता है.
भारत सरकार ने हाल ही में भूकंप जोन मैप को बड़ा बदलाव किया है. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) के नए अर्थक्वेक डिजाइन कोड में पूरे हिमालय को सबसे ऊंचे रिस्क जोन – 'जोन VI' में डाला गया है. ये दशकों में सबसे बड़ा बदलाव है.
अब देश के 61% इलाके मध्यम से उच्च भूकंप जोखिम में हैं. उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, उत्तर-पूर्व और गुजरात जैसे इलाके सबसे ज्यादा खतरे में. नई इमारतें अब ज्यादा मजबूत बनानी होंगी.
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जापान की चेतावनी से सबक लेना चाहिए, लेकिन भारत में अभी बड़ा भूकंप आने के संकेत नहीं हैं. छोटे भूकंप अच्छी बात हैं – ये बड़ा खतरा टाल रहे हैं. फिर भी, प्रकृति का खेल कोई नहीं जानता. वैज्ञानिक कहते हैं – खतरा कभी खत्म नहीं होता, बस तैयारी से नुकसान कम किया जा सकता है.
शिबू त्रिपाठी