Tata कंपनी ने बनाया मिलिट्री ग्रेड का जासूसी सैटेलाइट, SpaceX करेगा लॉन्च

Tata कंपनी ने एक मिलिट्री ग्रेड का जासूसी सैटेलाइट बनाया है. इसे SpaceX कंपनी अप्रैल में लॉन्च करेगी. इस सैटेलाइट को रॉकेट में असेंबलिंग के लिए फ्लोरिडा भेज दिया गया है. इसकी मदद से भारतीय सेनाएं ज्यादा सटीक गुप्त सूचनाएं हासिल कर पाएंगी. विदेशी वेंडर्स पर निर्भरता कम हो जाएगी.

Advertisement
टाटा कंपनी का मिलिट्री ग्रेड जासूसी सैटेलाइट दिखाते साइंटिस्ट. स्पेसएक्स का रॉकेट पहुंचाएगा इसे अंतरिक्ष में. टाटा कंपनी का मिलिट्री ग्रेड जासूसी सैटेलाइट दिखाते साइंटिस्ट. स्पेसएक्स का रॉकेट पहुंचाएगा इसे अंतरिक्ष में.

आजतक साइंस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 19 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 4:29 PM IST

भारत का पहला प्राइवेट जासूसी सैटेलाइट SpaceX लॉन्च करेगा. लॉन्चिंग अप्रैल में होगी. इस सैटेलाइट को Tata कंपनी के TASL यानी टाटा एडवांस सिस्टम्स लिमिटेड ने बनाया है. पहली बार टाटा ने मिलिट्री ग्रेड का सैटेलाइट बनाया है. इस सैटेलाइट का इस्तेमाल भारतीय सेनाएं करेंगी, ताकि वो बेहद गुप्त सूचनाएं हासिल कर सकें. इस सैटेलाइट 0.5 मीटर स्पेशियल रेजोल्यूशन है.  

यह भी पढ़ें: Vayushakti में टारगेट मिस कर गई R-73 मिसाइल, अब इस्तेमाल पर उठ रहे सवाल... देखिए Video

Advertisement

इस सैटेलाइट को टाटा कंपनी ने फ्लोरिडा भेज दिया है. जहां पर स्पेसएक्स इसे अंतरिक्ष में रवाना करेगा. पहले भारतीय सेनाओं को विदेशी वेंडर्स से सटीक कॉर्डिनेट्स और टाइमिंग की मांग करनी पड़ती थी. लेकिन अब यह अपने सैटेलाइट की वजह से ये दिक्कत नहीं आएगी. भारत ही इस सैटेलाइट की मॉनिटरिंग करेगा. इसका पूरा कंट्रोल भारत के पास होगा. 

इस ग्राउंड कंट्रोल सेंटर बेंगलुरू में बनाया जा रहा है. बहुत जल्द यह ऑपरेशनल हो जाएगा. इसका इस्तेमाल सैटेलाइट से मिलने वाली तस्वीरों के गाइडेंस और प्रोसेसिंग में किया जाएगा. टाटा कंपनी इस सेंटर को लैटिन-अमेरिकन कंपनी सैटेललॉजिक (Satellogic) के साथ मिलकर बना रही है. इस सैटेलाइट से मिली तस्वीरों को मित्र देशों के साथ भी साझा किया जाएगा. 

यह भी पढ़ें: China में अजीब मौसम... एक तरफ रेतीला तूफान, दूसरी तरफ भयानक बर्फबारी, पारा 30 डिग्री सेल्सियस गिरा

Advertisement

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पास भी ऐसी सैटेलाइट्स हैं लेकिन बहुत बड़े कवरेज के लिए उनकी अपनी लिमिटेशन हैं. फिलहाल भारत अमेरिकी कंपनियों से जरूरी जासूसी डेटा लेती है. इस तरह के सैटेलाइट की जरूरत चीन के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर हुए संघर्षों की वजह से महसूस हुई थी. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement