Masik Shivratri 2022: मासिक शिवरात्रि आज, इस पूजन विधि से होगी महादेव की कृपा

आज चैत्र मास की मासिक शिवरात्रि मनाई जा रही है. मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से शिवजी की पूजा से शुभ फल की प्राप्ति होती है मासिक शिवरात्रि के दिन शिव चालीसा का बहुत महत्व होता है. शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है.

Advertisement
आज मनाई जा रही है मासिक शिवरात्रि आज मनाई जा रही है मासिक शिवरात्रि

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 8:48 AM IST

Masik Shivratri 2022 Date: हिन्दू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है. भोलेनाथ की आराधना में प्रत्येक महीने एक मासिक शिवरात्रि मनाने की परंपरा है. चैत्र मास की मासिक शिवरात्रि 30 मार्च यानी आज मनाई जा रही है. मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से शिवजी की पूजा से शुभ फल की प्राप्ति होती है साथ ही शिवजी प्रसन्न होकर अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं.

Advertisement

मासिक शिवरात्रि की पूजन विधि- प्रात: स्नान करने के बाद मंदिर में जा कर भगवान शिव और उनके परिवार (पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी) की पूजा करें. शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक़्कर, शहद, दही आदि से करें. शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं. ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ होने चाहिए. भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें. शिव पूजा करते समय आप शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें.

शिव चालीसा का पाठ करें- मासिक शिवरात्रि के दिन शिव चालीसा का बहुत महत्व होता है. शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है. शिव चालीसा के पाठ से कठिन से कठिन कार्य को बहुत ही आसानी से किया जा सकता है. शिव चालीसा की 40 पंक्तियां सरल शब्दों में विद्यमान हैं, जिनकी महिमा बहुत ही ज्यादा है. मान्यता है कि शिव चालीसा का पाठ करने वालों के सभी भय खत्म हो जाते है. 

Advertisement

ऐसे करें शिव चालीसा का पाठ- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. अपना मुंह पूर्व दिशा में रखें और कुशा के आसन पर बैठें. पूजन में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पीले फूलों की माला और हो सके तो सफेद आक के 11 फूल भी रखें. शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें. पाठ करने से पहले धूप दीप जलायें और एक लोटे में शुद्ध जल भरकर रखें. भगवान शिव की शिव चालिसा का तीन या पांच बार पाठ करें. पाठ पूरा हो जाने पर लोटे का जल सारे घर मे छिड़क दें. थोड़ा सा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में खाएं और बच्चों में भी बांट दें. 

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement