राजस्थान संकट पर गहलोत को क्लीन चिट, चीफ व्हिप समेत समर्थक गुट के तीन नेताओं को नोटिस

राजस्थान संकट पर सीएम अशोक गहलोत को पर्यवेक्षकों ने क्लीन चिट दे दी है. पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने यह रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप दी है. मंत्री और विधायक शांति धारीवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास, कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा हुई है.

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सोनिया गांधी को सौंपी गई रिपोर्ट में अशोक गहलोत को क्लीन चिट सोनिया गांधी को सौंपी गई रिपोर्ट में अशोक गहलोत को क्लीन चिट

मौसमी सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 27 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:14 PM IST

Rajasthan Political Crisis: राजस्थान राजनीतिक संकट पर कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने रिपोर्ट सोनिया गांधी को भेज दी है. इस रिपोर्ट में सियासी संकट के लिए अशोक गहलोत को जिम्मेदार नहीं ठहराते हुए क्लीन चिट देने की बात सामने आई है. साथ ही पर्यवेक्षकों से अलग दूसरी बैठक बुलाने वाले प्रमुख तीन नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है. मंत्री और विधायक शांति धारीवाल, चीफ व्हिप डॉ महेश जोशी, कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा हुई है. इनको कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया है.

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रिपोर्ट में अशोक गहलोत को क्लीन चिट की बात सामने आई है. तकनीकी तौर पर पर्यवेक्षकों ने उन्हें घटनाक्रम के लिए कहीं जिम्मेदार नहीं बताया है. धारीवाल, खाचरियावास और धर्मेंद्र राठौड़ के अलावा कुछ और नेताओं के नाम इस लिस्ट में हो सकते हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है. 9 पन्नों की रिपोर्ट में सिलसिलेवार ढंग से प्रभारी और पर्यवेक्षकों ने पूरे राजनीतिक घटनाक्रम को बताया है. पूरी रिपोर्ट दो भागों में है. पहले भाग में पूरा घटनाक्रम बताया गया है. दूसरे हिस्से में अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश हुई है.

नेताओं को कारण बताओ नोटिस

शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौर के खिलाफकारण बताओ नोटिस जारी हुआ है. पार्टी हित के खिलाफ काम करने के लिए यह नोटिस जारी हुआ है.  इसमें इस बात का भी जिक्र है कि विधायक दल की बैठक के पहले पैरलल बैठक करने वाले नेता अशोक गहलोत के करीबी हैं.

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रविवार को हुआ था विवाद

राजस्थान में कांग्रेस विधायक सचिन पायलट को सीएम बनाने का विरोध कर रहे थे. विरोध को खत्म करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था. लेकिन विधायकों ने पर्यवेक्षकों की बातें मानने से इनकार कर दिया था. साथ ही अजय माकन पर सचिन पायलट के लिए लॉबी करने का आरोप लगाया था. गहलोत गुट के विधायकों ने कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के घर एक बैठक भी बुला ली थी. इस मीटिंग में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के साथ चीफ व्हिप डॉ महेश जोशी भी शामिल थे. गहलोत के समर्थन में विधायकों के इस्तीफे की बात भी सामने आई थी, लेकिन अब कई विधायक इस्तीफे की बात से इनकार कर चुके हैं. यह भी कह रहे हैं कि उनको उस मीटिंग में धोखे से बुलाया गया.

इस मीटिंग पर पर्यवेक्षकों ने आपत्ति जताई थी. इन्हीं नेताओं के खिलाफ अब कार्रवाई की सिफारिश की गई है. सोमवार शाम को दिल्ली आकर मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन सोनिया गांधी से मिले थे. यहां सोनिया गांधी ने दोनों से लिखित रिपोर्ट देने को कहा था. खड़गे और माकन ने बताया था कि विधायकों ने उनके सामने तीन शर्त रखी हैं. पहली यह कि 19 अक्टूबर के बाद राजस्थान सीएम पर फैसला हो. मतलब कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के नतीजे आने के बाद. दूसरी शर्त थी कि कांग्रेस विधायकों से ग्रुप में एकसाथ बात की जाए. उनसे अलग-अलग बात ना हो. तीसरी शर्त थी कि राजस्थान में सीएम गहलोत कैंप का होना चाहिए.

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यहां पायलट का सीधा-सीधा विरोध देखने को मिला था. गहलोत गुट के ज्यादातर विधायक पायलट के खिलाफ हैं. उनका कहना है कि पायलट ने गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश की थी. इसलिए उनको सीएम नहीं बनने दिया जा सकता.

अध्यक्ष पद रेस से बाहर नहीं गहलोत

राजस्थान संकट की वजह से अध्यक्ष पद रेस से अशोक गहलोत बाहर हो सकते हैं ऐसा कहा जा रहा था. लेकिन अब खबरें हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव लड़ने के मामले में गहलोत वेट एंड वाच की स्थिति में हैं. अगर सोनिया गांधी का निर्देश मिलेगा तो वह कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव का नामांकन करेंगे. इस बीच सोनिया गांधी ने अनुशासन कमेटी के अध्यक्ष एके एंटोनी को भी बुलाया है.

 

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