राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. खींवसर से लगातार चौथी बार विधायक बने हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को त्याग पत्र सौंपा. अब दूसरी बार लगातार नागौर से सांसद बने हनुमान बेनीवाल ने कहा कि विधानसभा को थोड़ा याद करेंगे लेकिन हम चाहते हैं कि विधानसभा और लोकसभा का सदस्य साथ रहें, क्योंकि बार-बार चुनाव करवाना सही नहीं है. जिस तरह राज्यसभा से चुना हुआ व्यक्ति लोकसभा में बैठता है और लोकसभा से चुना हुआ व्यक्ति राजयसभा बैठ सकता है, तो विधायक साथ साथ सांसद क्यों नहीं रह सकता है?
वहीं, हनुमान बेनीवाल के इस्तीफे देने के बाद खींवसर सीट पर उपचुनाव होने हैं. इसको लेकर बेनीवाल ने कहा, आरएलपी तो चुनाव लड़ेगी, इसमें कोई शक नहीं. लेकिन इंडिया गठबंधन को लेकर बात करेंगे.
इसके अलावा, राहुल गांधी के EVM पर उठाए सवालों को लेकर बेनीवाल ने कहा, EVM के बिना बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए, क्योंकि EVM में गड़बड़ियां हो सकती हैं. जब नीट का पेपर आउट हो सकता है तो EVM क्या बड़ी चीज है. इसमें बड़ा घोटाला और घपला है.
अग्निवीर समाप्त करवाकर ही दम लेंगे
अग्निवीर स्कीम को लेकर सांसद बेनीवाल ने कहा, अग्निवीर के संशोधन को हम नहीं मानने वाले, बल्कि उसको पूरा खत्म करना होगा. इसको लेकर जल्द ही वो बड़ा आंदोलन करके दिल्ली कूच करेंगे. अग्निवीर समाप्त करवाकर पहले की तरह सेना भर्ती हो, यही देश का नौजवान चाहता है और उनके साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए.
ज्योति मिर्धा को 5 हजार से ज्यादा वोट नहीं मिलेंगे
वहीं, ज्योति मिर्धा के बयान का पलटवार करते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा, उनके परिवार ने कभी कोई पार्टी नहीं बनाई और कभी किसी का तो कभी किसी का झंडा लेते थे. खुद पार्टी बनाकर लड़ें तो पता चल जाएगा, उन्हें 5 हजार से ज्यादा वोट नहीं मिलेंगे. 4 बार मायरा भर चुके और उपचुनाव में आ गई तो मीठा मायरा भर देंगे.
तो कांग्रेस का खाता नहीं खुलता...
उन्होंने यह भी कहा कि यदि आरएलपी के साथ गठबंधन नहीं होता तो कांग्रेस का भी खाता राजस्थान में नहीं खुलता.
विशाल शर्मा