सत्येंद्र जैन को भ्रष्टाचार केस में CBI की क्‍लीनचिट केजरीवाल के लिए कितनी बड़ी राहत है?

सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार केस में CBI की क्लोजर रिपोर्ट, असल में, अरविंद केजरीवाल के लिए बड़ी राजनीतिक राहत है. सात साल चली जांच के बाद सीबीआई ने कहा कि उसके पास जैन के खिलाफ सबूत नहीं हैं. हालांकि, उन पर और भी केस लंबित है, जिन पर न्‍यायिक कार्यवाही चलती रहेगी.

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सत्येंद्र जैन का तो बस नाम लिखा है, बड़ी राहत तो अरविंद केजरीवाल को मिली है. (Photo: File/ITG) सत्येंद्र जैन का तो बस नाम लिखा है, बड़ी राहत तो अरविंद केजरीवाल को मिली है. (Photo: File/ITG)

मृगांक शेखर

  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:56 PM IST

सत्येंद्र जैन को भ्रष्टाचार के एक केस में मिली राहत, अरविंद केजरीवाल के लिए आज की तारीख में बहुत बड़ा सहारा है. ऐसे मामले अभी और भी हैं, लेकिन सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीबीआई को कोई सबूत नहीं मिल पाना, अरविंद केजरीवाल के उस दावे पर अदालत की मुहर है, जिसमें वो कहते हैं कि फर्जी मामलों में उनको और उनके साथियों के जेल भेजा गया. हालांकि, सत्‍येंद्र जैन पर भ्रष्‍टाचार, मनी लांड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के कई केस अब भी लंबित हैं, जिन पर न्‍यायिक कार्यवाही चलती रहेगी.

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जहां तक राजनीति की बात है, तो सत्येंद्र जैन के बहाने आम आदमी पार्टी के अन्‍य नेताओं को अपनी बेगुनाही को लेकर दलील देने का मौका मिल गया है. सत्‍येंद्र जैन के साथ भ्रष्टाचार के आरोप में ही (दिल्ली शराब नीति केस) अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह तक को जेल में लंबा वक्त गुजारना पड़ा है. 
 
दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येंद्र जैन और पीडब्ल्यूडी के कुछ अफसरों के खिलाफ सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को मंजूरी दी है, जिसमें सीबीआई ने कहा कि उनके पास सत्‍येंद्र जैन के खिलाफ पर्याप्‍त सबूत नहीं हैं. 

दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय की शिकायत पर सत्येंद्र जैन और लोक निर्माण विभाग कुछ अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की गई थी. दिल्ली सरकार के विजलेंस डिपार्टमेंट ने मई, 2019 में FIR दर्ज की थी, और उसके बाद CBI ने केस की जांच शुरू की थी. 

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आरोप था कि सत्येंद्र जैन और उनके विभाग के अफसरों ने भर्ती और वित्तीय नियमों को नजरअंदाज रते हुए सलाहकारों की एक क्रिएटिव टीम नियुक्त कर डाली थी. सात साल चली जांच के बावजूद सीबीआई को कोई आपराधिक मामला, निजी फायदा या रिश्वतखोरी के सुबूत नहीं मिले.

जिस पर स्पेशल जज दिग विनय सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सिर्फ शक के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. कहते हैं, अगर किसी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (POC Act) के तहत एक्शन होना है, तो ठोक सबूत होना जरूरी है… महज कर्तव्य में लापरवाही बताकर किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकती, ये न्यायसंगत नहीं माना जा सकता.

एक क्लोजर रिपोर्ट ने बोलने का मौका दे दिया

कोर्ट से क्लीन चिट मिलने के बाद, AAP नेता सत्येंद्र जैन ने जांच एजेंसी पर हमला बोला है. सत्येंद्र जैन का कहना है, सीबीआई ने उनके घर में छापेमारी की थी, बच्चों के स्कूल बैग तक चेक किए थे, लेकिन उन्हें कहीं कुछ नहीं मिला. सत्येंद्र जैन के मुताबिक, इंसाफ मिलने में भी देर हुई है. 

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल साइट एक्स पर लिखा है, AAP नेताओं के खिलाफ लगाए गए सारे केस झूठे हैं… समय के साथ सभी केस में सच्चाई सामने आ जाएगी… हमारे ऊपर झूठे केस लगाकर हमें जेल भेजा गया… जिन लोगों ने ये झूठे केस लगाए और जिन नेताओं के कहने पर ये झूठे केस लगाए गए, क्या उन सबको जेल नहीं भेजना चाहिए?

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अरविंद केजरीवाल लिखते हैं, हम पर दिन रात कीचड़ उछाला गया, हमारे परिवारों को इतनी पीड़ा झेलनी पड़ी, उन सबकी भरपाई? जब चाहा फर्जी केस कर दिया, जब चाहा जेल भेज दिया, और जब मन किया क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी? क्या ये न्याय है?

जैन को राहत, केजरीवाल को बड़ी राहत

मुश्किल दौर में तो तिनके का सहारा भी बहुत बड़ा सपोर्ट होता है, सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार केस में CBI की क्लोजर रिपोर्ट भी हाल के उपचुनावों में मिली आम आदमी पार्टी की जीत से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है. 

कहने को तो ऐसा एक केस में हुआ है, मामले कई और भी हैं. बड़े मामले हैं, लेकिन ये कोई मामूली राहत नहीं है, बल्कि ये अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के अपने नेताओं के कट्टर ईमानदार होने के दावे को कड़ी जांच पड़ताल के बाद मिला एनडोर्समेंट है. 

अब तक अरविंद केजरीवाल के दावे नक्कारखाने में तूती की आवाज हुआ करते थे, लेकिन अब ये आवाज शोर मचा सकती है. सुनना तो पड़ेगा ही, सबको.

सीबीआई को करप्शन के मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने की राउज एवेन्यू कोर्ट की मंजूरी, और कोर्ट की टिप्पणी दिल्ली चुनाव के बाद राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे अरविंद केजरीवाल के लिए संजीवनी बूटी से कम नहीं है - और केजरीवाल के कट्टर राजनीतिक विरोधी बीजेपी नेतृत्व के लिए बड़ा झटका है.

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सत्‍येंद्र जैन के खिलाफ चलते रहेंगे कई मुकदमे

सत्येंद्र जैन के खिलाफ कुछ अन्य मामले अभी भी लंबित हैं, जिनमें सीसीटीवी परियोजना में कथित भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति का मामला शामिल है. मार्च 2025 में उन पर यह आरोप लगा कि उन्होंने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) पर सीसीटीवी कैमरे लगाने में हुई देरी के चलते लगाए गए जुर्माने को माफ करने के लिए ₹7 करोड़ की रिश्वत ली. मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक अन्य मामले में मई 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें गिरफ्तार किया था. जनवरी 2025 में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक विशेष अदालत को बताया कि उसने आय से अधिक संपत्ति मामले में सत्येंद्र जैन के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दिल्ली के उपराज्यपाल से प्राप्त कर ली है.

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