घुसपैठिये-डेमोग्राफी के बहाने मोदी के निशाने पर राहुल-तेजस्वी से आगे ममता भी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्णिया रैली में घुसपैठियों का मुद्दा उठाया और कहा कि बिहार में एक भी घुसपैठिया नहीं रहने दिया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी के भाषण से साफ हो गया है कि ये अभियान असम और पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी की चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी है.

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बिहार की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल चुनाव के लिए भी घुसपैठिया का मुद्दा उछाल दिया है. (Photo: PTI) बिहार की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल चुनाव के लिए भी घुसपैठिया का मुद्दा उछाल दिया है. (Photo: PTI)

मृगांक शेखर

  • नई दिल्ली,
  • 16 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:07 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घुसपैठियों का मुद्दा उछाल कर कई चीजें साफ कर दी है. एक तो ये कि बीजेपी बिहार चुनाव में घुसपैठियों के मामले को चुनावी मुद्दा बनाने जा रही है. बिहार दौरे में प्रधानमंत्री मोदी ने घुसपैठियों के बहाने विपक्षी गठबंधन को घेरने की कोशिश की, और बोले,  ये लोग चाहे जितना जोर लगा लें... एक भी घुसपैठिए को बिहार में रहने नहीं दिया जाएगा.

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विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक ने वोट-चोरी को बिहार में चुनावी मुद्दा बनाने में जुटा है, और बीजेपी घुसपैठियों के जरिए काउंटर करने की कोशिश कर रही है. समझा जा सकता है, क्यों मोदी की रैली के लिए पूर्णिया का इलाका चुना गया था. बीजेपी ने पूर्णिया का भरपूर फायदा उठाया. पूर्णिया के निर्दल सांसद पप्पू यादव को मंच पर मौका देकर बीजेपी ने दूर की कौड़ी भी खेल ली है. जिस कांग्रेस के कैंपेन में पप्पू यादव जी जान से लगे रहते हैं, वहीं राहुल गांधी के आसपास उनको पहुंचने से भी रोक दिया जाता है. 

पूर्णिया में प्रधानमंत्री मोदी के निशाने पर विपक्ष ही था, आज देश के कुछ राज्यों सहित सीमांचल में डेमोग्राफी गड़बड़ा गई है... जब इसे बचाने के लिए लाल किले से अभियान शुरू किया गया तो कांग्रेस के लोग इन्हें बचाने के लिए यात्राएं निकालने लगे... ये घुसपैठियों के पक्ष में नारे लगा रहे हैं... जो भी नेता घुसपैठियों को बचाने के लिए आगे आ रहे हैं, उन्हें चुनौती देते हुए कहता हूं कि वे चाहे जितना जोर लगा लें, हम घुसपैठियों को निकालकर रहेंगे. 

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मोदी, असल में, हाल के इंडिया ब्लॉक की वोटर अधिकार यात्रा का जिक्र कर रहे थे, जिसमें राहुल गांधी और तेजस्वी यादव बिहार महागठबंधन के नेताओं के साथ जगह जगह नारे लगा रहे थे... 'वोट-चोर, गद्दी छोड़'. बिहार में SIR यानी विशेष गहन पुनरीक्षण को मुद्दा बनाकर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव विरोध कर रहे हैं, जिसके बाद बिहार में एक अलग माहौल तो बन ही गया है. 

विपक्ष की तरफ से लोगों को ये समझाने की कोशिश की जा रही है, एसआईआर के बहाने उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाने की चाल है, और उसमें भी निशाने पर एक खास आबादी है. और, बीजेपी की तरफ से जिस घुसपैठिए के तौर पर पेश किया जा रहा है, वो भी उसी आबादी का वोट बैंक है - और इसीलिए चुनावी मुद्दा बनने की तरफ इशारा कर रहा है.

घुसपैठियों के लिए जिम्मेदार कौन?

बीजेपी चुनावों में विपक्ष पर घुसपैठियों का हमदर्द और मददगार बन जाने का इल्जाम लगा रही है. और महागठबंधन के नेता सवाल उठा रहे हैं कि घुसपैठियों को देश की सीमा में घुसने से रोकने की जिम्मेदारी किसकी है? केंद्र में तो सरकार बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए की ही है. लोगों की मुश्किल ये है कि दोनों तरफ से सिर्फ सवाल ही पूछे जा रहे हैं, जवाब कोई नहीं दे रहा है. एक सवाल पूछा जाता है, तो जवाब में दूसरा सवाल उठा दिया जाता है.

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बिहार की रैली में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को निशाना बनाते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहते हैं, ये राजद और कांग्रेस वाले लोग देश की सुरक्षा और सम्मान को भी दाव पर लगा दे रहे हैं... ये राजद और कांग्रेस वाले जितना कर ले पर ये मोदी की गारंटी है कि यहां जो भी घुसपैठिए हैं उन्हें बाहर जाना ही पड़ेगा... जो नेता बचाव कर रहे हैं उन्हें चुनौती देता हूं... आप घुसपैठिए को बचाने की जितनी कोशिश कर लें, ये मैं होने नहीं दूंगा... ये राजद और कांग्रेस वाले लोग घुसपैठिए की ढाल बने हुए हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाया है, ये लोग बेशर्मी की हद भी पार कर चुके हैं... ये राजद और कांग्रेस वाले लोग देश की सुरक्षा और सम्मान को भी दाव पर लगा दे रहे हैं.

जैसे जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, आरोप प्रत्यारोप में तेजी देखने को मिल रही है. दोनों तरफ से. बीजेपी की तरफ से भी, और इंडिया ब्लॉक की तरफ से भी. 

बिहार रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार का इरादा साफ कर दिया है, भारत में भारत का कानून चलेगा... घुसपैठियों की मनमानी नहीं... घुसपैठियों पर कार्रवाई होगी, और इसका सुपरिणाम देश देखेगा... राजद-कांग्रेस घुसपैठियों के समर्थन में हैं... बिहार की जनता इन्हें जवाब देगी.

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बिहार के बाद पश्चिम बंगाल और असम तक 

हाल के असम दौरे में भी प्रधानमंत्री मोदी ने घुसपैठियों का मुद्दा उठाया था, भारतीय जनता पार्टी का उद्देश्य देश को घुसपैठियों से बचाना और अखंडता को बहाल करना है. असम में भी मोदी के निशाने पर कांग्रेस नजर आई, बोले, मैं उन राजनेताओं को कहना चाहता हूं, अगर वे चुनौती लेकर मैदान में आएंगे, तो मैं उनका सीना तानकर सामना करूंगा... मैं भी देखता हूं कि वे घुसपैठियों को बचाने में कितनी ताकत लगाएंगे... हम घुसपैठियों को हटाने में अपना जीवन लगा देंगे, वे सामने आएं और मुकाबला करें... घुसपैठियों को बचाने के लिए निकले लोगों को भुगतना पड़ेगा, और उन्हें मेरे ये शब्द जरूर सुनने चाहिए... ये देश उनको माफ नहीं करेगा.

बिहार के बाद अगले साल 2026 में पश्चिम बंगाल और असम में भी विधानसभा के चुनाव होने हैं. और, घुसपैठियों के मामले को चुनावी मुद्दा बनाने के पीछे यही मकसद है. लेकिन, एक सच ये भी है कि बीजेपी बीजेपी घुसपैठ के मुद्दे पर झारखंड विधानसभा का चुनाव नहीं जीत सकी. जबकि, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश के तात्कालिक बवाल की तरफ इशारा करते हुए महाराष्ट्र में भी वही नारा लगवाया था जो उन दिनों काफी चर्चित रहा - 'बंटेंगे तो कटेंगे'. 

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ये ठीक है कि झारखंड में बीजेपी को महाराष्ट्र जैसी कामयाबी नहीं मिली, लेकिन ये भी मानना पड़ेगा कि बीजेपी ने 'डेमोग्राफी' के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में तो ला ही दिया है. और बिहार में मोदी के भाषण में भी वही गूंज रहा है - कांग्रेस और राजद ने बिहार के सम्मान के साथ-साथ बिहार की अस्मिता को भी खतरे में डाल दिया है... सीमांचल और पूर्वी भारत में घुसपैठियों के कारण बहुत बड़ा डेमोग्राफिक संकट पैदा हो गया है... बिहार, बंगाल, असम और कई राज्यों के लोग अपनी बहन-बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं... और, इसीलिए मैंने लाल किले से डेमोग्राफी मिशन का ऐलान किया है.

क्या है डेमोग्राफी मिशन

15 अगस्त, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से कहा था, 'मैं आज एक चिंता और चुनौती के संबंध में आगाह करना चाहता हूं... सोची समझी साजिश के तहत देश की डेमोग्राफी को बदला जा रहा है... एक नए संकट के बीज बोए जा रहे हैं... ये घुसपैठिए मेरे देश के नौजवानों की रोजी रोटी छीन रहे हैं... ये घुसपैठिए मेरे देश की बहन बेटियों को निशाना बना रहे हैं, ये बर्दाश्त नहीं होगा.'

बोले, घुसपैठिए मेरे देश की बहनों-बेटियों को निशाना बना रहे हैं, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा... ये घुसपैठिए भोले-भाले आदिवासियों को गुमराह करके उनकी ज़मीन हड़प लेते हैं.

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, हमारे पूर्वजों ने त्याग और बलिदान से आजादी पाई है... उन महापुरुषों के लिए सच्ची श्रद्धा ये है कि हम घुसपैठियों को स्वीकार न करें... यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी, इसलिए मैं आज लाल किले की प्राचीर से कहना चाहता हूं कि हमने एक 'हाई पावर डेमोग्राफी मिशन' शुरू करने का निर्णय किया है.

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