बिहार चुनाव से पहले 22% महिला वोटरों तक पहुंचे 10-10 हजार रुपये क्या गेम चेंजर साबित होंगे?

चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' की शुरुआत की है, जिसके तहत 75 लाख महिलाओं यानी करीब 22 फीसदी महिला वोटरों के खाते में 10-10 हजार रुपये भेजे गए हैं. मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बीजेपी को मिली कामयाबी के हिसाब से इसे गेम चेंजर माना जा रहा है - क्या ये चुनावी जीत की गारंटी है?

Advertisement
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की तरफ से बिहार की 75 लाख महिलाओं को मिली मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की सौगात. (Photo: PTI) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की तरफ से बिहार की 75 लाख महिलाओं को मिली मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की सौगात. (Photo: PTI)

मृगांक शेखर

  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:04 PM IST

बिहार चुनाव में महिला वोटर की बड़ी भूमिका होती है. यही वजह है कि शुरू से ही महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर नीतीश कुमार का खास जोर रहा है. और, मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना इस कड़ी में बिहार के महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की तरफ से नई चुनावी सौगात है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना लॉन्च करते हुए कहा, जब यह प्रक्रिया चल रही थी, तब मैं सोच रहा था कि नीतीश जी की सरकार ने बिहार की बहनों-बेटियों के लिए कितना बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया है. जब कोई बहन या बेटी रोजगार या स्वरोजगार करती है, तो उसके सपनों को नए पंख लग जाते हैं, और समाज में उसका सम्मान और भी बढ़ जाता है.

Advertisement

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, इस महीने की शुरुआत में ही मुझे 'जीविका निधि साख सहकारी संघ' शुरू करने का अवसर मिला था... अब इस व्यवस्था की ताकत 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार' योजना के साथ जुड़ जाएगी. प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि नई योजना से अब तक 75 लाख बहनें जुड़ चुकी हैं, और एक साथ सभी बहनों के बैंक अकाउंट में 10–10 हजार रुपये भेजे गए हैं. बिहार में करीब 3.39 करोड़ महिला वोटरों में ये 75 लाख लाभार्थी महिलाएं 22 फीसदी हैं.

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में महिलाओं के लिए कैश ट्रांसफर वाली योजनाएं बीजेपी के लिए बेहद फायदेमंद रही हैं. बिहार में तो नीतीश कुमार पहले से ही महिलाओं के लिए बहुत सारी योजनाएं चला रहे हैं, मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना उनसे थोड़ी अलग है. 

लेकिन, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का कहना है, ये जो योजना है उसमें मोदी जी ने तो एक भी पैसा दिया नहीं है. सारा पैसा राज्य सरकार का है. और, उसमें भी कहा जा रहा है कि इसकी बाद में समीक्षा होगी. बिहार की जनता को बेवकूफ न समझें. 

Advertisement

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना कितनी असरदार

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना, बिहार की महिलाओं के लिए सिर्फ आर्थिक मदद की स्कीम नहीं है. ये स्कीम, असल में, महिला उद्यमियों सपोर्ट करने से संबंधित है, और ये सभी महिलाओं के लिए भी नहीं है. मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का फायदा लेने के लिए जीविका से जुड़ना जरूरी है. वे महिलाएं जो अभी तक जीविका से नहीं जुड़ी हैं, पहले ग्राम संगठन में आवेदन देकर सदस्यता लेनी होगी, और उसके बाद ही वे योजना का लाभ ले पाएंगी.
 
बेशक 10 हजार रुपये की पहली किस्त उनको मिल रही है, लेकिन आगे चल कर उनके काम की समीक्षा होगी. मूल्यांकन के आधार पर ही, काम शुरू करने के छह महीने बाद, योग्य महिलाओं को अधिकतम 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी. कॉम्युनिटी आधारित इस योजना के तहत सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी महिलाओं को वित्तीय मदद के साथ साथ काम के हिसाब से ट्रेनिंग भी दी जाएगी. अब तक ज्यादातर महिलाओं ने पशुपालन, किराना दुकान, कॉस्मेटिक्स, हस्तशिल्प, या छोटे बिजनेस शुरू करने के लिए अप्लाई किया है.

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का लाभ लेने के लिए महिला को बिहार का स्थायी निवासी होना जरूरी है. आवेदन के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10+2, इंटरमीडिएट, आईटीआई, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा या समकक्ष होनी चाहिए. आवेदक की उम्र भी 18 साल से 60 साल के बीच ही होनी चाहिए - और महिला के परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए, और न ही आयकर दाता होना चाहिए.

Advertisement

जहां तक इस योजना से चुनावी फायदा मिलने का सवाल है, वो कई चीजों पर निर्भर करता है. सबसे पावरफुल मैसेज तो यही है कि 75 लाख महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपया पहुंचा है, लेकिन ये स्कीम 18-60 साल की हर महिला के लिए नहीं है. जैसी योजनाएं मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में लाई गई हैं, या दिल्ली में प्रस्तावित हैं. 

बिहार में कांग्रेस और आरजेडी की तरफ से भी सत्ता में आने पर माई बहिन मान योजना के तहत 2500 रुपये हर महीने दिए जाने की घोषणा की गई है. मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस ने ऐसी योजना का ऐलान किया था, लेकिन बीजेपी की सरकार ने चुनाव से पहले ही महिलाओं के खाते में पैसे भेजना शुरू कर दिया था, और उसका पूरा फायदा भी मिला है.

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना में किसी को हर महीने और हर किसी को पैसे नहीं मिलने हैं, लेकिन अगर काम ठीक चला तो छह महीने बाद 2 लाख तक की वित्तीय सहायता मिल सकती है - ध्यान रहे, ये योजना हर परिवार की महिला को रोजगार शुरू करने और आत्मनिर्भर बनने का मौका मुहैया कराती है. लिहाजा योजना का असर इस बात पर ही निर्भर करता है कि लोग इसे लेते कैसे हैं? वैसे भी काम करने के लिए पैसा मिलने और मुफ्त में अनाज और पैसा मिलने में फर्क तो होता ही है.  

Advertisement

महिलाओं के लिए नीतीश कुमार की योजनाएं

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 74 सीटें मिली थीं, और उसके बाद दिल्ली के बीजेपी दफ्तर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के साइलेंट वोटर का जोर देकर जिक्र किया था. मोदी ने तब बिहार की महिलाओें को ही साइलेंट वोटर बताया था. 

तब मोदी का कहना था, अखबारों में, टीवी चैनलों पर एनडीए को बहुमत मिलने पर चर्चा हो रही थी... साइलेंट वोटर की... चुनाव नतीजों में उनकी गूंज सुनाई देने लगी है... बीजेपी के पास साइलेंट वोटर का एक ऐसा वर्ग है, जो उसे बार-बार वोट दे रहा है, निरंतर वोट दे रहा है... ये साइलेंट वोटर हैं... देश की माताएं, बहनें, महिलाएं, देश की नारी शक्ति.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी इलाकों तक महिला वोटर ही भाजपा की सबसे बड़ी साइलेंट वोट का समूह बन गया है. मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना शुरू करते वक्त भी मोदी बिहार की महिलाओं से उसी अंदाज में कनेक्ट होने की कोशिश कर रहे थे. 

2015 का विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार महागठबंधन में लालू यादव के साथ लड़ रहे थे, और कैंपेन के दौरान महिलाओं के एक कार्यक्रम में ही सत्ता में आने पर बिहार में शराबबंदी लागू करने का ऐलान कर दिया था. सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार ने वादा भी पूरा किया, ये बात अलग है कि उसे लागू करने को लेकर विवाद होते रहे हैं. और कोई तो नहीं, लेकिन जन सुराज नेता प्रशांत किशोर ने अपनी सरकार बनने पर शराबबंदी खत्म करने की बात कही है. 

Advertisement

2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार बिहार में मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, तलाकशुदा सहायता योजना और विधवा-बुजुर्ग पेंशन जैसी तमाम योजनाएं समय समय पर लाते रहे हैं - और नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बने रहने में बिहार के महिला वोटर का बड़ा योगदान रहा है. 

आने वाले चुनाव में ये देखना है कि क्या मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना गेम चेंजर बनकर नीतीश कुमार की जीत की गारंटी बन पा रही है?

Read more!
---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement