महिलाओं के वोट से बिहार चुनाव जीतकर फिर से मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार, एक बार फिर महिला सम्मान के मुद्दे पर ही घिर गए हैं. ताजा विवाद एक सरकारी कार्यक्रम के बाद शुरू हुआ है, जब डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र दिए जा रहे थे. कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत तैनाती के लिए आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र दिए गए.
पटना में मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम में हिजाब पहने एक डॉक्टर मंच पर आई. नीतीश कुमार ने एक हाथ से नियुक्ति पत्र पकड़ा और दूसरे डॉक्टर का नकाब नीचे खींच कर हटा दिया. मुख्यमंत्री के ऐसा करने से महिला डॉक्टर थोड़ा असहज दिखीं, और कुछ लोग हंसते हुए भी नजर आए.
विवादित घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. ये भी देखा गया कि मौके पर मौजूद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी मुख्यमंत्री को रोकते हुए देखे गए. वीडियो में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार भी पास में खड़े हैं, जिन्हें हंसते हुए देखा जा सकता है.
वीडियो सामने आने के बाद विपक्ष ने नीतीश कुमार पर हमला बोल दिया है. जेडीयू तो नीतीश कुमार का बचाव कर ही रही है, बीजेपी ने कांग्रेस वीडियो के साथ हमला बोलने पर एक पुराने वीडियो के जरिए काउंटर करने की कोशिश की है. काउंटर के लिए जो वीडियो शेयर किया गया है, वो राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का है. वीडियो में अशोक गहलोत एक महिला का घूंघट उठाते देखे जा सकते हैं, जबकि वीडियो के आगे के हिस्से में नकाब पहने हुए एक महिला के साथ उनका अलग व्यवहार नजर आता है.
जेडीयू नेता नीतीश कुमार के इस ऐक्ट को पितृ भाव वाला व्यवहार बताकर बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि विरोधी और महिला कार्यकर्ता सवाल उठा रहे हैं.
नीतीश कुमार ने डॉक्टर का हिजाब क्यों हटाया
नीतीश कुमार ने पहले बिल्कुल ऐसा ही तो नहीं किया था. लेकिन, ऐसी हरकतें चुनाव से पहले कई बार देखी जा चुकी हैं. कभी विधानसभा में महिला-पुरुष के रिश्ते की बात करना. कभी किसी के सिर पर गमला रख देना - और ऐसी बातों को लेकर उनकी सेहत पर सवाल भी उठते रहे हैं.
जेडीयू नेता सत्य प्रकाश मिश्रा अपने नेता के बचाव में कह रहे हैं, नीतीश कुमार की सेहत को लेकर आप बात कर रहे हैं, वो विधानसभा के भीतर ठीक से काम कर रहे हैं. विधानसभा में भी काम कर रहे हैं, बाहर भी सक्रिय हैं, और सड़कों पर भी दिखते हैं. हर जगह वो मौजूद हैं. सब ठीक से चल रहा है.
और ठीक इसी अंदाज में वो महिला डॉक्टर के चेहरे से नकाब हटाने के वाकये का भी बचाव करते हैं, वो बिहार की महिलाओं के लिए नियुक्ति पत्र दे रहे थे. ये खुशी का पल था. ये पहली बार है जब मैंने किसी मुस्लिम महिला को सीधे मुख्यमंत्री के हाथ से प्रमाणपत्र और नियुक्ति पत्र लेते देखा है - और यही बिहार में महिला सशक्तिकरण है, नीतीश कुमार ने बिहार में महिलाओं को सशक्त करने के लिए असाधारण काम किया है.
जेडीयू नेता का कहना है कि नीतीश कुमार की कोई आलोचना करता है, तो उनको कोई आपत्ति नहीं है. दलील है, मैंने सिर्फ इतना कहा कि ये एक पिता जैसे भाव का संकेत था, और कुछ नहीं. पूरे मामले को जरूरत से ज्यादा खींचने की आवश्यकता नहीं है. ये एक सार्वजनिक कार्यक्रम था, जहां एक पिता-समान व्यक्ति ने ऐसा किया. बस इतना ही.
इंडिया टुडे टीवी के एक डिबेट में जेडीयू नेता से जब नीतीश कुमार को सम्राट चौधरी की तरफ से रोकने की याद दिलाई जाती है, तो तर्क दिया जाता है, नीतीश कुमार का इरादा सिर्फ फोटो सेशन भर था. नियुक्ति पत्र देते वक्त ये फोटो खिंचवाने का वो मौका था.
सत्य प्रकाश मिश्रा का दावा है, मुख्यमंत्री का इरादा पूरी तरह पवित्र था. किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुचाने का उनका कोई इरादा नहीं था. मैं समझता हूं कि महिला की गरिमा पर कोई समझौता नहीं हो सकता. मैं महिलाओं के अधिकारों से जुड़े सभी कानूनों को समझता हूं.
डिबेट में हिस्सा ले रहीं आरजेडी प्रवक्ता प्रियंका भारती की प्रतिक्रिया होती है, दो गलतियां मिलकर कभी एक सही बात नहीं बना सकतीं. ये सिर्फ इसलिए नहीं है कि नीतीश कुमार से मेरे राजनीतिक या वैचारिक मतभेद हैं, बल्कि इसलिए है कि जो हुआ, उसके खिलाफ बोलना मेरी नैतिक जिम्मेदारी है. ये घटना लोकतंत्र पर एक दाग है.
लगे हाथ प्रियंका भारती डबल अटैक कर देती हैं, अगर नीतीश कुमार मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं, तो फिर वो संवैधानिक रूप से जनप्रतिनिधि बनने के योग्य भी नहीं हैं, और अगर वो मानसिक रूप से स्वस्थ हैं और जानबूझकर किसी महिला के साथ ऐसा किया है तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
महिला अधिकार एक्टिविस्ट सायरा शाह हलीम का कहना है, ये बात साफ होनी चाहिए कि सिर्फ इसलिए कि कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री है या किसी पद पर है, अपराध की गंभीरता कम नहीं हो जाती. ये सिर्फ हिजाब का मुद्दा नहीं है, ये महिला की शारीरिक सहमति और उसकी शारीरिक स्वायत्तता का सवाल है, जिसे बेहद गंभीरता से लिया जाना चाहिए... अनुच्छेद 21 में बिल्कुल स्पष्ट है. ये गरिमा की गारंटी देता है, हर इंसान को. और, अनुच्छेद 25 भी बहुत साफ कहता है कि धर्म की स्वतंत्रता अनिवार्य है, इसलिए नीतीश कुमार का ये कृत्य एक साथ दोनों अनुच्छेदों का उल्लंघन करता है.
साथ ही, सायरा शाह हलीम कहती हैं, ये सिर्फ विचारधारा की बात नहीं है. न दक्षिणपंथ, न वामपंथ... सीधा और साफ. जिस क्षण सत्ता में बैठा कोई व्यक्ति, और यहां वो व्यक्ति मुख्यमंत्री है. किसी महिला के शरीर या उसके पहनावे को उसकी सहमति के बिना छूता है, उसी क्षण कानून सक्रिय हो जाता है.
आरजेडी और कांग्रेस की ही तरह जम्मू-कश्मीर की पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने भी नीतीश कुमार का इस्तीफा मांग लिया है. महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर लिखा है, नीतीश जी को व्यक्तिगत रूप से जानने और उनका सम्मान करने के बावजूद, एक युवा मुस्लिम महिला का नकाब खींचते हुए उनको देखना मेरे लिए गहरे सदमे जैसा था. क्या इसे उम्र का असर माना जाए, या मुसलमानों को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने की सामान्य होती जा रही प्रवृत्ति का हिस्सा? ज्यादा विचलित करने वाली बात ये थी कि आसपास मौजूद लोग इस भयावह घटना को किसी तमाशे की तरह देखते रहे. नीतीश साहब, शायद अब आपके लिए पद छोड़ने का वक्त आ गया है.
नीतीश के बचाव में काउंटर अटैक
आरजेडी के साथ साथ कांग्रेस भी नीतीश कुमार के खिलाफ हमलावर हो गई है. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल साइट एक्स पर नीतीश कुमार का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, बिहार में एक समारोह में पत्र वितरण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक लड़की का जबरन हिजाब खींच लिया. सुरक्षाकर्मी को उस लड़की को पीछे खींचना पड़ा.
कांग्रेस नेता को जवाब दिया है, बीजेपी नेता राधिका खेड़ा ने. राधिका खेड़ा ने पलटवार में कांग्रेस के सीनियर नेता अशोक गहलोत का वीडियो शेयर किया है. और, अपनी पोस्ट में लिखा है, इस घटिया हरकत के समय आप कहां थीं मोहतरमा? कहां है अशोक गहलोत जी पर आपका, और राहुल बाबा का एक आक्रोश भरा ट्वीट? ज़ुबान पर तब दही जम गई और उंगलियों पर ताले लग गए थे. क्या आपके हाई कमांड ने इसके लिए पूरे हिंदू समाज से माफी मांगी थी?
और, इसी बीच नीतीश कुमार के बचाव में जाने माने गीतकार जावेद अख्तर का एक पुराना वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
नीतीश कुमार से माफी मांगने की डिमांड
फिल्म दंगल फेम एक्ट्रेस जायरा वसीम ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के व्यवहार को लेकर गहरी नाराजगी जताई है. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में जायरा वसीम ने नीतीश कुमार से महिला डॉक्टर का नकाब हटाने के लिए माफी की मांग की है.
X पर जायरा वसीम ने लिखा है, किसी महिला की गरिमा और उसकी मर्यादा कोई खिलौना नहीं है, जिससे खेला जाए... और वो भी सार्वजनिक मंच पर तो बिल्कुल नहीं. एक मुस्लिम महिला के तौर पर, किसी दूसरी महिला का नकाब इतनी सहजता से खींचे जाते देखना, और उसके साथ वो बेपरवाह मुस्कान, बेहद अपमानजनक और आक्रोश पैदा करने वाला था. सत्ता किसी को भी हदें पार करने की इजाजत नहीं देती. नीतीश कुमार को उस महिला से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए.
मृगांक शेखर