सोनम-राज के पीछे कौन है? राजा रघुवंशी के घरवालों के 'शक' को मेघालय DGP के बयान से मिला बल, और गहराया रहस्य

Raja Raghuvanshi murder case: मेघालय में हनीमून के दौरान हुए इंदौर के ट्रांसपोर्ट व्यवसायी राजा रघुवंशी हत्याकांड में नया मोड़ आया है. मेघालय की डीजीपी आई नोंग्रांग के बयान ने मृतक के परिवार के उस संदेह को और गहरा कर दिया है, जिसमें उन्होंने राज कुशवाह के अलावा 'किसी और' के शामिल होने का शक जताया था.

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राजा रघुवंशी हत्याकांड में नया मोड़. (फाइल फोटो) राजा रघुवंशी हत्याकांड में नया मोड़. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • इंदौर/शिलांग,
  • 17 जून 2025,
  • अपडेटेड 1:52 PM IST

''राजा रघुवंशी की हत्या की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी प्रेम त्रिकोण (लव ट्रायंगल) को एकमात्र मकसद नहीं मान रहे हैं, वे तमाम अन्य पहलुओं को भी ध्यान में रखकर जांच कर रहे हैं. यह सामान्य बात नहीं है कि शादी के कुछ दिनों के भीतर ही वह (सोनम) अपने पति के प्रति इतनी दुश्मनी पाल बैठी. हम इस हत्या के सभी संभावित पहलुओं की जांच कर रहे हैं. हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं और सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जा रहा है. हमारे पास एक ठोस मामला है.'' मेघालय पुलिस महानिदेशक (DGP) इदाशीशा नोंगरांग का यह बयान राजा रघुवंशी के परिवार के उस संदेह और गहरा करता है जिसमें उन्होंने राज कुशवाह के अलावा 'किसी और' के शामिल होने का शक जताया है. 

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दरअसल, अभी तक जांच में सामने आया है कि मेघालय में राजा रघवुंशी को सोनम के कथित प्रेमी राज कुशवाह ने अपने तीन दोस्तों की मदद से मरवा दिया था. लेकिन मृतक के घरवालों का शक है कि सोनम की फैक्ट्री का नौकर राज अकेला इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड नहीं हो सकता, इसके पीछे कोई और भी है. राजा के भाई सचिन ने तो सोनम के माता पिता से भी पूछताछ करने की मांग की है.

उधर, इस मामले में संदेह को उत्तर प्रदेश से आए एक फोन कॉल ने और गहरा कर दिया. उजाला यादव की लड़की ने राजा के घर किए कॉल पर बताया कि सोनम का बस में बैठाने दो लड़के आए थे. और ये पकड़े गए आरोपियों से अलग थे.

उजाला ने बताया कि वह और सोनम वाराणसी से गोरखपुर जाने वाली बस में एक साथ सफर कर रही थी. रात 10 बजे वाराणसी रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद सोनम मुंह ढके हुए उसी कपड़े में उनके पास आई और पास के बस स्टेशन का रास्ता पूछने लगी. उजाला के अनुसार, सोनम के साथ दो लड़के थे एक सफेद शर्ट में, चेहरा ढका हुआ और दूसरा भी चेहरा छिपाए हुए. ये दोनों लड़के सोनम को बस स्टेशन तक छोड़ने आए थे, लेकिन बस में सफर नहीं किया.

उजाला ने आगे बताया कि सोनम ने गोरखपुर पहुंचने के लिए टिकट खरीदा और रास्ते में पहचान छिपाने की पूरी कोशिश की. जब उजाला सोशल मीडिया पर राजा रघुवंशी हत्याकांड से जुड़ा वीडियो देख रही थी, तो सोनम ने उसे टोकते हुए कहा, ''फालतू चीज मत देखा करो."

सोनम ने घरवालों से बात करने के लिए उजाला का फोन मांगा, नंबर टाइप किया, लेकिन डायल नहीं किया और बाद में वह नंबर डिलीट कर दिया. उजाला का कहना है कि सोनम रात भर सतर्क रही और अपनी पहचान छिपाने की कोशिश करती रही.

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राजा के परिवार का मानना है कि सोनम की फैक्ट्री का नौकर राज कुशवाह अकेला इस सनसनीखेज हत्याकांड का मास्टरमाइंड नहीं हो सकता. मृतक के बड़े भाई सचिन रघुवंशी ने सोमवार को तेरहवीं के अनुष्ठान के बाद पत्रकारों से बातचीत में सोनम, उसके माता-पिता, भाई गोविंद और भाभी पर नार्को-एनालिसिस टेस्ट की मांग की. उन्होंने कहा, "हम सोनम, उसके माता-पिता, भाई गोविंद और भाभी पर नार्को-एनालिसिस टेस्ट चाहते हैं. हत्या से संबंधित नए वीडियो एक के बाद एक सामने आ रहे हैं. हमें लगता है कि मेरे छोटे भाई की हत्या में और लोग शामिल हो सकते हैं." उन्होंने सोशल मीडिया पर इन वीडियो को पोस्ट करने वालों से भी पूछताछ की मांग की, यह सवाल उठाते हुए कि उन्होंने पहले फुटेज क्यों नहीं जारी किए?  

राजा के दूसरे भाई सचिन रघुवंशी ने भी सोनम के माता-पिता से पूछताछ की मांग की है. उन्होंने तेरहवीं के दौरान सोनम के भाई गोविंद के अनुष्ठान में शामिल होने पर नाराजगी जताई और कहा, "मैंने समारोह के दौरान गोविंद से बात नहीं की. हो सकता है कि वह सहानुभूति जताने आया हो. हमने उसे आमंत्रित नहीं किया था." 

गोविंद ने पत्रकारों से कहा, "मैं यहां माफी मांगने आया हूं. अगर किसी को हम पर संदेह है, तो हम जांच की मांग कर रहे हैं. हम राजा रघुवंशी के परिवार के साथ खड़े हैं." गोविंद ने 13 जून को उज्जैन में राजा की मृत्यु के बाद की रस्म में भी हिस्सा लिया था, लेकिन रघुवंशी परिवार और उनके बीच तनाव स्पष्ट दिख रहा है.

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उधर, सोनम के भाई गोविंद भी अभी तक यही कहता आया है कि राज कुशवाह उनकी सनमीका फैक्ट्री में नौकर था और वह सोनम को 'दीदी' बोलता था, यहां तक कि उससे राखी तक बंधवाता था. आरोपी राज कुशवाह की मां ने भी यही दावा किया कि सोनम को उसका बेटा 'दीदी' बोलता था.  

डीजीपी नोंगरांग ने बताया कि एसआईटी असम पुलिस और अन्य राज्यों की पुलिस से भी सहायता ले रही है, जहां आरोपी हत्या से पहले और बाद में मौजूद थे.

जांच के अनुसार, राजा और सोनम की शादी 11 मई को इंदौर में हुई थी. इसके बाद वे 21 मई को हनीमून के लिए गुवाहाटी होते हुए मेघालय के सोहरा पहुंचे. 23 मई को दोनों नोंग्रियात गांव के एक होमस्टे से चेकआउट करने के कुछ घंटों बाद लापता हो गए.

राजा का क्षत-विक्षत शव 2 जून को वेइसाडोंग फॉल्स के पास एक खाई में मिला. सोनम 9 जून को गाजीपुर के नंदगंज में एक ढाबे पर मिली, जहां उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस ने राजा की हत्या के लिए सोनम के कथित प्रेमी राज कुशवाह और तीन अन्य आरोपियों विशाल चौहान, आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी को गिरफ्तार किया है. शुरू में इन तीनों को भाड़े के हत्यारे माना गया था, लेकिन बाद में पता चला कि वे राज कुशवाह के दोस्त थे.

मेघालय पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) इस मामले की गहन जांच कर रही है और सोनम से पूछताछ जारी है. सवाल उठ रहा है कि वाराणसी में सोनम के साथ मौजूद दोनों मददगार कौन थे? क्या वे इंदौर से आए थे या राज कुशवाह के कहने पर वाराणसी में सोनम की मदद के लिए पहुंचे थे? 

पुलिस का दावा है कि यह हत्याकांड प्रेम प्रसंग, पारिवारिक दबाव और साजिश की परतों से भरा हुआ है. मेघालय पुलिस के पास खून से सने कपड़े, हथियार, सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल डेटा और आरोपियों के इकबालिया बयान जैसे सबूत हैं.

डीजीपी के बयान और उजाला यादव के खुलासे ने इस मामले को और जटिल कर दिया है और अब जांच इस बात पर केंद्रित है कि क्या इस हत्याकांड में कोई तीसरा शख्स या बड़ा मकसद शामिल था?

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