इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद से जुड़े मामले में सुनवाई हुई. इस दौरान हाईकोर्ट में मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर की ओर से एएसआई के डायरेक्टर जनरल ने सीलबंद लिफाफे में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया.
बता दें कि कोर्ट ने ज्ञानवापी का एएसआई से सर्वेक्षण कराए जाने के मामले में हलफनामा मांगा था. हाईकोर्ट ने जवाब दाखिल न करने पर मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर पर 10 हजार का जुर्माना लगाया था. हाईकोर्ट ने पक्षकारों को जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी.
बता दें कि वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद को लेकर जस्टिस प्रकाश पाडिया की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई की गई. ज्ञानवापी विवाद से जुड़ी पांच अर्जियों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. इनमें से तीन अर्जियों पर 12 सितंबर को सुनवाई पूरी हो चुकी है.
सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ दाखिल दो अर्जियों पर ही अब आगे सुनवाई होनी है. इनमें एक अर्जी ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और दूसरी यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से दाखिल की गई है.
हाईकोर्ट को मुख्य रूप से यही तय करना है कि वाराणसी की अदालत में साल 1991 में दाखिल किए गए मुकदमे की सुनवाई हो सकती है या नहीं. स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर विराजमान के वाद मित्रों ने 1991 में वाराणसी की अदालत में मुकदमा दाखिल किया था.
बीते साल वाराणसी की जिला कोर्ट ने दिया था एएसआई से सर्वे कराने का आदेश
पिछले साल वाराणसी की जिला अदालत ने विवादित परिसर का एएसआई से सर्वेक्षण कराए जाने का आदेश दिया था. एएसआई से सर्वेक्षण कराए जाने के निचली अदालत के आदेश पर हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा रखी है.
शृंगार गौरी की नियमित पूजा-अर्चना को लेकर राखी सिंह और अन्य महिलाओं की याचिका जिला कोर्ट वाराणसी ने 12 सितंबर को स्वीकार कर ली है. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज करते हुए महिलाओं की याचिका को सुनवाई योग्य माना है.
मस्जिद इंतजामिया कमेटी द्वारा जिला कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल इस नई याचिका पर भी हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है. इस याचिका पर जस्टिस जे जे मुनीर की सिंगल बेंच 3 नवंबर को सुनवाई करेगी.
अभिषेक मिश्रा