उत्तरकाशी में फिर आफत की बारिश... मलबे में दबी कारें, रिहायशी इलाकों में घुसा पानी, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

उत्तरकाशी के नौगांव बाज़ार में अतिवृष्टि से तबाही मच गई. गधेरे (छोटे नाले) उफान पर आ गए और मलबा रिहायशी इलाकों में घुस गया. मलबे में एक मकान दब गया, कई घरों-दुकानों में पानी भर गया और वाहन बह गए. प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें राहत-बचाव कार्य में लगी हुई हैं. इस हादसे के बाद दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे बंद करना पड़ा, जिससे ट्रैफिक जाम हो गया.

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नौगांव में कई दुकानों और घरों में पानी घुस गया (Photo: ITG) नौगांव में कई दुकानों और घरों में पानी घुस गया (Photo: ITG)

अंकित शर्मा / ओंकार बहुगुणा

  • नौगांव,
  • 06 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:43 AM IST

उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में यमुनोत्री नेशनल हाईवे से लगे नौगांव बाज़ार क्षेत्र में शनिवार को अतिवृष्टि ने काफी तबाही मचाई. अचानक आई आपदा से स्थानीय गधेरे (छोटे नाले) उफान पर आ गए और मलबा रिहायशी इलाकों में घुस गया. एक आवासीय भवन पूरी तरह मलबे में दब गया, जबकि आधा दर्जन से अधिक मकानों और दुकानों में पानी भर गया. मलबे में एक मिक्चर मशीन और कई दोपहिया वाहन बह गए, वहीं एक कार भी मलबे में दब गई है.

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हालात बिगड़ने पर लोग अपने घर खाली कर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए. स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी है. नौगांव के बीच बहने वाला नाला अतिवृष्टि के कारण उफान पर आ गया, जिससे कई दुकानों और घरों में पानी घुसा और सड़कों पर खड़े वाहन बह गए. हालांकि नौगांव में अतिवृष्टि की घटना के बाद SDRF ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है.

ज़िलाधिकारी प्रशांत आर्या ने बताया कि शनिवार शाम को स्योरी फल पट्टी क्षेत्र में भारी बारिश हुई. इसके बाद देवलसारी गधेरे में उफान आ गया और उसका मलबा निचले इलाकों में घुस गया. इस हादसे के बाद दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे बंद करना पड़ा, जिससे ट्रैफिक जाम हो गया.
 

यहां देखें तबाही का VIDEO...


सीएम धामी ने दिए दिशा-निर्देश

वहीं, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर कहा कि  जनपद उत्तरकाशी के नौगांव क्षेत्र में अतिवृष्टि से नुकसान की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी से तत्काल वार्ता कर राहत एवं बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए. जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के दल प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना हो चुके हैं. प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर तुरंत पहुंचाने के साथ ही हर संभव मदद में किसी भी प्रकार की देरी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए भी स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है.

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प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान का जायज़ा लेगी केंद्र की टीम

बता दें कि इस मानसून में लगातार प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित उत्तराखंड में नुकसान का आकलन करने के लिए 7 सदस्यीय अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम 8 सितंबर को राज्य का दौरा करेगी. समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक राज्य आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 8 सितंबर को ही देहरादून में केंद्र की टीम के साथ बैठक होगी. टीम का नेतृत्व केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव आर. प्रसन्ना करेंगे. उन्होंने बताया कि जल्द ही पोस्ट-डिजास्टर नीड असेसमेंट (PDNA) की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, ताकि आपदाओं से हुए वास्तविक नुकसान का आकलन किया जा सके.

साल 2010 के बाद अब तक की सबसे ज्यादा बारिश

उत्तराखंड में इस बार मानसून के दौरान 574 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जिसे विनोद कुमार सुमन ने 2010 के बाद अब तक की सबसे अधिक वर्षा बताया है. भारी बारिश से प्रदेश में जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ है. केंद्रीय टीम उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर और नैनीताल का दौरा करेगी. राज्य सरकार ने आपदा से हुए नुकसान की भरपाई और भविष्य के लिए बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने के लिए केंद्र से 5702.15 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग की है.

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सीएम धामी ने आपदा प्रबंधन के लिए 13 आधुनिक सायरन का किया उद्घाटन 

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देहरादून के थाना डालनवाला परिसर में स्थापित 13 लॉन्ग रेंज आधुनिक सायरनों का लोकार्पण किया. उन्होंने कहा कि आपदा संभावित राज्य उत्तराखंड में समय पर चेतावनी और सूचना प्रसारण बेहद जरूरी है, ऐसे में 8 और 16 किलोमीटर तक की रेंज वाले ये सायरन आपदा पूर्व चेतावनी प्रणाली को मजबूत करेंगे और नागरिक सुरक्षा में सहायक साबित होंगे. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सायरनों का नियमित परीक्षण किया जाए और जनता को इनके बारे में जागरूक किया जाए, ताकि आपात स्थिति में अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हो सके. 

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