उत्तराखंड का धराली गांव पल भर में मलबे का ढेर बन गया. कई जान चली गईं, कई लोग मलबे में दबे गए, कई लोग सैलाब के साथ बह गए. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है लेकिन बारिश हेलिकॉप्टर से पहुंचने वाली मदद में रुकावट बन गई है. उत्तरकाशी में तबाही की अलग अलग तस्वीरें बताती हैं कि चंद सेकेंड के लिए आई ये बादलतोड़ तबाही कितनी खतरनाक थी. कैसे देखते ही देखते सबकुछ मलबे में समा गया.
उत्तराखंड के कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है. बारिश से रेस्क्यू के काम में दिक्कतें आ रही हैं. देहरादून से रेस्क्यू टीम धराली नहीं पहुंच पा रही है. दो एमआई 17 और दो चिनूक हेलिकॉप्टर को सरसावा और चंडीगढ़ में तैयार रखा गया है. जहां तबाही आई वो धराली गांव तक पहुंचना भी किसी जंग जीने से कम नहीं है. जगह-जगह पर जाने का रास्ता तबाह हो चुका है.
सेना की दो कॉलम, जिसमें 165 जवान और 5 खोजी कुत्ते हैं, मौके पर मौजूद हैं. मलबे में दबे लोगों की तलाश में डॉग स्क्वॉड को भी लगाया गया है. ITBP, आर्मी, NDRF, SDRF, उत्तराखंड पुलिस की टीमें लगातार लोगों को बचाने में जुटी हैं. मलबा हटाने का काम जारी है. सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
तकनीकी संसाधनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे बड़ी बाधा है, सड़कों और पुलों का टूट जाना है. इस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए आवाजाही में परेशानी हो रही है. ताजा जानकारी के मुताबिक धराली में कल हुए हादसे के बाद जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक 130 लोगों को बचाया गया है.
उत्तरकाशी के सुक्खी टॉप में भी कल बादल फटे. वहां भी तस्वीरें डराने वाली दिखीं. इस बादल फटने की घटना में भारी तबाही मची. उधर हरिद्वार भी में हादसे से हड़़कंप मच गया. मनसा देवी पहाड़ी से मलवा गिरा. भीमगोडा में कालीमंदिर के पास पहाड़ से गिरा रेलवे ट्रैक पर आ गया.मलवा आने से रेल ट्रैक पर बनाया गया जाल भी तबाह हो गया. इस वजह से ट्रेनों की आवाजाही भी बाधित हुई.
जोशीमठ नीति मलारी हाईवे पर सलधार भूस्खलन क्षेत्र के पास बीती रात्रि को अल्टोकार दुर्घटनाग्रस्त हो गई. कल दोपहर बाद से मार्ग बंद था सड़क 15 मीटर से ज्यादा बह गए. वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो गया है हालांकि चालक सुरक्षित है.
उत्तराखंड के कोटद्वार में देर रात से हो रही बारिश की वजह से स्थिति गंभीर हो चुकी है. थलीसैण में कलगड़ी नाला उफान पर राष्ट्रीय राजमार्ग 121 पाबो से पैठाणी थलीसैण कलगाडी पूल टूट गया. नाले के उफान होने के कारण कई बीघा फसल नष्ट हो गई है. लोग जिलाधिकारी से सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में भी मौसम का कहर टूटा है. वहां अचानक आई बाढ़ की घटना में एक पुल तबाह हो गया है. हालात ये हैं कि वहां भी ITBP को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा है.
रस्सी बचाव ट्रैवर्स क्रॉसिंग तकनीक की मदद से 413 तीर्थयात्रियों को बचाया गया और सुरक्षित निकाला गया. फ्लैड फ्लड की वजह से अफरातफरी मची है.
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