उत्तराखंड में लगातार बारिश, बादल फटने और भूस्खलन ने हालात बिगाड़ दिए हैं. कई गांव कट गए हैं और घर बह गए हैं. नेशनल हाईवे यानी राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हैं. नदियां खतरे का निशान पार कर चुकी हैं. कुदरत के कहर के बीच कई जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं. मौसम की मार से प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव अभियान जारी है. उत्तराखंड के कई इलाकों में भारी बारिश का दौर जारी है. चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी में नदियां उफान पर हैं. तमाम इलाके सैलाबी संकट से घिरे हुए हैं.
रुद्रप्रयाग में उफान पर अलकनंदा और मंदाकिनी नदियां
अलकनंदा और मंदाकिनी नदियां शुक्रवार, 29 अगस्त 2025 को खतरे का निशान पार कर गई हैं. नदी का पानी घरों तक घुस गया है. रुद्रप्रयाग का हनुमान मंदिर भी डूब गया है. केदारघाटी के तालजामन, बड़ेथ और लवारा गांवों में घर बह गए हैं. लवारा में मोटर पुल भी नदी की भेंट चढ़ गया है. छेनागाड़ बाजार में दुकानें, वाहन और घर मलबे में दब गए हैं. 6 लोगों के लापता होने की खबर है. इसके अलावा बसुकेदार क्षेत्र में बादल फटने से खेत, मकान और सड़कें तबाह हो गई हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें राहत-बचाव में जुटी हैं.
लगातार बारिश से चमोली में जगह-जगह नुकसान हुआ है. कर्णप्रयाग के पास कालेश्वर में पहाड़ से मलबा घरों में घुस गया है. बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग नंदप्रयाग, कमेड़ा, पागलनाला, जिलासू और भनेरपानी में बंद है. देवाल तहसील के मोपाटा गांव में बादल फटा है. जिसमें 2 लोग लापता, 2 घायल और करीब 20 पशु दब गए हैं. जोशीमठ में सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं.
टिहरी में भी बूढ़ा केदार और गेंवाली में देर रात बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है. कई छानियां और मंदिर मलबे में दब गए. इसके अलावा मवेशियों के बहने की भी आशंका है. आलू के खेत भी बर्बाद हुए हैं. भिलंगना, बालगंगा और धर्मगंगा नदियां उफान पर हैं. नैलचामी क्षेत्र में भारी भूस्खलन से खेत, पुलिया और सिंचाई व्यवस्था बह गई.
उत्तरकाशी के भटवाड़ी में पापड़गाड़ में अचानक आई बाढ़ से गंगोत्री हाईवे का मोटर पुल खतरे में आ गया है. पुल पर पेड़-पत्थर फंसे हैं और आवाजाही रोक दी गई है. गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे भी कई जगहों पर बंद है.
वहीं, बागेश्वर के कपकोट में 100 मिमी से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है. बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र आज बंद हैं. नैनीताल में भारी बारिश से रानीबाग पुल के पास भूस्खलन हुआ है. हल्द्वानी–भीमताल मार्ग पर भी यातायात बाधित है.
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में हो रही लगातार भारी बारिश का असर अब पौड़ी के श्रीनगर में भी साफ दिखाई दे रहा है. लगातार बारिश से अलकनंदा नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर के करीब पहुंच गया है. नदी का जलस्तर शुक्रवार सुबह 534.80 मीटर दर्ज किया गया. प्रशासन के अनुसार 535 मीटर अलार्मिंग लेवल और 536 मीटर डेंजर जोन माना जाता है.
वहीं, प्रसिद्ध धारी देवी मंदिर परिसर के पास भी नदी का पानी पहुंचने पर मंदिर क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. पौड़ी पुलिस लाउडस्पीकरों से लगातार लोगों को सतर्क कर रही है और उन्हें नदियों के पास न जाने की सख्त हिदायत दी जा रही है. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बचाव दल तैयार हैं. जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम को देखते हुए पूरी सावधानी बरतें, नदी और नालों के किनारे न जाएं तथा प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें.
अंकित शर्मा