अब UP की तरह पूरे उत्तराखंड में भी कांवड़ रूट पर लिखना होगा दुकानों पर नाम, हरिद्वार SSP का आदेश

अब उत्तराखंड सरकार ने भी यूपी सरकार की तरह का फैसला किया है. विशेष तौर से हरिद्वार में प्रशासन ने रेहड़ी-पटरी वालों और दुकानदारों को कहा है कि वो अपना नाम, मोबाइल नंबर आदि लिखकर तख्ती लगाएं और जो ऐसा नहीं करेगा उसकी दुकान कांवड़ रूट से हटवा दी जाएगी.

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कांवड़ यात्रियों की फाइल फोटो कांवड़ यात्रियों की फाइल फोटो

aajtak.in

  • हरिद्वार,
  • 19 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों को लेकर योगी सरकार के फरमान की तर्ज पर अब उत्तराखंड सरकार ने भी कुछ इसी तरह का फैसला किया है. विशेष तौर से हरिद्वार में प्रशासन ने रेहड़ी-पटरी वालों और दुकानदारों को कहा है कि वो अपना नाम, मोबाइल नंबर आदि लिखकर तख्ती लगाएं और जो ऐसा नहीं करेगा उसकी दुकान कांवड़ रूट से हटवा दी जाएगी.

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हरिद्वार के एसएसपी ने कहा, 'ऐसे सभी लोगों को जो होटल ढाबे का संचालन करते हैं या फिर रेहड़ी- ठेली लगाते हैं उनको आदेशित किया गया है कि वे अपने-अपने प्रतिष्ठान पर प्रोपराइटर का नाम, क्यूआर कोड और मोबाइल नंबर लिखकर आवश्यक रूप से लगाएं. जो व्यक्ति ऐसा नहीं करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.'

कांवड़ रूट की हर दुकान पर लगाना होगा नेमप्लेट, लिखना होगा मालिक का नाम और पहचान... CM योगी का फैसला

एसएसपी ने कहा, 'आदेश नहीं मानने की दुकान को कांवड़ मार्ग से भी हटा दिया जाएगा. पहचान छिपा कर नाम बदलकर होटल का या ढाबे आदि का संचालन करने से होने वाली अप्रिय स्थिति पैदा हुई थी. यह बात हमारे पहले भी संज्ञान में आई है और इसको लेकर कई बार गतिरोध भी हुआ है.' यूपी और उत्तराखंड सरकार के इस फैसले के बाद सियासत गरमा गई है.

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त्रिवेंद्र रावत ने किया समर्थन तो हरीश रावत ने की आलोचना

इस फैसले पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, 'इस पर आलोचना नहीं होनी चाहिए. कुछ दिनों पहले मैं पढ़ रहा था की पिछले साल कांवड़ यात्री कहीं पर खाना खाने गए तो उसमें कुछ और निकला .. पुलिस के कदम की प्रशंसा होनी चाहिए. ऐसे तो मेरे कुछ मुस्लिम मित्र हैं वो हलाल खाते है , झटका खा खालेंगे क्या ? सबकी अपनी श्रद्धा है. पुलिस ने सही काम किया है .'

उत्तराखंड के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा, 'ऐसे तो माथे पर लिखवा दो, छाती पर लिखवा दो. ऐसा कब से होने लगा. जिन लोगों के यहां से सब्जी आती है, दूध या फल, या अनाज आता है उनके भी नाम लिखवा दो. ऐसे तो पूरे विश्व में उत्तराखण्ड का, देश का नाम खराब होगा'

सीएम ने अधिकारियों को दिए थे निर्देश

इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और कांवड़ यात्रा को लेकर भी विशेष निर्देश दिए. मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान जारी करते हुए कहा, 'आगामी कांवड़ मेले के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने सभी तैयारियां सकुशल पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही स्वच्छता, पेयजल, स्वास्थ्य से संबंधित सभी सुविधाएं बेहतर रखने तथा घाटों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं.'

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कांवड़ यात्रा में कांवड़िए भाला, त्रिशूल लेकर नहीं चल सकेंगे
आपको बता दें कि कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू हो रही है. इससे पहले यूपी सरकार की उच्च स्तरीय बैठक में फैसला लिया गया कि कांवड़िए अपने साथ भाला-त्रिशूल या किसी भी तरह का हथियार लेकर नहीं चल सकेंगे. पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि कांवड़िए कांवड़ यात्रा में तिरंगा लेकर भी चलते हैं. ऐसे श्रद्धालुओं और कांवड़ियों पर खास नजर रहेगी. यात्रा मार्ग पर कांवड़ियों की सुविधा, भोजन और आराम के लिए कैंप लगाए जाएंगे. इनमें मेडिकल सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी. महिलाओं के लिए भी व्यवस्था रहेगी. कैंप हाईवे और एक्सप्रेसवे से कुछ दूरी पर बनाए जाएंगे.

(इनपुट- मुदित गौड़)

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