धांधली की शिकायतों पर एक्शन में योगी, 46 मदरसों का अनुदान रोका

उत्तर प्रदेश 560 मदरसों को अनुदान राशि देती है. इस अनुदान राशि में शिक्षकों की सैलरी और रख रखाव का खर्च शामिल होता है. इस संबंध में मिली शिकायत के मुताबिक इन मदरसों में सैलरी तो कम दी जाती है, लेकिन हस्ताक्षर ज्यादा पर करवाया जाता है यानी रिकॉर्ड में जितनी सैलरी दी जाती है, उससे ज्यादा दिखाई जाती है.

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सीएम योगी सीएम योगी

शिवेंद्र श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 13 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:51 PM IST

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सूबे के मदरसों को तगड़ा झटका दिया है. सरकार ने राज्य के 46 मदरसों को मिलने वाली अनुदान राशि पर रोक लगा दी है. डीआईओएस की रिपोर्ट के बाद यह रोक लगाई गई है. इन मदरसों के खिलाफ मानकों के हिसाब से काम नहीं करने की शिकायत मिली थी.

उत्तर प्रदेश 560 मदरसों को अनुदान राशि देती है. इस अनुदान राशि में शिक्षकों की सैलरी और रख रखाव का खर्च शामिल होता है. इस संबंध में मिली शिकायत के मुताबिक इन मदरसों में सैलरी तो कम दी जाती है, लेकिन हस्ताक्षर ज्यादा पर करवाया जाता है यानी रिकॉर्ड में जितनी सैलरी दी जाती है, उससे ज्यादा दिखाई जाती है.

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इतना ही नहीं, इन मदरसों पर पढ़ाई लिखाई सिर्फ कागजों में ही दिखाए जाने का आरोप है. आरोप है कि इन मदरसों में पढ़ाई लिखाई नहीं होती है, बल्कि कागजों में दिखाया जाता है. इससे पहले योगी सरकार ने आदेश जारी कर सूबे के सभी मदरसों को हिंदी में मदरसे का नाम, खुलने और बंद होने का वक्त समेत तमाम जानकारियां लिखनी होंगी.

इस पर यूपी सरकार के मंत्री बलदेव सिंह ओलख ने कहा था कि ये आदेश इसलिए दिया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जान सकें कि आखिरकार इस मदरसे का नाम क्या है? साथ ही ये भी लोग जान सकें कि यहां किस तरह की पढ़ाई होती है. मदरसों के खुलने और बंद होने का वक्त भी अब बोर्ड पर लिखना होगा.

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