बॉलीवुड की एक फिल्म है 'कागज'. इस फिल्म का मुख्य किरदार अपने अपने जिंदा होने का सबूत लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाता है. वो फिल्म थी लेकिन उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में ऐसा सच में हो रहा है. यहां श्री राम तिवारी नाम के शख्स अपने जिंदा होने के सबूत लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. मामला गोंडा के तरबगंज तहसील के विशुनपुर बनियान पुरवा तरबगंज का है.
श्री राम को परिवार रजिस्टर में मृत घोषित कर दिया गया जिसके आधार पर उनकी जमीन दूसरे के नाम पर वरासत कर दी गयी है. अधिकारियों और कर्मचारियों के इस कारनामे से हैरान परेशान श्री राम तिवारी पिछले 5 साल से अधिकारियों के चौखट पर दस्तक दे रहे हैं. श्री राम की अपील और गुहार खाली जा रही है. उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है.
श्री राम की मानें तो उनके परिवार रजिस्टर में उन्हें मृत घोषित कर उनका 46 बिस्वा खेत परिवार रजिस्टर में फर्जी नाम चढ़ाकर ऐसे व्यक्ति को दे दिया गया जो उनके परिवार का नहीं है. श्री राम चाहते है कि उन्हें कागज में जिंदा कर दिया जाए और उनकी खतौनी दुरुस्त कर दी जाए. जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने इस संबंध में बताया कि प्रकरण की जांच की जा रही है. उन्हों कहा कि एसडीएम के नेतृत्व में दो सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच सौंपी दी गयी है. जांच रिपोर्ट आते ही दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी और गलतियों को दुरुस्त कराया जाएगा.
तीन बच्चों के पिता और तरबगंज तहसील के बिशुनपुर बनियान पुरवा निवासी श्री राम की जमीन किसी राम गरीब के नाम कर दी गई है. जो ना ही उनके परिवार का है और ना ही उसे वह जानते हैं. उनका कहना है कि लेखपाल, सेक्रेटरी व प्रधान के सहयोग से यह जालसाजी की गई है. श्री राम कहते हैं कि, ''मैं पिछले 5 साल से अधिकारियों और कर्मचारियों के चौखट पर नाक रगड़ रहा हूं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. मैं चाहता हूं कि मुझे कागज पर जिंदा कर दिया जाए और मेरी खतौनी दुरुस्त कर दिया जाए ताकि मैं अपने बच्चों को पाल सकूं. वह कहते हैं कि इस जालसाजी में उनका बड़ा भाई भी शामिल है. फिलहाल इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.
अंचल श्रीवास्तव / कुमार अभिषेक