यूपी के चित्रकूट जेल में पिछले साल हुए एनकाउंटर मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. SC ने यूपी सरकार को आदेश दिया है कि मामले की जांच रिपोर्ट दो हफ्ते में कोर्ट और याचिकाकर्ता को दी जाए. अगली सुनवाई नवंबर के आखिरी हफ्ते में होगी. याचिकाकर्ता ने यूपी की एनकाउंटर नीति पर रोक लगाने की भी मांग की है.
यूपी सरकार ओर से वकील मुकुल रोहतगी पेश हुए. उन्होंने कहा कि इस मामले में इंक्वायरी हुई है, जिसमें साफ है कि जिनका चित्रकूट में एनकाउंटर हुआ, वह अपराधी थे और उन पर पहले से ही कई आपराधिक केस चल रहे थे. सीजेआई यूयू ललित ने कहा कि पुलिस की क्रॉस फायरिंग में तीन लोगों की मौत हुई है. यूपी सरकार ने इंक्वायरी भी कराई है. सीजेआई ने कहा कि जांच पूरी हो चुकी है. आप प्रोटेस्ट याचिका दाखिल कर सकते हैं, लेकिन अगर आप थर्ड पार्टी हैं तो यह भी नहीं होगा.
'राज्य की एनकाउंटर नीति से चिंतित हूं'
याचिकाकर्ता की तरफ से वकील अनूप प्रकाश अवस्थी ने कहा कि राज्य में हिंसा की नीति रोकी जानी चाहिए, क्योंकि सीएम विधानसभा में एनकाउंटर को लेकर बयान देते हैं. अवस्थी ने आगे कहा कि न्यायिक जांच में कई तथ्यों पर ध्यान नहीं दिया गया, इसमें स्वतंत्र जांच होनी चाहिए. मैं यूपी का रहने वाला हूं और राज्य की एनकाउंटर नीति से चिंतित हूं, जिन तीन लोगों को मारा गया, वह फर्जी एंकाउंटर था. इसलिए स्वतंत्र जांच कराने की मांग कर रहा हूं.
पिछले साल चित्रकूट जेल में हुआ था गैंगवॉर
बता दें कि पिछले साल चित्रकूट जेल में शॉर्प शूटर अंशु दीक्षित और पश्चिमी यूपी के कुख्यात बदमाश मुकीम काला और पूर्वांचल के अपराधी मेराज अहमद के बीच गैंगवॉर हो गया था, जिसमें अंशु दीक्षित ने 9MM की पिस्टल से मुकीम काला और मेराज अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इतना ही नहीं, उसने पांच बंदियों को बंधक भी बना लिया था. जिसके बाद पुलिसबल एक्टिव हुआ और PAC के साथ मौके पर पहुंचा. यहां अपराधी अंशु दीक्षित ने पुलिस पर फायरिंग कर दी, जिसके बाद पुलिस ने एनकाउंटर में अंशु दीक्षित को वहीं मार गिराया था.
संजय शर्मा