'मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाना मौलिक अधिकार नहीं', विवादों के बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा

कोर्ट ने कहा कि मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाना मौलिक अधिकार नहीं है. ये कानून प्रतिपादित हो चुका है कि लाउडस्पीकर का मस्जिदों पर उपयोग करना संवैधानिक अधिकार नहीं है. 

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इससे जुड़ी याचिका खारिज कर दी है इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इससे जुड़ी याचिका खारिज कर दी है

पंकज श्रीवास्तव

  • प्रयागराज,
  • 06 मई 2022,
  • अपडेटेड 12:17 PM IST
  • हाई कोर्ट में दाखिल याचिका खारिज, कार्ट ने की सख्त टिप्पणी
  • यूपी में 54 हजार से अधिक लाउडस्पीकर मस्जिदों से हटाए गए

देश में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद के बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. साथ ही कोर्ट ने मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका भी खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाना मौलिक अधिकार नहीं है. ये कानून प्रतिपादित हो चुका है कि लाउडस्पीकर का मस्जिदों पर उपयोग करना संवैधानिक अधिकार नहीं है. 

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जस्टिस विवेक कुमार बिरला और जस्टिस विकास की डिवीजन बेंच ने बुधवार को ये आदेश दिया. याचिका इरफान नाम के शख्स ने दाखिल की थी. याचिका में बदायूं जिले के बिसौली एसडीएम के 3 दिसंबर 2021 को दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी. 

एसडीएम ने अजान के लिए धोरनपुर गांव की नूरी मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. याचिका में दलील दी गई थी कि एसडीएम का आदेश पूरी तरह अवैधानिक है. यह आदेश मौलिक और कानूनी अधिकारों का हनन करता है. 

क्या है सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस? 

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का प्रयोग ना किया जाए. हालांकि, ऑडिटोरियम, कॉन्फ्रेंस हॉल, कम्युनिटी और बैंक्वेट हॉल जैसे बंद स्थानों पर इसे बजा सकते हैं. लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर संविधान में नॉयज पॉल्यूशन (रेगुलेशन एंड कंट्रोल) रूल्स, 2000 में प्रावधान है. 

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इन नियमों का उल्लंघन करने पर कैद और जुर्माने दोनों सजा का प्रावधान है. इसके लिए एन्वार्यमेंट (प्रोटेक्शन) एक्ट, 1986 में प्रावधान है. इसके तहत इन नियमों का उल्लंघन करने पर 5 साल कैद और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. 

लाउडस्पीकर पर संग्राम... क्या हैं नियम, क्या है सजा का प्रावधान?

राज्य सरकारें दे सकती हैं रियायत

राज्य सरकार चाहे तो कुछ मौकों पर रियायतें दे सकती है. राज्य सरकार किसी संगठन या धार्मिक कार्यक्रम के लिए लाउडस्पीकर या दूसरे यंत्रों को बजाने की अनुमति रात 10 बजे से बढ़ाकर 12 बजे तक कर सकती है. हालांकि, एक साल में सिर्फ 15 दिन ही ऐसी अनुमति दी जा सकती है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में 54 हजार से ज्यादा मस्जिदों से लाउडस्पीकर को हटा लिया गया है और 60 हजार लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी गई है.  

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