भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर समझौते के चंद घंटों बाद ही एक बार फिर सीमा पर गोलियों की गूंज सुनाई दी. जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब तक पाकिस्तान ने उकसावे की कार्रवाई की. जिससे सीमावर्ती इलाके में स्थिति तनावपूर्ण हो गई और सेना को अभी भी अलर्ट पर रखा गया है. हालांकि, सीमावर्ती राज्यों में स्थिति अब सामान्य होने लगी है. इसी बीच AAJTAK ने पंजाब के गुरदासपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बेहरामपुर गांव के युवाओं के एक समूह के साथ चौपाल की.
सीजफायर के बाद यहां पर युवा वॉलीबॉल खेलते नजर आए. सीजफायर को लेकर युवाओं का कहना है कि वे युद्ध विराम की घोषणा से खुश हैं.युवाओं का कहना है कि अब जीवन सामान्य हो सकता है और हम स्कूल और कॉलेज जा सकते हैं. पंजाब में बहादुरी की एक महान विरासत है और हम अपनी सेना का समर्थन करने के लिए वहां मौजूद हैं.
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युवाओं ने कहा कि हमारे दादा हम लोगों को 1971 और 1999 युद्ध को लेकर बताते थे कि युद्ध में कैसी स्थिति होती है. भारत-पाक के बीच जंग जैसे हालात बन गए थे. हम लोगों ने पहली बार इस तरह की स्थिति का सामना किया. युद्ध में बहुत ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस दौरान मौजूद एक युवा ने कहा कि मैं एनडीए में जाने के लिए अकादमी में ट्रेनिंग ले रहा हूं. मुझे ट्रेनिंग में सिखाया जाता है कि कैसे दुश्मनों का मुकाबला करना है. अगर युद्ध होता है तो मैं देश सेवा के लिए हमेशा तैयार रहूंगा.
मौसमी सिंह