5 दिन, अजमेर से जयपुर... गहलोत से तनातनी के बीच सचिन पायलट क्यों कर रहे 125KM की पदयात्रा?

राजस्थान की सियासत में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच संबंध पहले से ही खटास भरे रहे हैं. दोनों के बीच 2018 से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान रही है. दोनों ही नेता कई मौकों पर सार्वजनिक तौर पर एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए भी नजर आए. 

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सचिन पायलट और अशोक गहलोत सचिन पायलट और अशोक गहलोत

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2023,
  • अपडेटेड 5:25 AM IST

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट गुरुवार को अजमेर दौरे पर होंगे. वह अजमेर से जयपुर तक अपनी पांच दिवसीय जनसंघर्ष पदयात्रा शुरू करेंगे. उनकी इस पांच दिवसीय पदयात्रा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ चल रही राजनीतिक तनातनी के अंत के तौर पर देखा जा रहा है.

पायलट और गहलोत के बीच संबंध पहले से ही खटास भरे रहे हैं. दोनों के बीच 2018 से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान रही है. दोनों ही नेता कई मौकों पर सार्वजनिक तौर पर एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए भी नजर आए. 

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सचिन पायलट ने जयपुर में अपने आधिकारिक आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि उन्हें लगता है कि अशोक गहलोत की नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे हैं.

उनका यह बयान गहलोत की उस टिप्पणी के बाद आया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि वसुंधरा बीजेपी के उन तीन विधायकों में से एक थी, जिन्होंने उनकी सरकार को बचाया था.

इसके बाद सचिन पायलट ने कहा था कि यह स्पष्ट है कि सोनिया गांधी गहलोत की नेता नहीं है. यह स्पष्ट है कि वसुंधरा राजे गहलोत की नेता हैं. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं और मेरे सहकर्मी नेतृत्व बदलना चाहते हैं. हमने इस संबंध में अपनी इच्छा जता दी है. एक समिति का गठन किया गया था. दिवंगत नेता अहमद पटेल भी इस समिति का हिस्सा थे.

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यह यात्रा अजमेर से जयपुर तक 125 किलोमीटर की होगी. यात्रा भ्रष्टाचार के खिलाफ होगी. यात्रा के बाद ही किसी तरह का राजनीतिक फैसला लिया जाएगा.

सचिन पायलट के इस ऐलान से साफ हो गया कि पदयात्रा कर सूबे के सियासी नब्ज की थाह लेंगे और उसके बाद ही किसी तरह का राजनीतिक कदम उठाएंगे?

भ्रष्टाचार पर गहलोत को घेर रहे पायलट

सचिन पायलट बीजेपी राज में करप्शन पर कार्रवाई न होने का मुद्दा लगातार उठा रहे हैं. बाड़मेर में मंत्री हेमाराम चौधरी के बेटे की याद में बनाए गए हॉस्टल के लोकार्पण के मौके पर शनिवार को हुई सभा में पायलट ने करप्शन का मामला फिर उठाया था. पायलट ने कहा था कि बीजेपी राज के करप्शन का मुद्दा उठाने से कई लोग नाराज हुए, लेकिन उसकी कोई परवाह नहीं है. पिछले दिनों जयपुर में इसी मुद्दे पर पायलट ने एक दिन का अनशन किया था, अब सड़क पर उतरने का भी ऐलान कर दिया है. इसी तरह से बीजेपी सरकार के दौरान हुई भ्रष्टाचार के मामले को उठाकर गहलोत को घेर रहे हैं.

पायलट की राजनीतिक ख्वाहिश

सचिन पायलट की शुरू से राजनीतिक महत्वाकांक्षा रही है कि उन्हें राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जाए. पायलट खेमा चाहता है चुनाव से पहले सीएम बदला जाए. पंजाब की तर्ज पर राजस्थान में भी चुनाव से पहले सीएम बदलने की मांग पायलट गुट लगातार कर रहा है. सितंबर 2022 की विधायक दल की मीटिंग कैंसिल होने के बाद कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि जल्द ही फिर एक मीटिंग आयोजित की जाएगी, लेकिन वह भी ठंडे बस्ते में चली गई. राजस्थान में तीन दशक से सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड रहा है. एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी सत्ता में आती रहती है. ऐसे में अब पायलट के पास कोई विकल्प नहीं बचा है और उन्हें लगता है कि अगर अब कोई फैसला नहीं हुआ तो फिर उनके हाथों से बाजी निकल जाएगी, इसीलिए पायलट ने पूरी तरह से मोर्चा खोल दिया है.

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