क्रॉस वोटिंग से 2 सीटों का उलटफेर और राज्यसभा में बहुमत के करीब NDA! समझिए पूरा नंबरगेम

राज्यसभा की 56 सीटों के लिए हुए चुनाव के बाद उच्च सदन में बीजेपी के नेतृत्व वाला सत्ताधारी एनडीए उच्च सदन में बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़े के और करीब पहुंच गया है. नए सदस्यों के आने के बाद उच्च सदन की तस्वीर कैसी होगी?

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बिकेश तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 29 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:33 PM IST

राज्यसभा की 56 सीटों के लिए चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. संख्याबल के लिहाज से किसी को कुछ सीटों का लाभ हुआ है तो किसी को नंबरगेम अपने पक्ष में होने के बावजूद सीटों का नुकसान पड़ा है. इन चुनावों के बाद उच्च सदन का नंबरगेम भी बदल गया है. अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाला सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानि एनडीए बहुमत के और करीब पहुंच गया है. विपक्षी कांग्रेस का संख्याबल उच्च सदन में और कम हो गया है.

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बीजेपी को अनुमान से दो अधिक सीटें

राज्यसभा की जिन 56 सीटों के लिए चुनाव हुए, उनमें से 28 सीटें बीजेपी के पास थीं. इन चुनावों में भी अलग-अलग राज्यों में संख्याबल के लिहाज से बीजेपी को 28 सीटें ही मिलती नजर आ रही थीं. लेकिन यूपी से हिमाचल प्रदेश तक हुए खेला से पार्टी को दो सीटों का लाभ हुआ है. 28 सीटें जीतती नजर आ रही बीजेपी जब चुनाव नतीजे आए, 30 सीटें जीत चुकी थी. बीजेपी को यूपी में सात सीटें मिलती नजर आ रही थीं लेकिन पार्टी आठ सीटें जीत गई.

हिमाचल में नंबरगेम विपरीत होते हुए भी पार्टी एक सीट जीतने में सफल रही जहां कांग्रेस का जीतना तय माना जा रहा था. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत कांग्रेस के तमाम नेता सूबे की सीट से सोनिया गांधी को राज्यसभा भेजने की वकालत कर रहे थे. हालांकि, कांग्रेस ने सोनिया गांधी को राजस्थान से उच्च सदन में भेजा.

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अब हिमाचल के नतीजे देख कहा यह भी जा रहा है कि सीएम सुक्खू समेत तमाम नेता सोनिया गांधी को इसीलिए सूबे की सीट से उम्मीदवार बनाना चाह रहे थे, क्योंकि उन्हें यह लग रहा था कि उनकी उम्मीदवारी से विधायक एकजुट हो जाएंगे और अगर मतदान का सीन बना भी तो क्रॉस वोटिंग का खतरा कम से कम होगा.

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कांग्रेस नेतृत्व ने प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी और विधायकों की नाराजगी को देखते हुए सोनिया को हिमाचल से उतारने की जगह राजस्थान की सेफ सीट से उच्च सदन भेजने का फैसला लिया. कांग्रेस की 10 सीटों पर जीत तय मानी जा रही थी लेकिन पार्टी नौ सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी.

चुनाव के बाद कैसी होगी राज्यसभा की तस्वीर?

राज्यसभा में फिलहाल छह मनोनीत सदस्यों समेत कुल 239 सदस्य हैं. बीजेपी के एक सदस्य किरोड़ीलाल मीणा ने राजस्थान विधानसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. हाल के राज्यसभा चुनाव में निर्वाचित सदस्य अप्रैल में उच्च सदन के सदस्य की शपथ ग्रहण कर लेंगे जिसके बाद सदन की स्ट्रेंथ 240 पहुंच जाएगी. फिलहाल, राज्यसभा में 94 सदस्यों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. नए सदस्यों के शपथ ग्रहण के बाद बीजेपी सांसदों की संख्या उच्च सदन में सौ के आंकड़े के और करीब, 97 पहुंच जाएगी.

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राज्यसभा में कांग्रेस 30 सदस्यों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. राज्यसभा में कांग्रेस की स्ट्रेंथ अब 29 रह जाएगी. पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी टीएमसी 13 सदस्यों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. राज्यसभा में 240 की स्ट्रेंथ है और बहुमत का आंकड़ा 121 सदस्यों का है. हालिया नतीजों के बाद गठबंधन के लिहाज से देखें तो केंद्र की सत्ता पर काबिज एनडीए का संख्याबल 117 तक पहुंच गया है जो बहुमत के लिए जरूरी 121 से चार कम है.

निर्विरोध निर्वाचित हुए 41 सदस्य

राज्यसभा की 41 सीटें 2 अप्रैल और 15 सीटें 3 अप्रैल को रिक्त हो रही हैं. इन 56 सीटों के लिए हुए चुनाव में 41 सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो गए. तीन राज्यों- यूपी की 10, कर्नाटक की चार और हिमाचल प्रदेश की एक यानि 15 सीटों के लिए 27 फरवरी को वोटिंग हुई. इन 15 में से 10 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली जबकि कांग्रेस को कर्नाटक में तीन सीटों पर जीत मिली और यूपी की दो सीटें सपा के खाते में आईं.

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