लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में शक्ति प्रदर्शन किया. बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में वोट चोरी की 'कथित धांधली' के खिलाफ लोकसभा और राज्यसभा के विपक्षी सांसदों ने संसद भवन से चुनाव आयोग के दफ्तर तक पैदल मार्च निकाला.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, एनसीपी (एसपी) के चीफ शरद पवार, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी समेत विपक्षी इंडिया ब्लॉक के सभी सांसदों ने संसद भवन से चुनाव आयोग के दफ्तर तक पैदल मार्च किया.
संसद मार्ग पर पुलिस ने बैरिकेड लगाकर इंडिया ब्लॉक के नेताओं को चुनाव आयोग जाने से रोकने की कोशिश की तो अखिलेश यादव पुलिस बैरिकेड पर चढ़कर कूद गए. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी विपक्षी सांसदों का जोश बढ़ाती नजर आईं तो कई विपक्षी सांसदों ने दिल्ली पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़कर आगे बढ़ गए.
राहुल के 'वोट चोरी' कैंपेन को मिली सियासी धार
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 'वोट चोरी' का मुद्दा उठाते हुए चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए. इसके बाद कांग्रेस ने 'वोट चोरी' पर एक ‘वेब पेज’ शुरू किया है. इस वेबसाइट पर लोग कथित 'वोट चोरी’ के खिलाफ निर्वाचन आयोग से जवाबदेही की मांग करने और डिजिटल मतदाता सूची की मांग का समर्थन करने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.
कांग्रेस अब लगातार इसे सियासी मुद्दा बनाने में जुट गई है और लोगों का समर्थन हासिल कर रही है. पोर्टल लोगों को फोन कॉल के जरिए और एसएमएस में दिए गए लिंक को भरकर रजिस्ट्रेशन कराने का विकल्प भी देता है. प्रमाणपत्र पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और कोषाध्यक्ष अजय माकन के हस्ताक्षर हैं.
राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा कि वोट चोरी ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांत पर हमला है. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए साफ-सुथरी मतदाता सूची अनिवार्य है. चुनाव आयोग से हमारी मांग साफ है कि पारदर्शिता दिखाएं और डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करें, ताकि जनता और राजनीतिक दल उसका खुद ऑडिट कर सकें. इस तरह कांग्रेस अब वोट चोरी के मुद्दे पर लोगों का समर्थन जुटाना शुरू कर रही है
'वोट चोरी' कैंपेन के मुद्दे पर विपक्ष लामबंद
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'वोट चोरी' के मुद्दे को लेकर सड़क से संसद तक मोर्चा खोल रखा है. राहुल गांधी ने सात अगस्त को 'इंडिया' ब्लॉक' के नेताओं को अपने आवास पर 'डिनर पार्टी' दी थी, जिसमें 25 विपक्षी दलों के करीब 50 नेताओं ने शिरकत की थी. इस दौरान राहुल गांधी ने सभी विपक्षी दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में वोट चोरी का प्रेजेंटेशन दिया. विपक्षी नेताओं ने बिहार में एसआईआर और तथाकथित 'वोट चोरी' मॉडल के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया. इस तरह राहुल गांधी ने बिखरे विपक्ष को फिर से एकजुट करने के साथ-साथ एक्टिव मोड में ला दिया है.
राहुल गांधी ने वोट चोरी का मुद्दा उठाकर विपक्ष के दिल को जीतने की कोशिश की है, क्योंकि अखिलेश यादव से लेकर तेजस्वी यादव तक काफी समय से सवाल उठा रहे थे. राहुल गांधी ने एक लोकसभा और एक विधानसभा को आधार बनाकर बताया कि कैसे वोट चोरी हो रही है. उन्होंने बताया कि कई ऐसे घर हैं, जहां से 40 से 60 वोट बनाए गए. इसके अलावा बताया कि कई ऐसे वोटर हैं, जिनके कई बूथों पर वोट हैं. चुनाव आयोग के खिलाफ राहुल गांधी ने आवाज बुलंद की तो विपक्ष का भी समर्थन मिला.
INDIA ब्लॉक ने दिखाई एकजुटता
राहुल गांधी की अगुवाई में लोकसभा और राज्यसभा के विपक्षी सांसदों ने संसद से चुनाव आयोग दफ्तर तक पैदल मार्च किया. इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी एससीपी प्रमुख शरद पवार भी मार्च में शामिल हुए. अखिलेश यादव से लेकर अभिषेक बनर्जी तक ने शिरकत की. पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोकने की कोशिश की तो अखिलेश यादव बैरिकेड से कूद गए. उन्होंने कहा कि वे हमें रोकने के लिए पुलिस का इस्तेमाल कर रहे हैं. हमें चुनाव आयोग नहीं जाने दिया जा रहा है. विपक्ष की 25 पार्टियों के नेताओं ने शिरकत कर विपक्षी एकजुटता का संदेश दिया.
लोकसभा और राज्यसभा के 300 से ज्यादा सांसदों ने मार्च निकाला, रास्ते में दिल्ली पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी और सात जगहों पर बैरिकेडिंग की थी. ऐसे में विपक्षी दलों के सांसदों को एक किलोमीटर तक पैदल चलकर विरोध मार्च निकालना था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया. सभी सांसद रास्ते में नारेबाजी करते जा रहे थे और 'चोर-चोर' के नारे लगा रहे थे. कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने कहा कि पुलिस यहां सांसदों को गिरफ्तार कर रही है और हमें चुनाव आयोग से मिलने नहीं दे रही है. ममता बनर्जी भी इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ खड़ी नजर आ रही हैं.
ममता से पवार, अखिलेश तक राहुल के साथ
राहुल गांधी के वोट चोरी वाला मुद्दा उठाने के बाद समूचा विपक्ष उनके साथ खड़ा नजर आ रहा है. राहुल के सुर में सुर मिलाते हुए अखिलेश से लेकर ममता बनर्जी और शरद पवार तक नजर आ रहे हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव आयोग न्याय करेगा या नहीं, इस पर बहस होनी चाहिए. उस पर वोट चोरी के आरोप लगे हैं, उस पर सफाई देना स्वयं चुनाव आयोग की विश्वसनीयता एवं चुनावी पारदर्शिता के लिए जरूरी है. जनता का विश्वास किसी संवैधानिक संस्था से डिगा तो उसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे.
अखिलेश ने कहा कि सबसे ज्यादा फर्जी वोटर बीजेपी ने बनवाए हैं. भाजपा के चुनावी हथकंडे अब उजागर हो चुके हैं. भाजपा कुछ लोगों की मिलीभगत से फर्जी वोट बढ़ाने का काम करती है, यह सब चुनावी अधिकारियों से साठगांठ से किया जा रहा है. अखिलेश की तरह ममता बनर्जी की टीएमसी भी कांग्रेस के साथ है. डीएमके से लेकर सीपीआईएम और टीएमसी तक सब एक सुर में राहुल गांधी के 'वोट चोरी' वाले एजेंडे पर अपनी सहमति जताने के साथ-साथ जमीन पर उतरकर संघर्ष भी कर रहे हैं.
विपक्ष का मानना है कि एसआईआर की प्रक्रिया अभी बिहार में शुरू हुई है, फिर तमिलनाडु और उसके बाद पश्चिम बंगाल सहित अन्य दूसरे राज्यों में होगी. इसीलिए सभी विपक्षी दल राहुल गांधी के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. विपक्षी नेताओं ने फिर से एकजुट होकर मोदी सरकार के खिलाफ सियासी लड़ाई लड़ने का मोर्चा खोल दिया है. सबने मिलकर तय किया है कि एसआईआर का मुद्दा उठाते रहेंगे. राहुल गांधी की ओर से उठाए गए चुनावी धांधली मामले को बिहार में हुए एसआईआर के साथ जोड़कर सियासी धार देने की कवायद करने की रणनीति बनाई है.
कुबूल अहमद