टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की BCCI के अध्यक्ष पद से विदाई की खबरों के बीच भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस में जुबानी जंग शुरू हो गई है. TMC प्रमुख ममता बनर्जी ने हाल ही में सौरव गांगुली की तारीफ करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा था.
उन्होंने कहा था कि वे (सौरभ गांगुली) कुशल प्रशासक रहे हैं. लेकिन अमित शाह के बेटे BCCI में बने हुए हैं, लेकिन सौरव गांगुली को हटा दिया गया. हम जानना चाहते हैं कि आखिर इरादा क्या है?
ममता बनर्जी के इस जुबानी हमले पर भाजपा ने भी पलटवार किया है. बंगाल में विपक्ष (भाजपा) के नेता शुभेंदु अधिकारी कहा कि ममता बनर्जी को पहले शाहरुख को बंगाल के ब्रांड एंबेसडर के पद से हटाकर सौरभ गांगुली को वहां नियुक्त करना चाहिए.
शुवेंदु अधिकारी ने आगे कहा कि उन्हें (ममता को) अपनी महानता का एहसास इतनी देर से क्यों हुआ? उन्हें इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. अधिकारी ने आगे कहा कि ममता को पता होना चाहिए कि पीएम क्रिकेट प्रशासन में हस्तक्षेप नहीं करते हैं.
बता दें कि पूर्व क्रिकेटर रोजर बिन्नी 18 अक्टूबर को औपचारिक तौर पर सौरव गांगुली की जगह लेने जा रहे हैं. हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सौरव गांगुली की तारीफ करते हुए मोदी सरकार के इस फैसले पर निशाना साधा था.
ममता बनर्जी ने सौरव गांगुली की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि सौरव गांगुली को क्यों हटाया गया, जबकि अमित शाह के बेटे BCCI में बने हुए हैं. हम ये जानना चाहते हैं कि आखिर इसके पीछे इरादा क्या है.
उन्होंने कहा, दादा को BCCI से हटाने की भरपाई उन्हें ICC में भेज कर ही की जा सकती है. ऐसे में मेरी पीएम मोदी से अपील है कि वह सुनिश्चित करें कि गांगुली आईसीसी में जाएं. हमें उनपर गर्व है.ममता ने कहा कि सौरव एक लोकप्रिय व्यक्ति हैं. मैं भारत सरकार से अपील करती हूं कि राजनीतिक तौर पर ऐसे फैसले न लें, वह राजनीतिक पार्टी के सदस्य नहीं हैं.
ऋतिक