एडवांस ड्रोन बनाने में भारत की मदद करेगा अमेरिका, प्रीडेटर ड्रोन डील के बीच दिया ये ऑफर

अगर अमेरिका के इस ऑफर को मंजूरी मिल जाती है तो फिर हिंद महासागर क्षेत्र के साथ-साथ पाकिस्तान और चीन से लगती ऊंचाई वाली पहाड़ी पर भारतीय निगरानी क्षमताओं को बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

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ड्रोन डील. (File photo) ड्रोन डील. (File photo)

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 10:33 PM IST

भारत और अमेरिका के बीच 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन को लेकर सौदा होना है. इसी बीच अमेरिका ने उन्नत ड्रोन निर्माण के लिए भारत को परामर्श देने की पेशकश की है. इस ड्रोन में निगरानी और टोही के लिए उच्च स्तरीय क्षमता होगी. बता दें कि भारत और अमेरिका टेक डील को अंतिम रूप देने के लिए लंबे समय से एक-दूसरे से बात कर रहे हैं. इस डील के तहत भारत की तीनों सेनाओं को निगरानी और डोमेन जागरूकता बढ़ाने के लिए ड्रोन मिलने हैं.

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सोमवार को हो सकती है चर्चा

अमेरिका अब देश के भीतर उन्नत ड्रोन क्षमताओं के विकास के लिए परामर्श प्रदान करने की पेशकश कर रहा है. रक्षा सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि रक्षा अधिग्रहण परिषद में सोमवार को होने वाली उच्च स्तरीय बैठक में इसकी मंजूरी और चर्चा के लिए प्रस्ताव रखा जा सकता है. अगर अमेरिका के इस ऑफर को मंजूरी मिल जाती है तो फिर हिंद महासागर क्षेत्र के साथ-साथ पाकिस्तान और चीन से लगती ऊंचाई वाली पहाड़ी पर भारतीय निगरानी क्षमताओं को बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

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मोदी के अमेरिका दौरे पर हुई थी घोषणा

भारत और अमेरिका ने पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान 31 हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (HALE) यूएवी के लिए 4 बिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर करने की योजना की घोषणा की थी. इस बीच रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि तीनों सशस्त्र बल 31 प्रीडेटर ड्रोन को स्वदेशी हथियारों से लैस करने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि योजना यह है कि जब ड्रोन भारत में इकट्ठे होंगे तो उन्हें रणनीति के हिसाब से तैयार किया जाएगा.

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तीन हब बनाए जाने की है योजना

शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने इंडिया टुडे को बताया कि योजना के अनुसार, ड्रोन का इस्तेमाल करने के लिए देश के उत्तरी, उत्तरपूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में तीन हब बनाए जाएंगे. बता दें कि एमक्यू-9बी रीपर या प्रीडेटर ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये ड्रोन 40 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर करीब 40 घंटे तक उड़ान भर सकता है. यह ड्रोन सर्विलांस और हमले के लिहाज से बेहतरीन है और हवा से जमीन पर सटीक हमले करने में सक्षम हैं. 

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