गृह मंत्रालय ने क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के संस्थान, स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इस फैसले के पीछे विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के कई उल्लंघनों का हवाला दिया गया है.
यह कार्रवाई बुधवार को लेह में लद्दाख को अलग राज्य का दर्जा देने के विरोध प्रदर्शनों के हिंसक हो जाने के बाद की गई है.
लेह में हो रहा प्रोटेस्ट हिंसा में बदल गया था, इस दौरान झड़पें भी हुईं, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. 40 पुलिसकर्मियों सहित करीब 80 लोग घायल हुए.
'पूरा तंत्र बेहद घटिया...'
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "सोनम वांगचुक के बारे में ये पढ़िए. जो शख्स देश के बारे में सोचता है, शिक्षा के बारे में सोचता है, नए नए आविष्कार करता है, उसको आज केंद्र सरकार का पूरा तंत्र बेहद घटिया राजनीति के तहत प्रताड़ित कर रही है. बेहद दुख होता है - देश की बागडोर कैसे लोगों के हाथ में है. ऐसे में देश कैसे तरक्की करेगा?"
वहीं, आम आदमी पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया पोस्ट में सवालिया लहजा अपनाते हुए कहा, "अगर सरकार सोनम वांगचुक को झूठे मुकदमों में गिरफ्तार करती है, तो दिल्ली में बड़ा शांतिपूर्ण आंदोलन होना चाहिए?"
लद्दाख में हुई हिंसा का सीधा आरोप सोनम वांगचुक पर लगाते हुए, केंद्र ने कहा कि उनके उपवास और "भड़काऊ" भाषणों ने भीड़ को उकसाया, जिसने बीजेपी और सरकारी कार्यालयों पर हमला किया, संपत्ति में आग लगा दी और 30 से ज़्यादा पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों को घायल कर दिया. गृह मंत्रालय ने आरोप लगाया कि वांगचुक द्वारा अरब स्प्रिंग और नेपाल के जेन-ज़ी विरोध प्रदर्शनों का ज़िक्र करने से भीड़ भड़की.
यह भी पढ़ें: लेह हिंसा के बाद सोनम वांगचुक पर केंद्र का बड़ा एक्शन, संस्थान का विदेश से फंडिंग लेने वाला लाइसेंस कैंसल
गृह मंत्रालय के बयान पर जवाब देते हुए, वांगचुक ने कहा कि वह जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत गिरफ्तारी का सामना करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने पीटीआई से कहा, "यह कहना कि इसे मैंने या कभी-कभी कांग्रेस ने उकसाया था, समस्या की जड़ तक पहुंचने के बजाय, बलि का बकरा ढूंढ़ने जैसा है, और इससे हमें कोई फ़ायदा नहीं होगा. वे किसी और को बलि का बकरा बनाने में चतुर हो सकते हैं, लेकिन वे बुद्धिमान नहीं हैं."
aajtak.in