देश के चार राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और केरल में निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के बाद मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशन कर दिया गया है. इस पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य फर्जीवाड़े को रोकना और मृत, शिफ्टेड या डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम हटाकर सूची को शुद्ध बनाना था.
इस प्रक्रिया में चार राज्यों से लाखों मतदाताओं के नाम सूची से बाहर हो गए हैं. मध्य प्रदेश में इस अभियान के तहत कुल 42,74,160 मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं. राज्य में अब कुल मतदाताओं की संख्या में बड़े बदलाव आए हैं.
विशेष रूप से राजधानी भोपाल में पुनरीक्षण के बाद 4.38 लाख नाम कटे हैं. भोपाल की गोविंदपुरा और नरेला विधानसभा क्षेत्रों में सबसे बड़ी कटौती देखी गई है. राज्य में कुल 42 लाख 74 हजार 160 वोटर्स के नाम मतदाता सूची से कट गए हैं.
मध्य प्रदेश में शिफ्टेड और अब्सेंट मतदाताओं की संख्या 31.51 लाख, यानी 5.49% है. इसके अलावा एक से अधिक जगह इनरोल्ड मतदाताओं की संख्या 2.77 लाख है जो 0.48% फीसदी. दावे आपत्ति की प्रक्रिया 22 जनवरी 2026 तक चलेगी और 21 फरवरी को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी.
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छत्तीसगढ़: 2003 के बाद सबसे बड़ा पुनरीक्षण
छत्तीसगढ़ में 2003 के विशेष अभियान के बाद अब तक कुल 27,34,817 नाम हटाए गए हैं. इनमें से 19 लाख से ज्यादा मतदाता अपने पुराने पते से स्थायी रूप से शिफ्ट हो चुके हैं, जबकि 6.42 लाख मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है. करीब 1.79 लाख नाम 'दोहरी प्रविष्टि' (Duplicate Entry) की वजह से हटाए गए हैं. छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के पहले चरण में जबरदस्त भागीदारी दर्ज की गई है.
केरल: 24 लाख मतदाता सूची से बाहर
केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रतन यू. केलकर ने जानकारी दी कि राज्य में ड्राफ्ट सूची से 24 लाख से अधिक मतदाताओं को बाहर किया गया है. केरल में भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग पाए गए जो अब संबंधित बूथों पर नहीं रहते या जिनका नाम एक से अधिक जगहों पर दर्ज था.
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अंडमान निकोबार
अंडमान निकोबार द्वीप समूह में चलाए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के बाद मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशन कर दिया गया है .कुल गणना फॉर्म्स तीन लाख 10 हजार 404 में से 79.38 फीसदी यानी 2 लाख 46 हजार 390 गणना फॉर्म वापस मिले.
ड्राफ्ट रोल के मुताबिक 2.96 फीसद यानी 9 हजार 191 वोटर मृत हो चुके हैं. स्थायी रूप से प्रदेश से बाहर शिफ्ट होने वाले 51 हजार 906 यानी 16.72 फीसद वोटर हैं जिनके फॉर्म जमा नहीं हुए. जिन मतदाताओं के नाम एक से अधिक बूथों की मतदाता सूची में दर्ज है उनको तादाद 2 हजार 917 यानी .94 फीसद रही.
दावे और आपत्तियों के लिए 22 जनवरी तक समय
चारों राज्यों में निर्वाचन आयोग ने उन मतदाताओं को मौका दिया है जिनके नाम गलती से कट गए हैं. दावे और आपत्तियां दर्ज कराने की अंतिम तिथि 22 जनवरी 2026 तय की गई है. स्क्रूटनी और सुधार के बाद 21 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची (Final Roll) का प्रकाशन किया जाएगा.
रवीश पाल सिंह / शिबिमोल