'मैं अंतरिक्ष में खड़ा हूं, ये पोस्टर मुझ तक नहीं पहुंचेगा', शुभांशु शुक्ला पर हंगामा काट रहे विपक्ष पर जितेंद्र सिंह ने ली चुटकी

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अंरिक्ष मिशन की सफलता पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत हुई, लेकिन हंगामे के कारण यह आगे नहीं बढ़ सकी. केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने चर्चा की शुरुआत की और विपक्ष को जमकर घेरा.

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जितेंद्र सिंह ने हंगामे पर विपक्ष को घेरा (Photo: ITG) जितेंद्र सिंह ने हंगामे पर विपक्ष को घेरा (Photo: ITG)

पीयूष मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 18 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 8:18 AM IST

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर कदम रखने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के सफल मिशन पर लोकसभा में विशेष चर्चा की शुरुआत करते हुए केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने विपक्ष, खासकर कांग्रेस को जमकर घेरा. चर्चा के दौरान हंगामे को लेकर विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि जब देश सफल अंतरिक्ष मिशन का जश्न मना रहा है, विपक्ष यहां हंगामा कर रहा है. विपक्ष अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई देने में विफल रहा है. पोस्टर लहरा रहे विपक्ष पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा, 'ये पोस्टर मुझ तक नहीं पहुंचेगा, इस समय मैं अंतरिक्ष में खड़ा हूं.'

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डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि आप सरकार से, बीजेपी से नाराज हो सकते हैं. लेकिन यह आश्चर्यजनक है कि आप एक अंतरिक्ष यात्री से भी नाराज हो सकते हैं, जो भारतीय वायु सेना का अनुशासित सिपाही भी है. उन्होंने कहा कि शुभांशु शक्ला बीजेपी के नहीं हैं. वह किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित नहीं हैं. जितेंद्र सिंह ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों पर तंज करते हुए कहा कि आप धरती से नाराज हैं, आप आकाश से नाराज हैं और आज आप अंतरिक्ष से भी नाराज दिख रहे हैं.

दरअसल, चर्चा की शुरुआत डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने की. डॉक्टर सिंह ने जैसे ही बोलना शुरू किया, विपक्षी सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. डॉक्टर सिंह ने विपक्ष से भी चर्चा में शामिल होने की अपील की और कहा कि कोई आए या न आए, विकसित भारत की यह यात्रा अनवरत चलती रहेगी. उन्होंने कहा कि इस अंतरिक्ष यात्रा में शुभांशु शुक्ला के साथ अन्य यात्री भी थे, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण कार्य उन्हें ही सौंपा गया था. डॉक्टर सिंह ने कहा कि यह उनकी काबिलियत को दर्शाता है.

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विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच उन्होंने कहा कि आज हर मां चाहती है कि उसका बच्चा बड़ा होकर शुभांशु शुक्ला बने. जितेंद्र सिंह ने कहा कि एक समय आएगा, जब इतिहासकारों से यह प्रश्न पूछा जाएगा कि क्यों भारत का अंतरिक्ष विभाग 60-70 साल तक अलग-थलग पड़ा रहा. उन्होंने कहा कि इसका जवाब मिलेगा, तब समझ आएगा कि 26 मई 2014 को मोदी सरकार आई और नया अध्याय शुरू हुआ. इसके बाद अंतरिक्ष की इस यात्रा को गति और शक्ति मिली.

8 बिलियन डॉलर की हुई भारतीय स्पेस इकोनॉमी

जितेंद्र सिंह ने कहा कि दूसरा सवाल ये भी पूछा जा सकता है कि ऐसा पहले भी तो हो सकता है. उन्होंने कहा कि इसका जवाब होगा कि नीति नहीं थी. केंद्रीय मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्पेस टेक्नोलॉजी के उपयोग का भी उल्लेख किया और कहा कि यह भी मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद हुआ है. आज हमारी स्पेस इकोनॉमी आठ बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है. आने वाले समय में इसके 45 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.

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उन्होंने कहा कि चांद पर मानव उतरा था, तब हम बच्चे थे और आज चांद पर पानी होने के साक्ष्य हमारा चंद्रयान लेकर आया है. भारत आज फॉलोवर नहीं रहा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि शुभांशु ने भी कई प्रयोग किए हैं, जिन्हें छह श्रेणियों में बांटा गया है. उन्होंने अंतरिक्ष में शुभांशु शुक्ला के प्रयोग गिनाए और कहा कि इन सभी के लिए किट्स हिंदुस्तान में विकसित की गईं. इन प्रयोगों में भी आत्मनिर्भर भारत के मंत्र का पालन हुआ. बहुत से लोग कहते हैं कि आप चांद पर जा रहे हैं, अंतरिक्ष में जा रहे हैं, इसका हमें क्या लाभ है.

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इंफ्रा से डिफेंस तक, गिनाए स्पेस टेक्नोलॉजी के उपयोग

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गतिशक्ति पोर्टल जैसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर और डिफेंस तक, स्पेस टेक्नोलॉजी के उपयोग गिनाए और 2018 में लाल किले की प्राचीर से चांद पर भारतीय को भेजने के ऐलान का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि पीएम के इस ऐलान की पृष्ठभूमि में इसरो ने तैयारी शुरू कर दी. चार लोगों को ट्रेनिंग के लिए चयनित किया गया, जिनमें शुभांशु भी थे. जितेंद्र सिंह ने शुभांशु के अंतरिक्ष मिशन पर हुए खर्च को लेकर भी लोकसभा में जानकारी दी.

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इस दौरान एक मौका ऐसा भी आया, जब विपक्षी सदस्य जितेंद्र सिंह के आगे पोस्टर लहराने लगे. इस पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि ये पोस्टर मुझ तक नहीं पहुंचेगा, इस समय मैं अंतरिक्ष में खड़ा हूं. डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने शुभांशु के अंतरिक्ष मिशन को विश्व बंधुत्व की सबसे प्रमुख मिसाल बाते हुए कहा कि हमें इसका लाभ गगनयान मिशन में भी मिलेगा. उन्होंने 2040 में चांद पर भारतीय को भेजने की योजना बताई और सदन को तब तक के अंतरिक्ष कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी.

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