उत्तर भारत में भारी बारिश के कारण राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पड़ोसी क्षेत्रों में अचानक बाढ़, भूस्खलन और घर ढहने की घटनाएं सामने आई हैं. कई उत्तर भारतीय राज्यों में मूसलाधार बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, जिसमें हिमाचल प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित है. इसके अलावा पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भी जान-माल के नुकसान की खबरें हैं. हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण चार राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 338 सड़कें बंद हो गई हैं.
सैटेलाइट तस्वीरों में देखें बाढ़ ग्रस्त उत्तर भारत
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में गंभीर रूप से जलभराव की वजह से सड़कों से लेकर घरों तक हर जगह पानी ही पानी है. वहीं, हिमाचल में सतलुज नदी उफान पर है, जिसके कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. भारी बारिश के कारण व्यास नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है, जिससे मंडी में भी बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.
बीते रविवार सतलुज व्यास उपग्रह से ली गई तस्वीरों में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि सतलुज नदी से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद घग्गर नदी का जलस्तर उफान पर है और इसकी धारा लगभग 380 मीटर चौड़ी हो गई है. घग्गर राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि शिमला में 104, मंडी में 71 और सिरमौर में 58 सड़कें बंद हैं. इसके अलावा बिजली की 488 और पानी की 116 आपूर्ति लाइनें बाधित हुई हैं.
बारिश बनीं आफत
बता दें कि रविवार शाम से नागल में 115 मिमी, कसौली में 87 मिमी और ऊना में 56 मिमी बारिश दर्ज हुई है. वहीं, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के आंकड़ों के अनुसार, 1 अगस्त से 55 लोग लापता हैं, जिनमें शिमला और कुल्लू जिलों के समेज व बागीपुल क्षेत्र के 33 लोग शामिल हैं.
हरियाणा और पंजाब के रोपड़, आनंदपुर साहिब और होशियारपुर जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के भुंतर, खराल, मंडी और तारादेवी जिलों में भी बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. पंजाब में एक महीने के अंदर दूसरी बार गांवों में बाढ़ आई हुई है, जिससे खड़ी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. वहीं, हरियाणा के यमुनानगर जिले के कई गांव सोम नदी के तटबंध में दरार आने के बाद जलमग्न हो गए हैं.
बिदिशा साहा