रॉबर्ट वाड्रा ने ईडी द्वारा शिकोहपुर लैंड केस में उनके खिलाफ दायर की सप्लीमेंट्री प्रो क्यूटेशन कंप्लेंट (चार्जशीट) पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस चार्जशीट को मौजूदा सरकार द्वारा उनके खिलाफ चलाए जा रहे राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा करार दिया है. वाड्रा ने विश्वास जताया कि अंत में सच की जीत होगी और वो सभी आरोपों से बरी हो जाएंगे.
ईडी द्वारा दायर की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर बयान जारी कर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, उन्हें उन खबरों की जानकारी है, जिनमें दावा किया गया है कि ईडी ने उनके खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में एक अभियोजन शिकायत दायर की है. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि कोर्ट ने अभी इस मामले में संज्ञान नहीं लिया है और उन्हें चार्जशीट की सामग्री की जांच करने का अवसर भी नहीं मिला है.
मैंने हमेशा किया है कानून का सम्मान: वाड्रा
वाड्रा ने कहा, 'मैंने हमेशा कानून का सम्मान किया है और जांच में पूरा सहयोग दिया है. मुझे भरोसा है कि जब सच्चाई सामने आएगी तो मैं सभी आरोपों से बरी हो जाऊंगा.'
वाड्रा ने मौजूदा सरकार पर उनके खिलाफ राजनीतिक बदले की कार्रवाई करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह अभियोजन शिकायत उनकी छवि को धूमिल करने और उन्हें राजनीतिक रूप से निशाना बनाने का एक हिस्सा है. वाड्रा ने जोर देकर कहा कि वह कोर्ट में अपना पक्ष रखने और अपना नाम साफ करने के अवसर का इंतजार कर रहे हैं.
'वाड्रा समेत 11 के खिलाफ चार्जशीट दायर'
वहीं, शिकोहपुर भूमि सौदा मामले में ED ने रॉबर्ट वाड्रा दायर की सप्लीमेंट्री प्रो क्यूटेशन कंप्लेंट के बारे में जानकारी देते हुए अधिकारी ने कहा, गुरुवार को दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट में 11 व्यक्तियों/संस्थाओं के विरुद्ध एक अभियोजन शिकायत भी दायर की गई, जिसमें रॉबर्ट वाड्रा, मेसर्स स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड व अन्य सहित उनकी संस्थाएं, सत्यानंद याजी और केवल सिंह विर्क, मेसर्स ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड सहित उनकी संस्था को आरोपी बनाया गया है. हालांकि, कोर्ट द्वारा उक्त अभियोजन शिकायत पर अभी तक संज्ञान नहीं लिया गया है.
साथ ही अधिकारी ने बताया कि रॉबर्ट वाड्रा और उनकी संस्थाओं से जुड़ी 36 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की 43 संपत्तियां कुर्क कर ली हैं.
2018 में दर्ज हुई थी FIR
अधिकारी ने बताया कि गुरुग्राम पुलिस ने 01.09.2018 को एफआईआर संख्या 288 दर्ज की थी, जिसमें रॉबर्ट वाड्रा द्वारा अपनी कंपनी मेसर्स स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के जरिए से 12.02.2008 को मेसर्स ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड से फर्जी घोषणा के माध्यम से गुरुग्राम के सेक्टर 83, शिकोहपुर गांव में स्थित 3.53 एकड़ जमीन की धोखाधड़ी से खरीद का आरोप लगाया गया था.
इसके अलावा रॉबर्ट वाड्रा ने अपने व्यक्तिगत प्रभाव से उक्त ज़मीन पर व्यावसायिक लाइसेंस भी प्राप्त कर लिया था. इस मामले में 16.07.2025 को एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया गया है, जिसके तहत वाड्रा और उनकी कंपनियों यानी मेसर्स स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य से संबंधित 37.64 करोड़ रुपये की 43 अचल संपत्तियां कुर्क की गई हैं.
क्या है मामला
आपको बता दें कि ये मामला हरियाणा के शिकोहपुर गांव में 3.2 एकड़ जमीन सौदे से जुड़ा है, जिसमें ईडी ने भ्रष्टाचार, जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोपों की जांच शुरू की थी. सितंबर 2018 में रॉबर्ट वाड्रा, तत्कालीन हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रियल एस्टेट कंपनी DLF और एक प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. ईडी ने हाल ही में इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है, जिसमें वाड्रा को आरोपी बनाया गया है.
मौसमी सिंह