कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) वाई पूरन कुमार की मौत पर बयान दिया है. पूरन कुमार मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने घर में गोली लगने से घायल अवस्था में पाए गए थे. राहुल गांधी ने मौत के पीछे जातिगत भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा के आईपीएस अधिकारी की 'आत्महत्या' "गहराते सामाजिक जहर" का प्रतीक है.
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "हरियाणा के IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार जी की आत्महत्या उस गहराते सामाजिक ज़हर का प्रतीक है, जो जाति के नाम पर इंसानियत को कुचल रहा है. जब एक IPS अधिकारी को उसकी जाति के कारण अपमान और अत्याचार सहने पड़ें - तो सोचिए, आम दलित नागरिक किन हालात में जी रहा होगा."
उन्होंने आगे कहा कि रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि की हत्या, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का अपमान और अब पूरन जी की मृत्यु - ये घटनाएं बताती हैं कि वंचित वर्ग के ख़िलाफ़ अन्याय अपनी चरम सीमा पर है.
राहुल ने कहा, "जब एक आईपीएस अधिकारी को अपनी जाति के कारण अपमान और उत्पीड़न सहना पड़ता है, तो कल्पना कीजिए कि एक आम दलित नागरिक किन परिस्थितियों में जी रहा होगा."
मिला सुसाइड नोट...
2001 बैच के हरियाणा कैडर के अधिकारी पूरन कुमार चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित अपने घर में कथित तौर पर गोली लगने से मृत पाए गए. उन्होंने एक कथित सुसाइड नोट भी छोड़ा था.
उनकी पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने बुधवार को राज्य के डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन पर जाति आधारित भेदभाव और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि डीजीपी हरियाणा शत्रुजीत सिंह कपूर के निर्देश पर उन्हें झूठे सबूत गढ़कर शिकायत में फंसाने की साजिश रची जा रही है.
'BJP-RSS की नफ़रत और मनुवादी सोच...'
राहुल गांधी ने रायबरेली में हाल ही में हुई हरिओम वाल्मीकि की हत्या और सुप्रीम कोर्ट में भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश का भी ज़िक्र किया और कहा कि हाशिए पर पड़े लोगों के ख़िलाफ़ अन्याय चरम पर पहुंच गया है. उन्होंने बीजेपी और आरएसएस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उनकी "नफरत और मनुवादी मानसिकता" ने समाज में ज़हर भर दिया है.
राहुल गांधी ने कहा, "BJP-RSS की नफ़रत और मनुवादी सोच ने समाज को विष से भर दिया है. दलित, आदिवासी, पिछड़े और मुस्लिम आज न्याय की उम्मीद खोते जा रहे हैं. ये संघर्ष केवल पूरन जी का नहीं - हर उस भारतीय का है जो संविधान, समानता और न्याय में विश्वास रखता है."
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