पीएम मोदी के देश के नाम संबोधन से पहले कांग्रेस ने उठाए सवाल, पूछा- क्या प्रधानमंत्री H1B वीजा और टैरिफ पर करेंगे बात?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 5 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे. इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 42वीं बार दावा किया कि उन्होंने अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापार का फायदा उठाकर ऑपरेशन सिंदूर को रोका. उन्होंने पूछा कि क्या पीएम H1B वीज़ा धारकों, किसानों और मजदूरों की चिंताओं पर जवाब देंगे या केवल नई GST दरों की जानकारी दोहराएंगे.

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कांग्रेस ने पूछा कि क्या पीएम मोदी H1B वीज़ा और टैरिफ पर जवाब देंगे (File Photo: PTI) कांग्रेस ने पूछा कि क्या पीएम मोदी H1B वीज़ा और टैरिफ पर जवाब देंगे (File Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:08 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 5 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे. इससे पहले कांग्रेस ने कई सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पीएम राष्ट्र को संबोधित करने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन वाशिंगटन डीसी में उनके करीबी मित्र अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर उनकी चमक छीन ली. ट्रंप ने 42वीं बार दावा किया कि उन्होंने अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापार का फायदा उठाकर ऑपरेशन सिंदूर को रोका. उन्होंने ये दावा अमेरिका के अलावा सऊदी अरब, कतर और ब्रिटेन में भी किया है.

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जयराम रमेश ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी इन दावों का जवाब देंगे और भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते तनावपूर्ण संबंधों पर खुलकर बात करेंगे? क्या वे लाखों H1B वीज़ा धारकों की चिंताओं को संबोधित करेंगे? क्या वे उन करोड़ों किसानों और मजदूरों को कुछ आश्वासन देंगे, जिनकी आजीविका उनके अच्छे मित्र के लगाए गए टैरिफ के कारण खतरे में है? या क्या वे केवल नई GST दरों की जानकारी दोहराएंगे, जो हताशा में बनाई गई थीं और कल से लागू हो रही हैं?

बताया जा रहा है कि पीएम मोदी आज जीएसटी सुधारों पर जानकारी दे सकते हैं. हाल ही में सरकार ने GST 2.0 के तहत कई उत्पादों पर जीएसटी की दरों में कमी की है. अब सिर्फ 2 जीएसटी स्‍लैब 5% और 18% ही रखे गए हैं, जबकि 12 फीसदी और 28 फीसदी टैक्‍स स्लैब को खत्‍म कर दिया गया है. 

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पीएम मोदी का ये संबोधन ऐसे समय में हो रहा है, जब पिछले कुछ महीनों में अमेरिका के साथ भारत के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. इसका कारण अमेरिका द्वारा रूस से तेल खरीद पर भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाना है, जिसमें 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है. साथ ही ट्रंप प्रशासन ने नए एच-1बी वीज़ा आवेदनों पर सालाना शुल्क बढ़ाकर 1,00,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) कर दिया है, जिससे भारतीयों खासकर एच-1बी धारकों में चिंता और अस्थिरता फैल गई है. 

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