संसद के चालू मॉनसून सत्र के 20वें दिन भी दोनों सदनों में बिहार वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर गतिरोध जारी रहा. दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही पहले दोपहर 12 और फिर दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. लोकसभा में विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऑनलाइन गेमिंग के प्रमोशन और रेगुलेशन से संबंधित बिल पेश किया. इस दौरान हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों ने उनके सामने पोस्टर लहराए.
इस बिल पर चर्चा की शुरुआत नहीं हो सकी और पीठासीन पीसी मोहन ने कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी. लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने से पहले संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने नारेबाजी कर रहे विपक्ष पर जोरदार हमला बोला. रिजिजू ने कहा कि जब से मॉनसून सेशन शुरू हुआ, इस तरह का नारा ये लगाते रहते हैं. उन्होंने कहा कि कैप्टन शुभांशु शुक्ला को सम्मानित करने के लिए, चर्चा के लिए तीन दिन से लिस्ट में बिजनेस तय किया गया है.
किरेन रिजिजू ने कहा कि बहुत दुख की बात है कि जो नायक अंतरिक्ष में भारत का झंडा लहराकर आए, उनको सम्मानित करने का मौका भी विपक्ष के लोगों ने नहीं दिया है. उन्होंने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा कि आप लोग बाहर जाकर देखिए, कितना खराब लगता है. आपकी इन हरकतों पर दुनिया हंसती है. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि अब स्कूल के बच्चे भी बोलने लग गए हैं कि मेंबर ऑफ पार्लियामेंट ऐसे व्यवहार करते हैं क्या.
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उन्होंने विपक्ष को सोचने की सलाह दी और कहा कि सरकार के बिजनेस तो हम पारित करके रहेंगे. देश और समाज के हक में लोगों ने जो दायित्व दिया है, हम काम करेंगे. हंगामा करने से नुकसान आप लोगों का ही होता है. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि ये सदन सबका है. सभी सदस्यों का है. हंगामे का सबसे ज्यादा नुकसान विपक्ष के नए साथियों का होता है. उन्होंने कहा कि आप लोग सोचते हैं कि हंगामा करने से कुछ फायदा होगा. जो ज्यादा हंगामा करेगा, जनता उसको पूरा नकार देगी.
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किरेन रिजिजू ने कहा कि आप लोगों (विपक्ष) को कोई सहानुभूति प्राप्त होने वाली नहीं है. उन्होंने विपक्षी सदस्यों से बिल्स पर चर्चा में भाग लेने, कैप्टन शुभांशु शुक्ला को सम्मानित करने में साथ देने की अपील की. इससे पहले, 11 बजे जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष के जोरदार हंगामे के कारण कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. हंगामे के कारण प्रश्नकाल नहीं चल सका. राज्यसभा में भी कार्यवाही नहीं चल सकी और पहले दोपहर 12, फिर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी.
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