असम और पूर्वोत्तर के लोग वर्षों से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) खोलने की मांग कर रहे थे. मोदी सरकार ने अब असम और पूर्वोत्तर की यह वर्षों पुरानी मांग पूरी कर दी है. असम के गुवाहाटी में आईआईएम खुलेगा. गुवाहाटी में आईआईएम की स्थापना से संबंधित बिल लोकसभा से पारित हो गया है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुवाहाटी में आईआईएम की स्थापना से संबंधित बिल पेश किया, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.
यह बिल लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद आठ मिनट के भीतर ही बगैर चर्चा पारित हो गया. दरअसल, लोकसभा की कार्यवाही हंगामे के कारण पहले 12, फिर 2 और फिर 4 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. शाम चार बजे जब चौथी बार सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तब आसन पर असम से आने वाले सांसद दिलीप सैकिया आए. डिप्टी स्पीकर पैनल के दिलीप सैकिया ने हंगामा कर रहे विपक्ष के सदस्यों से कार्यवाही चलने देने की अपील की और कहा कि असम से, पूर्वोत्तर से संबंधित महत्वपूर्ण बिल आने वाला है.
दिलीप सैकिया की अपील का विपक्ष के सदस्यों पर कोई असर नहीं पड़ा. विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के बीच ही शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने असम के गुवाहाटी में आईआईएम की स्थापना से संबंधित विधेयक पेश किया. उन्होंने कहा कि असम के मुख्यमंत्री ने हाल ही में प्रधानमंत्री से मुलाकात कर भी आईआईएम खोलने की मांग की थी. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि देश में अभी 21 आईआईएम हैं. उन्होंने यह भी कहा कि गुवाहाटी में आईआईएम के लिए भारत सरकार 550 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
धर्मेंद्र प्रधान ने .यह बिल पेश करते हुए कहा कि इसके लिए जमीन और अन्य सपोर्ट असम सरकार उपलब्ध कराएगी. उन्होंने कहा कि आईआईएम की प्रतिष्ठा वैश्विक स्तर पर भी बढ़ी है. आईआईएम की मांग विदेशों से भी आ रही है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि आईआईएम अहमदाबाद की ब्रांच दुबई में भी खुलने वाली है. उन्होंने सभी सदस्यों से इस बिल पर चर्चा में सहभागिता करने, इसे पारित कराने का अनुरोध किया. हालांकि, हंगामा जारी रहा और यह बिल बगैर चर्चा के ही पीठासीन ने पारित किए जाने के लिए ले लिया.
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यह बिल ध्वनिमत से पारित हो गया. इस दौरान विपक्ष के सदस्यों ने वेल में हंगामा करते-करते ही जोर से नो कहा. इस पर पीठासीन दिलीप सैकिया ने कहा कि असम में आईआईएम की स्थापना के लिए नो मत बोलिए. असम और पूर्वोत्तर के सभी सांसदों को इसके पक्ष में मतदान करना चाहिए. यह बिल ध्वनिमत से पारित होने के बाद लोकसभा की कार्यवाही बुधवार, 20 अगस्त को दिन में 11 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा पीठासीन दिलीप सैकिया ने कर दी.
खान एवं खनिज बिल राज्यसभा से पास
वहीं, राज्यसभा में खान और खनिज मंत्री जी किशन रेड्डी ने खान एवं खनिज विधेयक पेश किया, जिसपर संक्षिप्त चर्चा हुई. विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस चर्चा के दौरान वॉकआउट किया. सत्ताधारी एनडीए के घटक दलों के सदस्य चर्चा में शामिल हुए और करीब दो घंटे तक चली चर्चा के बाद मंत्री जी किशन रेड्डी ने इसका जवाब दिया.
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उन्होंने कहा कि क्रिटिकल मिनरल्स के लिए भारत सरकार 33 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी. खान एवं खनिज मंत्री के जवाब के बाद ध्वनिमत से यह बिल राज्यसभा से पास हो गया. बिल पारित होने के तुरंत बाद आसन से पीठासीन घनश्याम तिवाड़ी ने सदन की कार्यवाही 20 अगस्त को दिन में 11 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी.
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