'विपक्ष को एकजुट करे कांग्रेस, नेतृत्व पर बाद में फैसला', सामना में सोनिया-राहुल को सलाह

'सामना' में कहा गया है कि 2024 में प्रधानमंत्री का उम्मीदवार कौन होगा? यह बाद में भी तय किया जा सकता है, लेकिन पहले एक टेबल पर बैठकर चर्चा होनी जरूरी है और इसके लिए कांग्रेस के पहल करने में कोई दिक्कत नहीं है. 

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उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो) उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)

पंकज उपाध्याय

  • मुंबई,
  • 22 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 9:40 AM IST

शिवसेना (UBT) ने 'सामना' में कहा कि विपक्षी एकता सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस को नेतृत्व करना चाहिए. हालांकि प्रधानमंत्री कौन बनेगा इस पर बाद में फैसला किया जा सकता है. इसमें कहा गया है कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा से खुद को साबित कर दिया है. 

'सामना' में कहा गया है कि 2024 में प्रधानमंत्री का उम्मीदवार कौन होगा? यह बाद में भी तय किया जा सकता है, लेकिन पहले एक टेबल पर बैठकर चर्चा होनी जरूरी है और इसके लिए कांग्रेस के पहल करने में कोई दिक्कत नहीं है. शिवसेना (उद्धव) के मुखपत्र में राहुल गांधी की तारीफ की गई है. इसमें कहा गया है कि राहुल गांधी का नेतृत्व ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से मजबूत और परिपक्व हुआ है. उन्होंने पूरे देश में पैदल चलकर और उसके बाद संसद सत्र में हिंडनबर्ग और मोदी-अडानी दोस्ती मामले पर जोरदार हमला बोलकर मोदी का वस्त्र हरण किया.  

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सामना में राहुल गांधी की तारीफ

'सामना' में लिखा कि राहुल गांधी के आरोपों का पीएम मोदी जवाब नहीं दे पाए और भाषण के दौरान उनका गला सूख रहा था. बार-बार पानी पीना पड़ रहा था. इसका मतलब यह है कि अगर विपक्ष एकजुट हो जाए तो 2024 में भाजपा को पानी पिलाना आसानी से संभव है.  

शिंदे गुट को लेकर चुनाव आयोग पर निशाना

चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना का नाम और निशान शिंदे गुट को सौंपने को लेकर निशाना साधा गया है. इसमें लिखा है कि देश में तोड़-फोड़ो और राज करो की नीति चल रही है. इसके लिए चुनाव आयोग से लेकर न्यायालय, जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. महाराष्ट्र में शिवसेना को तोड़ा और बागी गुट को असली ‘शिवसेना’ ठहराकर उन्हें धनुष-बाण चिह्न ‘बेच’ दिया. पार्टी के अंदरूनी झगड़े में या तो चिह्न फ्रीज किया जाता है या फिर मूल पार्टी के पास ही रहने दिया जाता है. यहां तो स्पष्ट नजर आ रहा है बागियों ने उसे खरीद लिया.  

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विपक्ष को सलाह- अहंकार छोड़ें

'सामना' में विपक्ष से अपील की गई है कि विपक्ष को अपने अहंकार को छोड़कर देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए साथ आना चाहिए. हर राज्य में बीजेपी के खिलाफ गुस्सा है. ढोंगी राष्ट्रवाद और कट्टरता का जहर फैलाकर चुनाव जीतने वालों के खिलाफ सभी विपक्षी दलों का एकजुट हो जाना ही भाजपा की पाखंडी देशभक्ति का एकमात्र जवाब होगा.  

 

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