पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बात करते हुए प्रवासी मजदूरों के पुनर्वास के लिए एक नई योजना का ऐलान किया. इस योजना का नाम ‘श्र्मश्री (Sramasree)’ रखा गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो प्रवासी मजदूर वापस बंगाल लौटना चाहते हैं, उन्हें सरकार आर्थिक मदद देगी. योजना के तहत उन्हें प्रति महीने 5,000 रुपये की मदद 12 महीनों तक दी जाएगी. यह आर्थिक सहायता तब तक मिलेगी जब तक उन्हें रोजगार नहीं मिल जाता.
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ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी शासित राज्यों में प्रवासी मजदूरों को "सोची-समझी साजिश के तहत हमलों" का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, "लगभग 22 लाख प्रवासी मजदूर और उनके परिवारों को अन्य राज्यों में परेशान किया गया है, खासकर उन राज्यों में जहां डबल इंजन की सरकारें हैं. वे योजनाबद्ध हमलों का शिकार हो रहे हैं."
बंगाली भाषा बोलने के लिए लोगों को परेशान किया जा रहा है!
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी दे दी है ताकि प्रवासी मजदूरों को फिर से बसने में मदद मिल सके और वे अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू कर सकें. उन्होंने यह भी कहा कि अन्य राज्यों में बंगाल से गए मजदूरों को उनकी भाषा के कारण परेशान किया जा रहा है.
बंगाल के 22 लाख प्रवासी मजदूर अन्य राज्यों में कर रहे काम!
ममता बनर्जी ने कहा, "सिर्फ बंगाली बोलने की वजह से उन्हें अपराधी करार दिया जा रहा है. आज 22 लाख प्रवासी मजदूर, जो पश्चिम बंगाल से अन्य राज्यों में काम कर रहे हैं, बंगाली बोलने की वजह से परेशान हो रहे हैं."
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ममता बनर्जी ने साफ किया कि यह योजना केवल बंगाली प्रवासी मजदूरों के लिए होगी. उन्होंने कहा, "नई योजना श्र्मश्री जल्द ही पश्चिम बंगाल में शुरू होगी. प्रवासी मजदूर अगर बंगाल लौटते हैं तो उन्हें एक साल तक 5,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. यह योजना श्रम विभाग के तहत लागू की जाएगी."
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